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तीज

होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ हरियाणा

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सावन शुक्ल तृतीया, कहाए पर्व तीज,
हरियाली चहुं ओर, टिड्डे जाते हैं रीझ,
पूरे देश में पर्व मनाते, परंपरा है पुरानी,
शिव पार्वती की पूजा, सुनते हैं कहानी।

सावन के झूले पड़े, मन में उठे हिलौर,
झूला देती सखियां, छुप हुआ चितचोर,
सावन की घटा छाई, नाचे मन का मोर,
पानी लेने चल पड़े, बिजली चमके घोर।

हरियाली तीज आई, मिलती मिठाई घेवर,
आपस में बात करते, भाभी संग में देवर,
बतासों का उपहार, आये बेटी के ससुराल,
नई नवेली दुल्हन के, मन में एक सवाल।

दादुर सुर में गा रहे, टिड्डे छेड़े राग मल्हार,
साजन सजनी तरस रहे, ऑँखों में है प्यार,
एक साथ पड़ रही, नभ से बूंद कई हजार,
चकवा चकवी ताक रहे, अब डूबेंगे प्यार।

विरह में डूबी हुई, एक नवेली झूला झूले,
सोच रही क्या बात हुई, साजन हमको भूले,
आये ना यह विरह की रात, करती है बेचैन,
जब विदेश से साजन आये, तब आयेगा चैन।

परिचय :- होशियार सिंह यादव
जन्म : कनीना, जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा
पिता : स्व. श्री जयनारायण (कवि) एवं गोपालक देहांत १९८९
मां : स्व. मिश्री देवी गृहणि देहांत २०१६
निवासी : महेंद्रगढ़ हरियाणा
शिक्षा : पीएच. डी. (जारी) एम. एससी (बायो एवं आईटी), एम.ए. (हिंदी, अंग्रेजी एवं राजनीति शास्त्र), एमसीए, एम. एड., पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर, पी जी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एवं मास कम्यूनिकेशन, पी जी डिप्लोमा इन गांधियन स्टडिज, गोल्ड मेडलिस्ट पंजाब वि.वि.।
रचनाएं : अब तक विभिन्न विषयों पर २४ पुस्तकें प्रकाशित। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित, विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में कहानी, लेख, मुक्तक, क्षणिकाएं, प्रेरक प्रसंग, कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं।
हरियाणा साहित्य अकादमी से अनुमोदित पुस्तकों में : आवाज, बाल कहानियां, उपयोगी पेड़ पौधे, शिक्षा एक गहना
व्यवसाय : लेखक, पत्रकार एवं शिक्षण कार्य में श्रेष्ठता।
सम्मान : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा कहानी लेखन में प्रथम पुरस्कार सहित पांच दर्जन सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित। महेंद्रगढ़ न्यायाधीश द्वारा रजत पदक से सम्मानित। अरुंधती वशिष्ठ अनुंसधान पीठ द्वारा देशभर से आयोजित निबंध लेखन में एक्सीलेंस अवार्ड। हरियाणा के राज्यपाल से पुरस्कृत। तीन शोध भी प्रकाशित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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