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शिक्षक संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह

डॉ. विनोद वर्मा “आज़ाद” 
देपालपुर

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अनूठा, अकल्पनीय, अनुकरणीय, असीम सम्भावनाओं को जन्म देने वाला अनन्त विचारों को प्रकाश पुंज की तरह समेटने वाला आयोजन

दिनांक २० दिसम्बर २०१९ को संध्या समय धनौरा जिला सिवनी के लिए इंदौर से मैं डॉ. विनोद वर्मा अपने ६ साथियों संजीव खत्री, तोलाराम तंवर, पवनसिंह नकुम, कैलाश परमार, माखनलाल परमार, अशोक राठौर के साथ कार से रवाना हुआ। दि.२१ को प्रातः काल पहुंचे। जहाँ विद्यालक्ष्य फाउंडेशन धनौरा के तत्वावधान में राष्ट्रस्तरीय शिक्षक संगोष्ठी और शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन होने जा रहा था। इस आयोजन में जिला कलेक्टर, अपर कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत सिवनी के साथ शिक्षा विभाग का महकमा संयुक्त संचालक श्री तिवारी जी, जिला शिक्षा अधिकारी श्री बघेल जी,जिले के सभी विकास खण्ड शिक्षाधिकारी,सभी खण्ड स्रोत समन्वयक ने अधिकांश समय अपनी उपस्थिति देकर इस आयोजन का महत्व और महत्ता को तन-मन से अपना पूरा समर्थन प्रदान किया। बी.ए.सी.जनशिक्षक और सभी शिक्षक दिन-रात मेहनत करते हुए ग्रुप-ग्रुप में विभाजित की गई जिम्मेदारियों के अनुसार जुटे थे। बड़ा सा डोम आयोजन हेतु बनाया गया था। पूर्ण रूप से शासकीय मदद के बिना इस आयोजन में वो सारी व्यव स्थाएं जुटाई गई थी जो विवाह के वक्त एक बेटी का पिता अपने मेहमानों और रिश्तेदारों के लिए जुटाता है। २१ व २२ दिसम्बर २०१९ के इस दो दिवसीयआयोजन में मुख्य द्वार से बनी राह और डोम तक शिक्षाविदों के फोटो लगाए गए थे। डोम के आसपास हरियाली का साम्राज्य तो था ही जो सुंदर व आकर्षक लग रहा होकर आयोजन की भव्यता को प्रदर्शित कर रहा था। मौसम की ठंडक और मंद मंद बहते पवन के झोंको के बीच एक शख्स पूरे समय चकरघिन्नी बने होकर हर एकआगन्तुक का अभिवादन कर रहे थे पूर्ण विनम्रता और सादगी के साथ।वो शख्स कोई और नही बल्कि इस आयोजन के स्वप्नदृष्टा और खण्डस्रोत समन्वयक श्री प्रकाश ठाकुर सर थे। जो विगत कई दिनों सेआयोजन की सफलता के लिए सतत १६ घण्टे काम कर रहे थे। हमने जब भी उन्हें मेसेज किये तुरन्त हमे जवाब भी मिलता रहा यानी २० तारीख की रात उनके लिए आयोजन को सफल बनाने हेतु कत्ल की रात लग रही थी। मोबाइल पर ही सन्दीप चौधरी, कमलेश मिश्रा और नीलेश जैन, राधे श्याम निर्मलकर जनशिक्षक भी जानकारियां दे रहे थे।
१३ घण्टे के सफर के बाद प्रातः ६ बजे सर्वप्रथम पहुंचने वालों में हमारी टीम थी। वहां जाते ही देखा ! नहाने के लिए गर्म पानी की व्यवस्था की गई है। साफ-स्वच्छशौचालय थे नहाने के लिए बाथरूम भी सफाई युक्त थे। चिल्ड वाटर की व्यवस्था भी थी।
जबलपुर के हलवाइयों को भोजन की और साहू जी को २ एलईडी के साथ सीधे प्रसारण व फोटोग्राफी की जिम्मेदारी दी गई थी। सुंदर गीत, राष्ट्रीय गीत व भजनों की प्रस्तुति देने के लिए भी यहां मण्डल मौजूद था।
प्रारम्भ में सभी आगन्तुकों को इंदौर के प्रसिद्ध जलेबी पौहा का नाश्ता दिया गया व चाय का स्टाल लगा दिया “अपना हाथ जगन्नाथ” की तर्ज़ पर।
सम्मान-पत्र और घनश्याम दास बिड़ला जी (प्रसिद्ध उद्योगपति) का अपने पुत्र बसंत कुमार बिड़ला के नाम से १९३४ में लिखित एक अत्यंत प्रेरक पत्र भी तैयार किया गया था जो समस्त सम्मानित शिक्षकों को दिया जाने वाला था।
मुख्यद्वार से थोड़ा हटके एक पंडाल लगाया जाकर लगभग १० शिक्षक-नवाचारी व कायकल्पीय शिक्षकों का पंजीयन करने बैठा था जो किट भी प्रदान कर रहा था। पंजीयन पश्चात हमें सम्मान सहित कार्यक्रम स्थल की अग्रिमपंक्ति की कुर्सियों पर बैठाया गया। लगातार माईक से व्यवस्थाओं सहित अन्य जानकारियाँ भी दी जा रही थी। पूरे भारत वर्ष से लोगों के आने का सिलसिला चल रहा था। ज्ञान का पिटारा और याददाश्त का पुरौधा छत्तीसगढ़ से मोटिवेटर्स के रूप में आये अवधेश पटेल जी ने बड़े ही रोचक ढंग से विभिन्न तथ्यों को याद करने की ट्रिक बताई, शिक्षण को प्रभावी बनाने के गुर भी सिखाये। इसके बाद सिवनी जिले के प्रख्यात शिक्षाविद और मोनी बाबा आश्रम के कुडारी स्थित आध्यात्मिक गुरु बलवन्तानन्द जी ने शिक्षण और प्रशिक्षण विषय पर रोचक जानकारी दी। दूसरे सत्र में श्री श्यामवीरसिंह आईएएस.सहायक कलेक्टर एवम घनसौर के एस.डी.एम.ने शिक्षकों की समाज मे भूमिका के बारे में बताया एवम कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा भी की। हरियाणा से श्री मोनु कुमार (नवोदय क्रांति परिवार के रा.मोटिवेटर) ने उद्देश्य की प्रशंसा करते हुए धनौरा की मुहिम “चलो अच्छा पढ़ाएं,स्कूल बचाएं” को चलाने वाले शिक्षकों की प्रशंसा की। उत्तरप्रदेश के गोंडा से आये शिक्षक सुनील आनन्द ने अपने स्कूल में कई नवाचारी प्रयासों को प्रस्तुत किया। सन्ध्या की लालिमा के बीच रंगा-रंग गीत-संगीत की महफ़िल सजी जिसमे श्री नाग बीआरसी. की ग़ज़लों और जिला शिक्षा अधिकारी श्री जी.एस. बघेल के भजनों ने सबका मन मोह लिया। दूसरे दिवस २२ दिसम्बर २०१९ को सुबह ९ बजे से ही शिक्षकों का संगोष्ठी में आना शुरू हो गया था। गुजरात-श्री शैलेष सिंह प्रजापति,इंदौर से करियर काउंसलर श्री विवेक श्रीवास्तव ने आयोजन के तानेबाने पर चर्चा की और राज्य की शिक्षा व्यवस्था और भविष्य में होने वाले प्रभाव पर चर्चा की । श्रीमती श्वेता तिवारी बिलासपुर , इंदौर से डॉ.विनोद वर्मा ने मालवी साहित्य पर चर्चा करते हुए अपने नवाचार तथा किचन गार्डन, जन सहयोग से झूला फिसल पट्टी,चकरी, स्कूल बैग शैक्षणिक सामग्री के लिए जनसह योग से व्यवस्था तक कि बात की। प्रेमनगर-हरीश वर्मा, बसना – प्रेमचन्द साव, कमलेश अमूलये, टीकमगढ़ – आशाराम कुशवाह, लखीमपुर-खीरी (उप्र.) -मोनिका शर्मा,नंदिनी राजपूत,मढ़पिपरिया से अशोक राजोरिया, समनापुर डिजिटल शाला – ब्रजेश लोधी, वीरेंद्र कुमार, के साथ छत्तीसगढ़ से साहू बंधु गण ने भी प्रस्तुति दी।
