Saturday, September 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

संसार का बदलता स्वरूप

काकोली बिश्वास
सिमुलतला (बिहार)

********************

संसार का बदलता स्वरूप
हो रहा कुत्सित, बड़ा कुरूप
मर्यादा रहती ताखों पर, और
बड़े-बुजुर्ग हैं, खामोश और चुप!

युवाओं का मन डोल रहा
संस्कारों की कमी बोल रहा
बोले इनका असंयमित मन
धैर्य का हुआ अब वक्त खतम!

बनना था इन्हें हमारा कल
ये हैं अटूट-अडिग-अचल
ये कहते चाहे जो हो जाए
न बनेंगे हम भारत का बल
न बनेंगे हम भारत का कल!

हम अपनी धुन पर चलते चले
हमें दुनिया की परवाह कहाँ,
हमारा अपना जहाँ वहां….
सुख-समृद्धि-कुकृत्य जहाँ!
नशा जुर्म हमसे हैं फलते
अपने पास है वक्त कहां!!

ईश्वर के हम अद्भुत सृष्टि
मानव का ऊर्जामय रूप
पर इस ऊर्जा की बर्बादी पर
देश की जनता क्यूँ है चुप???

क्यों नहीं ये आवाज उठाती
इन्हें सही राह पर लाती…
‘बिगड़ा युवा, बिगड़ेगा देश’
क्यों आखिर ये समझ न आती?

शेष है अब भी वक्त है थोड़ा
लोहा है गर्म मारो हथौड़ा…
न जाने किस करवट बदले
देश की नियति, लगाम का घोड़ा

संस्कारों का रसपान कराओ
युवा वर्ग में अलख जगाओ..
मोड़ सके हर विपरीत रूख को
गर करे मन से मेहनत पूरा!!!

परिचय :- काकोली बिश्वास
बिहार के जमुई जिला अन्तर्गत सिमुलतला की निवासी काकोली बिश्वास की कला हमेशा से रुचि रही है और जवाहर नवोदय विद्यालय के उत्कृष्ट वातावरण ने इनके रचनात्मकता को एक नया आयाम दिया। कविता लेखन के अलावा पैंटींग, फोटोग्राफी, गाना, घुमना आदि में भी आपकी रूचि हैं। वर्तमान में आप एक कंपनी में कार्यरत टेक उद्यमी हैं।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *