Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

वो बच्चा

चंद्र शेखर लोहुमी
जबलपुर (मध्य प्रदेश)
********************

वो बच्चा न जाने कहाँ खो गया है
कोई ढूंढ लाओ गले से लगा लूं
जो रहता था हरदम थिरकता-फुदकता
यहाँ से वहां तक न जाने कहाँ तक
कहता था मामा जो चंदा को नभ के
तारों को कहता था मोती प्रभु के
तैराता था नावें कागज की अक्सर
बरसते पानी में घर से निकल कर
कभी गुल्ली डंडा कंचों की खन-खन
बहुत खीजता था वो करने को मंजन
वो बचपन न जाने कहाँ खो गया है ll

साइकिल के टायर को लकड़ी से चलाना
कपडे की गेंदों पर हॉकी जमाना
कभी बंदरों सा पेड़ों पर चढ़ना
उतरना चढ़ना और फिर कूद जाना
लकड़ी की तखती पर कालिख लगाना
दवात के पेंदे से जम के रगड़ना
बड़े भैया की किताबों पे यूँ नाज करना
जैसे हो गहना घर का पुराना
धरोहर पर इतराना अब खो गया है ll

नहीँ होता जूता तो चप्पल पहनना
चप्पल हो टूटी तो यूँ ही दौड़ जाना
घंटे की टन-टन जो स्कूल से आती
सारी मस्ती न जाने कहाँ भाग जाती
प्रार्थना की लाइन में जा कर दुबकना
अगर लेट हो गये तो गुरु जी से पिटना
अम्मा से अपनी पिटाई छिपाना
अगली सुबह लेकिन वो सब भूल जाना
मासूम मस्ती का आलम कहाँ खो गया हैll

वो छोटा सा बच्चा बूढा हो गया है
अपनी कहानी अभी लिख रहा है
ना ढूढो उसे वो सामने खड़ा है
ये कहते-कहते वो खुद रो पड़ा है
बचपन की हैं ये यादें पुरानी
अनायास आँखो में भर आता पानी
संभालो इसे ओ मेरे यारों
मेरे अजीजो मेरे हम निवालों
बचपन की यादों में ये बह गया है
वो बच्चा न जाने कहाँ खो गया है ll

परिचय :-चंद्र शेखर लोहुमी
जन्म : १९४९
निवासी : जबलपुर तथा पूना में निवास, मूलतः उत्तराखंड में कौसानी के पास गरुड़ घाटी के ग्राम
सम्प्रति : आयुध निर्माणी से २००९ में सेवा निवृतिसम्मान
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें….🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *