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सच्ची मित्रता
कविता

सच्ची मित्रता

होशियार सिंह यादव महेंद्रगढ़ हरियाणा ******************** जग में मिलने हजारों जन, पर कुछ में बड़ी पवित्रता, दर्द मिटाके, सुख का दाता, कहलाती है सच्ची मित्रता। एक है दोस्त, दूजा दुश्मन, दोनों में जरा करलो मंथन, दोस्त चाहे सदा ही भला, दुश्मन चाहे काट दूं गला। दुश्मन के दिल में नफरत, चाहे वो जन की हो दुर्गत, सदा करता रहे उल्टे काम, यूं होता है जग में बदनाम। दोस्त के दिल में बहे बयार, खुद दुख में देता सच्चा प्यार, दोस्त मिल जाएं कई हजार, सच्चे मित्र मिले बस दो चार। मित्र वहीं है मित्रता निभाए, दुख पहाड़ सम, वो हंसाए, सदा ही गले से वारे लगाये, कुर्बानी दे दे, नहीं घबराये। सच्ची मित्रता सुनने मिलती, सुन दोस्ती कलियां खिलती, ईश्वर भी देखे, जोड़ी ,प्यारी, दोस्ती नहीं है कभी दोधारी। सच्ची मित्रता कृष्ण-सुदामा, युगों युगों तक रहेगा ये नाम, जब-जब बात सुदामा चले, याद आयेंगे तब-तब श्याम। सच्ची...
तीज
कविता

तीज

होशियार सिंह यादव महेंद्रगढ़ हरियाणा ******************** सावन शुक्ल तृतीया, कहाए पर्व तीज, हरियाली चहुं ओर, टिड्डे जाते हैं रीझ, पूरे देश में पर्व मनाते, परंपरा है पुरानी, शिव पार्वती की पूजा, सुनते हैं कहानी। सावन के झूले पड़े, मन में उठे हिलौर, झूला देती सखियां, छुप हुआ चितचोर, सावन की घटा छाई, नाचे मन का मोर, पानी लेने चल पड़े, बिजली चमके घोर। हरियाली तीज आई, मिलती मिठाई घेवर, आपस में बात करते, भाभी संग में देवर, बतासों का उपहार, आये बेटी के ससुराल, नई नवेली दुल्हन के, मन में एक सवाल। दादुर सुर में गा रहे, टिड्डे छेड़े राग मल्हार, साजन सजनी तरस रहे, ऑँखों में है प्यार, एक साथ पड़ रही, नभ से बूंद कई हजार, चकवा चकवी ताक रहे, अब डूबेंगे प्यार। विरह में डूबी हुई, एक नवेली झूला झूले, सोच रही क्या बात हुई, साजन हमको भूले, आये ना यह विरह की रात, करती है बेचैन, जब विदेश से साजन आये, तब ...