Thursday, November 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

सच कहूं

**********

रचयिता : अमित राजपूत

सच कहूं पहले वाला जमाना
बड़ा अच्छा था !
जहां दया प्रेम भाव और हर आदमी
बड़ा सच्चा था !
सच कहूं पहले वाला जमाना
बड़ा अच्छा था !
.
जहां  मिल बांट कर पी लेते थे
एक बटा दो चाय
किसी नुक्कड़ पर बैठकर !
लोगों  मैं एक दूसरे के प्रति वह
इमानदारी प्यार बेशुमार था !
सच कहूं पहले वाला जमाना
बड़ा अच्छा था !
.
ना फेसबुक  था ना स्टाग्राम था
नाही ही व्हाट्सएप था !
बस था तो उस चिट्ठी को लेकर आने वाले
डाकिए का इंतजार था !
सच कहूं पहले वाला जमाना
बड़ा अच्छा था !
.
ना डिस्को क्लब थे ना बड़े बड़े मॉल
ना ही मनोरंजन के साधन थे !
जहां छोटे-छोटे रंगमंच और रामलीला में
बिखरता वह प्यार  था !
सच कहूं पहले वाला जमाना
बड़ा अच्छा था !
.
किसी के दुख परेशानी में इकट्ठा
हो जाते थे जहां हजारों  लोग !
जहां लोगों में आपसी सदभावना
प्रेमभाव का अंबार था !
सच कहूं पहले वाला जमाना
बड़ा अच्छा था
.
लेखक परिचय :- अमित राजपूत उत्तर प्रदेश गाजियाबाद


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *