Thursday, November 7राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

वह आगे बढ़ती औरत

दिव्या राकेश शर्मा
गुरुग्राम, हरियाणा

********************

दहलीज लांघ कर स्त्री
जब पकड़ने चलती है स्वालंबन के चाँद को,
तो वह अकेले नहीं होती
साथ ले चलती है अनगिनत चिंताएँ।
करने लगती है इंतजाम उन सभी चिंताओं का।
सुबह की चाय से लेकर रात के खाने की
बाबू की दवा से लेकर अम्मा के चश्मे का।

चलते हुए कदमों में
शामिल होती है एक बेबसी भी
जो उसकी छातियों से जम जाती है
और नजर आती है वह मासूम आँखें
जिनमें छलकती दिखती हैं कुछ बूंदें
आँसुओं की और एक मद्धिम आवाज।
इन आवाजों को सीने से लगाए
वह चलती रहती है।

डेस्कटॉप पर निगाहें टिकी है लेकिन
दिल वहाँ अटका हुआ होता है जहाँ पर
छोड आती है उस मासूम चेहरे को।
हाथों को चलाते दिमाग कहीं और अटकाए
कर रही है साफ फिसलन भरे फर्श पर
निराशाओं का जमा पानी।

सफलता के लिए कर रही हैं समझौते
अपनी नींद और भूख से भी
यह भूख बेतरतीबी से बिखरी जिंदगी में
खोए प्यार को पाने की भी है।

उस चाँद को पकड़ने के लिए
पार करने होंगे अनगिनत सूरज
जो तपा रहे है उसकी रूह को
जला कर उसके ख्वाबों को।
इन सूरज के साथ एक आकाश गंगा भी है
असंख्य रिश्तों को लपेटे हुए।
इन रिश्तों को वह सहेज लेती है दामन में
और बांध लेती है एक पोटली।

चेहरे पर एक मुस्कान लाने के लिए
ओढ़ लेती है कुछ सौंदर्य प्रसाधन
ताकि उसकी खिलखिलाहट में
झलके आत्मविश्वास।
यकीन मानिए वह इन सफलताओं में
भी ढूंढती है अपनी उन चिंताओं को
जो शामिल है जिसकी जिंदगी में।

.

लेखक परिचय :-  दिव्या राकेश शर्मा निवासी – गुरुग्राम, हरियाणा

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻hindi rakshak manch 👈🏻 … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *