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वो लड़की

धैर्यशील येवले
इंदौर (म.प्र.)

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ये कविता मैंने झाबुआ के राजनैतिक, सामाजिक, पृष्ठभूमि को केंद्र में रख लिखी है, वनवासी जनो के दोहन, शोषण, सरलता, सपने, कुरीतियों को शब्दों में पिरोया गया है, कृपया ध्यान से पढ़ कविता के मर्म महसूस करे, कविता की नायिका १६,१७ साल की नवोढ़ा है …

टूटी हुई खपरैल की छत से
आती सूरज की रोशनी देख
पट रहित दरवाज़े से बाहर
आकर ,चारो तरफ देख
धूप अभी गर्म नही हुई
सोचती है, वो लड़की।

बदरंग होते मटके के पेंदे में
कपड़े की चिन्धी को ठूस छिद्र
बंद कर, हैंड पम्प के नीचे रख
बारम्बार हत्थे को चलाने पर
पानी की एक बूंद नही निकली
वोट मांगने वाले बाबा जैसे हो गया है
हैंड पंम्प जो बरसात में ही पानी देता है।
सोचती है वो लड़की।

तीन हफ्ते पश्चयात स्कूल में
मास्टरनी बाई आई थी
दलिया अच्छा बना था
उसमे तेल और गुड़ मिला होता
तो और मजा आता
सोचती है, वो लड़की।

कल गाँव मे पुलिस आई थी
तलाशी के नाम पर
गुला का टापरा तोड़ दिया,
गुला पिछले तीन दिन से
अस्पताल में भर्ती है,
उसने कल रात साहूकार के घर
चोरी कैसे की होगी
सोचती है, वो लड़की।

छोटे भाई को बुखार
आते पांच दिन हो गए है
माँ की गोद मे पड़ा रोता रहता है
गांव की डाक्टरनी बाई को दिखाया,
उसने शहर ले जाने को बोला,
डाक्टरनी बाई गांव में नही थी
तब भी लोग इलाज के लिए शहर जाते थे,
वो गांव में है फिर भी इलाज के लिए
शहर जाने का ही क्यो बोलती है
सोचती है, वो लड़की।

गाँव मे पक्की सड़कें बनेगी
सरकार ने पैसा भेजा है,
बता रहे थे सरपंच जी
चार साल हो गए
सड़के क्यो नही बनी
सरपंच के पक्के मकान
की छांव में बैठ
सोचती है, वो लड़की।

आधी रोटी दे कर माँ ने कहा
बस इतनी ही मिलेगी
चुनाव वाले बाबा के साथ
चिलगाडी में मोटला बाबा आया था,
दो पैकेट पूड़ी सब्जी के दिये थे
भरपेट खाया था,
चिलगाडी वाला
मोटला बाबा रोज क्यो नही आता
सोचती है, वो लड़की।

समान बांध लेना कल
काम के लिए शहर जाना है,
बहुत काम व पैसा मिलता है
वहाँ बा माँ से कह रहा था।
हर साल बा ये झूठ क्यो बोलता है
सोचती है, वो लड़की ।

एक दिन बा, माँ से कह रहा था
सोमाली बड़ी हो गई है,
उसके ब्याह में बहुत सारा पैसा लूंगा
नई बैलजोड़ी जो खरीदना है,
राधू कितना अच्छा पावा बजाता है,
मुझे देख हँसता है
आगे खतरनाक मोड़ है
के साइन बोर्ड से टिक कर
सोचती है, वो लड़की।.

परिचय :-
नाम : धैर्यशील येवले
जन्म : ३१ अगस्त १९६३
शिक्षा : एम कॉम सेवासदन महाविद्याल बुरहानपुर म. प्र. से
सम्प्रति : १९८७ बैच के सीधी भर्ती के पुलिस उप निरीक्षक वर्तमान में पुलिस निरीक्षक के पद पर पीटीसी इंदौर में पदस्थ।


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