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चुनौती

श्रीमती लिली संजय डावर
इंदौर (म .प्र.)

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अच्छा बच्चों अब हम कल नया पाठ पढ़ेंगे…कहते हुए नीलिमा ने मोबाइल ऑफ कर दिया। नीलिमा हायर सेकेंडरी स्कूल में रसायन शास्त्र व्याख्याता के पद पर पदस्थ है और इस लॉक डाउन के समय में मोबाइल पर ज़ूम एप के माध्यम से बच्चों को विज्ञान, केमिस्ट्री,बायोलॉजी आदि विषयों के पाठ पढ़ा रही है। मम्मी-मम्मी आपका फ़ोन दो ना, मुझे गेम खेलना है कहते हुए मिनी ने नीलिमा के हाथ से मोबाइल ले लिया, मिनी नीलिमा की बिटिया है जिसे अभी नौंवी कक्षा में जनरल प्रमोशन मिला है। ठीक है थोड़ी देर गेम खेलकर कुछ देर साइंस भी पढ़ लेना बेटा, नीलिमा ने मिनी को समझाते हुए कहा। ओके मम्मा,कहते हुए मिनी फ़ोन पर गेम खेलने लगी, नीलिमा किचन में जाकर खाने की तैयारी करने लगी, थोड़ी ही देर में मिनी आकर नीलिमा से बोली मम्मा ये फेस बुक पर चारु आंटी का चैलेंज है आपके लिए साड़ी में फ़ोटो डालने का, मिनी ने मोबाइल मेरे हाथ मे देते हुए कहा। नीलिमा ने देखा कि फेसबुक पर इस समय बहुत सारे चैलेंजेस चल रहे है, इसी क्रम में उसकी फ्रेंड चारु ने भी साड़ी में फ़ोटो पोस्ट करने का चैलेंज दिया था, वो पूरी पोस्ट पढ़ पाती इससे पहले पीछे से आवाज़ आयी, श्रीमतीजी क्या आप मेरा भी एक चैलेंज स्वीकार करेंगी, नीलिमा का पति रजनीश किचन में मिनी के पास आकर खड़ा हो गया था, हाँ मम्मा आपको पापा का चैलेंज स्वीकार करना पड़ेगा मिनी ने रजनीश की बात का समर्थन किया। अरे कौन किसको चैलेंज दे रहा है ? कहते हुए नीलिमा की सास यशोदा भी किचन में आ गयी, अरे कुछ नही माँजी ये फेस बुक पर टाइम पास चल रहा है, आपस मे फ्रेंड्स एक दूसरे को एक टॉपिक तय करके चैलेंज दे रहें है, चलो अब सभी खाना खाते हुए बात करेंगे, नीलिमा दाल चावल के डोंगे उठाकर किचन से डाइनिंग टेबल की तरफ जाते हुए बोली। मिनी और रजनीश भी खाली प्लेट्स, कटोरी और पानी की बॉटल्स उठाकर नीलिमा की मदद करने लगे। हाँ रजनीश अब बोलो आप मुझे क्या चैलेंज देना चाहते हैं ? प्लेट में दाल चांवल को चम्मच से मिलाते हुए नीलिमा ने अपने पति रजनीश की ओर देखकर पूछा, हाँ पापा बोलिये ना, मिनी बीच मे उत्साह से बोली। नीलू मेरा चैलेंज ये है की तुम साइंस की टीचर हो, केमिस्ट्री, बायोलॉजी पढ़ाती हो, हाँ तो चैलेंज का मेरे सब्जेक्ट से क्या लेना देना, रजनीश की बात को बीच मे काटकर नीलिमा ने हँसते हुए कहा, बहू पहले उसकी बात तो पूरी होने दे, रोटी को दाल में चूरते हुए उसकी सास यशोदा ने कहा। पापा आगे बोलिये ना, हाँ तो मेरा चैलेंज ये है की तुम कोरोना के संकट के समय और लॉक डाउन को केमिस्ट्री, बायोलॉजी औऱ विज्ञान विषय से जोड़ कर समझाओ, मिनी के बोलने पर रजनीश ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा।
