संध्या नेमा
बालाघाट (मध्य प्रदेश)
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हमारे पापा तेज़ स्वभाव एवं
स्वाभिमान वाले हैं
एक बार जो बोल दे वो
पत्थर में लिखें के समान है
कभी नहीं करते उपवास पर
इनके कर्म उपवास से बड़े होते हैं
रोज जाते मंदिर और मंदिर में
कभी कुछ दान ही करते पापा
कभी ऐसा हो नहीं सकता बिना
रोटी गाय को दिए गए हो दुकान पापा
कभी ऐसा हो नहीं सकता किसी ने
कुछ मांगा हो तो उसको दिए ना हो
किसी की खुशी में कभी नहीं जाते
मां भाई को भेज देते पापा
पर दुख हो या विपत्ति मैं
सबसे आगे होते हो आप पापा
बेटा-बेटी में कभी भेद तो करते हम
नहीं देखे आपको पापा फिर बेटी हो गई
सुनकर क्यों परेशान हो जाते हो आप पापा
पूरे परिवार को एक डोर में बांध रखे हो
आप पापा सब जानते हैं इस बात को
पूरा परिवार आप ने संभाला है पापा
आपकी बेटी में भी बहुत कुछ सीखा है
आपसे पापा स्वभाव, स्वाभिमान ,सच्चाई ,
बड़ों का आदर, छोटों को प्यार
कैसे कैसे करो धन्यवाद आपका पापा
परिचय : संध्या नेमा
निवासी : बालाघाट (मध्य प्रदेश)
घोषणा : मैं यह शपथ पूर्वक घोषणा करती हूँ कि उपरोक्त रचना पूर्णतः मौलिक है।
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