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Tag: हरप्रीत कौर

गर खुद पर है विश्वास तो
कविता

गर खुद पर है विश्वास तो

हरप्रीत कौर शाहदरा (दिल्ली) ******************** गर खुद पर है विश्वास तो अड़े रहो। विश्वास वो ताकत है जो, उजड़ी हुई दुनिया में, प्रकाश जगा देती है इसलिए तुम चट्टान बनकर डटे रहो। उदार बनो पर इस्तेमाल मत होने दो, बस खुद पर रखो विश्वास, तो अड़े रहो। गर खुद पर हो विश्वास तो ताकत बनती है, गर दूसरों पर हो विश्वास तो कमजोरी बनती है। इसलिए खुद पर रखो विश्वास, अड़े रहो। खुद पर हो विश्वास तो चढ़ता जा, सफलता की सीढ़ियां, न हिम्मत हार, बनाएं रख तू हौंसला, विश्वास का दीप जलाकर रख, और बढ़ता जा तू प्रगति पथ पर, अडिग है जीवन की धार तुम, अड़े रहो, अड़े रहो, अड़े रहो। परिचय :- हरप्रीत कौर निवासी : शाहदरा (दिल्ली) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक...
मां
कविता

मां

हरप्रीत कौर शाहदरा (दिल्ली) ******************** मां ममता, प्यार, त्याग और पवित्रता की मूर्त है। जिसका कर्ज हम कभी नही उतार सकते हैं। मां जो सबका ख्याल रखती है, हमारी खामोशी को भी आसानी से समझ लेती है, हमे कुछ हो जाए परेशान हो जाती है, मां हमें प्यार करती दुलार करती है, भूख न लगने पर भी हमें जबरदस्ती खाना खिलाती है। सबके दिल की धड़कन होती है मां। हमनें कभी भगवान को तो नही देखा पर मां ही हमारे लिए भगवान का रूप होती है। मां के लिए कोई शब्द ही नहीं है जो मेरी कलम लिख पाए। मेरी कलम में इतनी ताकत नहीं जो मां के चरित्र को बयां कर पाए। मां तो अनमोल है। जो मां अपनी औलाद के लिए कर सकती है, वो औलाद भी अपनी मां के लिए नही कर सकती। क्योंकि मां तो मां है। अगर संसार में कुछ सच्चा है, तो वो सिर्फ मां का प्यार है। परिचय :- हरप्रीत कौर निवासी : शाहदरा (दिल्ली) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वा...
पर्यावरण
कविता

पर्यावरण

हरप्रीत कौर शाहदरा (दिल्ली) ******************** कोरोना हर देश में, हर शहर में दुनिया के हर देश में, बरपा रहा है अपना कहर। आक्सीजन के बिना आदमी मर रहा है पूरे देश में हाहाकार मचा है चारों और निराशा छा रही है घनघोर। आज लोगों को आक्सीजन का महत्व समझ आ रहा है। वर्षो से इंसान जिसे मुफ्त में लेता आ रहा है। हवा में आक्सीजन तो पेड़ ही उपजाते है, जो हमे प्राण वायु देते है। खुदगर्ज इंसान उसी पर कुल्हाड़ी चलाते है। इस महामारी से हमें कुछ तो शिक्षा लेनी चाहिए। आने वाली पीढ़ी की प्राण रक्षा के लिए हमें एक वृक्ष लगाना चाहिए। बस करो प्रकृति का अनादर, अब बहुत हुआ जो हमे प्राण वायु देते है उस पर कुछ तो रहम खाओ। आओ ये संकल्प उठाए, पर्यावरण को नष्ट होने से बचाएं। प्रकृति को हरा भरा बनाएं। हर एक दिन नया वृक्ष लगाएं। प्रकृति ही जीवन है, अपने जीवन को बचाएं। परिचय :- हरप्रीत कौर निवासी : शाहदरा (दिल्ली) घोषणा प...