मोटिवेटर्स के रूप में राज्य शिक्षा केन्द्र के अधिकारी डॉ.दामोदर जैन ने धनौरा विकास खण्ड में शासकीय विद्यालयों को बचाने के लिए चल रही मुहिम को संपूर्ण प्रान्त और समूचे राष्ट्र के लिए एक प्रभावी एवं अभिनव प्रयोग बताया।
जबलपुर संभाग के संयुक्त संचालक श्री राजेश तिवारी ने ॐ से प्रारम्भ और पिता की सीख तथा उनके कार्य व्यवहार को पहचानने के साथ शिक्षकों के आने-जाने पर सवा घण्टे के प्रभावी उद्बोधन पर ४२ बार तालियां बजवाकर शिक्षकों के सम्मान,अधिकार व कर्तव्यों को बड़े प्रभावी ढंग से समझाया ।
“छू लो आसमान, किसने रोका”, है के संस्थापक श्री लोकेश लिल्हारे आई.आर. एस.,एडीशनल कमिश्नर जीएसटी. ने धनौरा विकासखण्ड में शिक्षा के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों पर एक ५ मिनट का वीडियो मेसेज भेजकर सभी शिक्षकों और अधिका रियों को ऐसे कार्यक्रमों को चलाने के लिए धन्यवाद दिया। युवा वैज्ञानिक श्री गिरीश महाले ने अपने १० दिन के धनौरा प्रवास के शैक्षणिक अनुभव को शेयर कर बताया कि यह कार्यक्रम इतना सफल सिर्फ इसलिए हुआ कि कहीं कोई महत्वाकांक्षा और प्रति द्वंद्विता नही थी। शासकीय कार्य को बिल्कुल व्यावसायिक तरीके से किया जा रहा है।यही इस मुहिम की खूब सूरती है। डी.ई.ओ.श्री जी.एस.बघेल ने सविस्तार धनौरा में शिक्षा के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों की मुक्तकंठ से प्रशंसा की।
जिलाधीश श्री प्रवीणसिंह अड़ाईच ने धनौरा बीआरसी. कार्यालय में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों की सुंदर व आकर्षक टीचर्स गैलरी का अनावरण किया एवम तीनों वयोवृद्ध शिक्षकों श्री सुंदरलाल श्री वास्तव,श्री गजराजसिंह सिहोसी,श्री मंगलू प्रसाद निर्मलकर का शॉल एवम श्रीफल से मंच पर सम्मान कर घोषणा की कि ऐसी टीचर्स गैलरी जिला शिक्षाकेन्द्र व जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भी स्थापितकी जाएगी,जिसमे गणतन्त्र दिवस पर सम्मानित शिक्षकों की फोटो प्रतिवर्ष लगाई जाएगी।सिवनी जिला पंचायत के मुख्य कार्य पालन अधिकारी श्री सुनील दुबे ने कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए इस आयोजन में अपनी प्रस्तुति देने वाले सारे शिक्षकों के शैक्षिक अनुभवों को एक किताब के रूप में प्रकाशित कराने की घोषणा की। कलेक्टर महोदय के २० मिनट के सारगर्भित एवम ह्रदयस्पर्शी उद्बोधन के बाद सर्वोत्कृष्ट कार्य करने वाले समस्त शिक्षकों को मंच पर सम्मानित किया।बीआरसी श्री प्रकाश ठाकुर के द्वारा शिक्षकों में एकता एवम सामंजस्य स्थापित कर नवजागृति लाने वाली इस नायाब मुहिम से प्रसन्न होकर उपस्थितजनों के बीच स्वयं की कलम भेंटकर दिल जीत लिया।
अंत मे डीपीसी श्री जगदीश इडपाचे ने अधिकारियों एवं शिक्षको एवम आगन्तुकों का ह्रदय के अन्तःस्थल से आभार व्यक्त किया।