ओके चैलेंज एक्सेप्ट, स्वीकार श्रीमान जी, नीलिमा ने पानी पीते हुए प्यारे से अंदाज़ में उत्तर दिया। तो अब मम्मा आपका समय शुरू होता है अब, मिनी ने टेबल पर चम्मच बजाते हुए अपनी दादी यशोदा से हाथ मिलाकर पूरे जोश और उत्साह से बोला।
तो चलो हम इस पानी से ही इसकी शुरुआत करते हैं, नीलिमा ने बोतल में से पानी को थोड़ा-थोड़ा ग्लास, कटोरी, चम्मच और प्लेट में डालते हुए कहा। ये क्या बहू, हमें कुछ समझ नही आया, नीलू इस प्रकार तुम क्या कहना चाहती हो, रजनीश ने अपनी माँ यशोदा की हाँ में हाँ मिलाते हुए पूछा। इस पानी को देखो इसका सूत्र होता है H२O, इसे मैंने अलग-अलग आकार के पात्रों में डाला तो ये उसी पात्र के आकार का हो गया, तो इसमें नया क्या हुआ नीलू,रजनीश ने उन पानी से भरे पात्रों की तरफ देखते हुए पूछा, इसमें कुछ नया नही है, लेकिन इसका सबंध कोरोना के लॉक डाउन से क्या है, ये सुनो, मिनी और दादी नीलिमा की बात को बड़े ध्यान से सुन रहीं थी, जिस प्रकार H२O अर्थात पानी हर परिस्थिति में समझौता कर लेता है, वैसे ही हमने भी इस संकटकाल में समझौता किया, बहू जैसे हमारे खाने में रोज दाल, चावल दो सब्जी रोटी , सलाद नमकीन आदि होता था, लेकिन अब केवल एक दाल या फिर एक सब्जी बनती है, बिल्कुल माँजी, मैं यही कहना चाह रही हूँ की इस समय हमारे गुण H२O अर्थात पानी से मिल रहे हैं, वाह नीलू बहुत बढ़िया बात कही तुमने, रजनीश ने टेबल से बर्तन समेटते हुए कहा, मम्मा ये तो एक ही बात हुई ,और भी बताईये ना, मिनी टेबल को कपड़े से साफ करते हुए बोली। ठीक है तो सुनो केमिस्ट्री में एक शब्द होता है बॉन्डिंग…जो इलेक्ट्रॉन के आदान प्रदान से, साझा करने से और कभी डोनेट करने से भी बनती है। बहू इसे थोड़ा और स्पष्ट करो,यशोदा बेसिन में हाथ धोते हुए बोली, माँजी आप देख रही हो की अभी हमने खाना खाया, इसमें सबने मिलकर आपस मे कामों को साझा किया, इस समय लोग जरूरत मंदों को राशन आदि दान दे रहें है, घरों में रहने से बच्चों बुजुर्गों के बीच एक मधुर और मजबूत संबंध स्थापित हो रहा है। तो आप देखिए की इन सब कार्यों से इस समय रिश्तों में, अनजान लोगों में एक बॉन्डिंग बन रही है। घर के लोगों में आपसी प्रेम की केमिस्ट्री दिखाई दे रही है। वाह मम्मी, आपने तो पापा के चैलेंज को जीत लिया, मिनी खुशी में जोर से चिल्लाई, नही नीलू अभी चैलेंज पूरा नही हुआ अभी तो बायोलॉजी अर्थात जीव और वनस्पति शास्त्र की बात तो हुई नही, रजनीश ने मिनी की बात के बीच मे मुस्कुराते हुए नीलम से कहा। ठीक है अब ये बताओ रजनीश की तुम्हे आफिस के टूर के कारण बाहर के खाने, रात में देर से खाने आदि से ज्यादातर पेट दर्द, एसिडिटी, अपच की शिकायत रहती थी, तुम्हारा पाचन तंत्र ठीक से काम नही करता था, अब पिछले सत्रह दिनों में क्या तुम्हें पेट मे कोई तकलीफ हुई, नही नीलू, तुम सही कह रही हो।