मिली-जुली प्रतिक्रियाएं

१ – घनसौर एसडीम.श्री श्यामवीरसिंह की भूमिका अहम।
२ – प्रभावी मंच संचालन का अभाव।
३ – आगन्तुकों की बाईट लेना थी। कैमरे पर्याप्त संख्या में तो थे । प्रसारण व्यवस्था भी उपयुक्त थी।
४ – मीडिया समूह को आमंत्रित किया जाना चाहिए था ।
५ – आगन्तुकों,स्थानीय एवम क्षेत्रीय शिक्षकों, अधिकारियों के साथ संवाद होना चाहिए था
६ – कार्यक्रम स्थल पर सुलभ शौचालय की पर्याप्त व्यवस्था का न होना।
७ – स्नान के लिए गर्म पानी और अलाव की पर्याप्त व्यवस्था की गई।
८ – फेसबुक पर लाइव प्रसारण के लिए शिक्षकों के एक समूह को जिम्मेदारी देना थी ।
९ – पंजीयन के लिए बनाया गया समूह पर्याप्त था।
१० – शिक्षकों और अधिकारियों मेंअनुशासन और सम्मान देने का तरीका देखते ही बन रहा था।
११ – कार्यक्रम सही समय पर हुआ। कुछ लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हो ?
१२ – राजनीति रहित यह आयोजन सफलता की सीढी चढ़ा।
१३ – श्री प्रकाश ठाकुर सर को जिम्मेदारियों से मुक्त रहना चाहिए था।
१४ – श्री प्रकाश ठाकुर सर का संयोजन उत्कृष्ट होकर हमारे द्वारा प्रतिभाग किये गए अब तक के आयोजनों में धनौरा आयोजन सर्वश्रेष्ठ रहा।

 

लेखक परिचय :- 
नाम – डॉ. विनोद वर्मा “आज़ाद” सहायक शिक्षक (शासकीय)
एम.फिल.,एम.ए. (हिंदी साहित्य), एल.एल.बी., बी.टी., वैद्य विशारद पीएचडी. अगस्त २०१९ तक हो जाएगी।
निवास – इंदौर जिला मध्यप्रदेश
स्काउट – जिला स्काउटर प्रतिनिधि, ब्लॉक सचिव व नोडल अधिकारी
अध्यक्ष – शिक्षक परिवार, मालव लोकसाहित्य सांस्कृतिक मंच म.प्र.
अन्य व्यवसाय – फोटो & वीडियोग्राफी
गतिविधियां – साहित्य, सांस्कृतिक, सामाजिक क्रीड़ा, धार्मिक एवम समस्त गतिविधियों के साथ लेखन-कहानी, फ़िल्म समीक्षा, कार्यक्रम आयोजन पर सारगर्भित लेखन, मालवी बोली पर लेखन गीत, कविता मुक्तक आदि।
अवार्ड – CCRT प्रशिक्षित, हैदराबाद (आ.प्र.)
१ – अम्बेडकर अवार्ड, साहित्य लेखन तालकटोरा स्टेडियम दिल्ली
२ – रजक मशाल पत्रिका, परिषद, भोपाल
३ – राज्य शिक्षा केन्द्र, श्रेष्ठ शिक्षक सम्मान
४ – पत्रिका समाचार पत्र उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान (एक्सीलेंस अवार्ड)
५ – जिला पंचायत द्वारा श्रेष्ठ शिक्षक सम्मान
६ – जिला कलेक्टर द्वारा सम्मान
७ – जिला शिक्षण एवम प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) द्वारा सम्मान
८ – भारत स्काउट गाइड संघ जिला एवं संभागीय अवार्ड
९ – जनपद शिक्षा केन्द्र द्वारा सम्मानित
१० – लायंस क्लब द्वारा सम्मानित
११ – नगरपरिषद द्वारा सम्मान
१२ – विवेक विद्यापीठ द्वारा सम्मान
१३ – दैनिक विनय उजाला राज्य स्तरीय सम्मान
१४ – राज्य कर्मचारी संघ म.प्र. द्वारा सम्मान
१५ – म.प्र.तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी अधिकारी संघ म.प्र. द्वारा सम्मान
१६ – प्रशासन द्वारा १५ अगस्त को सम्मान 
१७.- मालव रत्न अवार्ड २०१९ से सम्मानित।
१८ – श्री गौरीशंकर रामायण मंडल द्वारा सम्मान।
१९ – “आदर्श शिक्षा रत्न” अवार्ड संस्कार शाला मथुरा उ.प्र.।
२० – दो अनाथ बेटियों को गोद लेकर १२वीं तक कि पढ़ाई के खर्च का जिम्मा लिया।


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