अब श्वसन तंत्र की बात करे तो इतने दिनों से कोल्ड्रिंक, आइस क्रीम आदि ठंडी वस्तुएँ उपयोग नहीं होने से मिनी को ब्रोंकाइटिस की तकलीफ भी नही हुई, क्या उसे इन्हेलर देने की आवश्यकता महसूस हुई, नहीं ना, हाँ मम्मा अब रात को भी मैं आराम से सोती हूँ, मिनी बोली, और मैं भी तो अब आराम से सोती हूँ, देर रात तेरे लिए दरवाजा जो नहीं खोलना पड़ता बेटा, और नींद पूरी होने से मेरा ब्लड प्रेशर और शुगर भी नार्मल रहते हैं सोफे पर बैठी यशोदा ने लेटते हुए कहा। चलो मान लिया की ये सब बायोलॉजिकल क्रियाएं हैं रजनीश ने कहा तो अब बचा वनस्पति शास्त्र ठीक है ना पतिदेव, नीलिमा ने रजनीश को बीच मे ही छेड़ते हुए कहा, जी श्रीमती जी आगे बोलिये, रजनीश ने भी उसी अंदाज में उत्तर दिया।
देखो सामने बगीचे में, तुम्हे इतनी गर्मी में भी हरियाली दिखाई दे रही है, नीलिमा ने रजनीश को गैलरी में से सामने दिखाते हुए कहा, अभी हमें पता है की ना यहां माली है ना ही कोई पानी की व्यवस्था फिर भी पेड़ पौधे फलफूल रहें हैं, ऐसा क्यों मम्मा, मिनी ने गैलरी में आकर नीलिमा से पूछा, बेटा वो इसीलिए, क्यों कि हम सब मनुष्य अपने घर में हैं, जिससे वातावरण में गाड़ियों, कारखानों आदि विभिन्न तरीकों से होने वाला प्रदूषण कम हो गया है, स्वच्छ पर्यावरण में वृक्षों की श्वसन एवं प्रकाश संश्लेषण की क्रिया हो रही है साथ ही वृक्षों से हमें भी शुद्ध ऑक्सीजन मिल रही है। पूरा पर्यावरण, हवा, पानी सभी साफ सुथरा हो गया है और इससे….अरे बस बस नीलू, आगे और नहीं, नीलिमा को बोलने से रोकते हुए रजनीश मिनी और नीलिमा का हाथ पकड़कर कमरे में आ गया।
तो बहू चैलेंज जीत गयी, यशोदा ने खुश होकर चश्मा लगाकर बैठते हुए कहा, जी माँ, तो अब इस सेवक के लिए क्या हुक्म है, रजनीश ने नीलिमा के सामने घुटने पर बैठकर हाथ जोड़ते हुए रोमांटिक अंदाज़ में पूछा, सभी के लिए अदरक वाली चाय बनाकर पेश की जाए, नीलिमा ने नाटकीय तरीके से अपनी आवाज़ को रौबदार बनाते हुए कहा और सभी इस तरह हँसने लगे मानो लाफिंग गैस (नाइट्रस ऑक्साइड) वातावरण में घुल गयी हो और कोरोना को आपसी प्यार की केमिस्ट्री चैलेंज दे रही हो।

परिचय : श्रीमती लिली संजय डावर
सम्प्रति : प्राचार्य शा. हाई स्कूल पेडमी तह. जिला इंदौर
उपलब्धियां व लेखन : विभिन्न शैक्षिक एवं साहित्यिक मंचों से विचार अभिव्यक्ति, संचालन, स्वरचित सरस्वती वंदना, देशभक्तिगीत, विभिन्न विषयों पर कविता, कहानी लेखन।
अन्य : विगत १५ वर्षों तक आकाशवाणी के विभिन्न कार्यक्रमों, वार्ता, सामयिक विषयों पर परिचर्चा, शिक्षा में परीक्षा की तैयारी कैसे करें आदि में सहभागिता।


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