तुम चांद में नजर आए
सुरेखा सुनील दत्त शर्मा
बेगम बाग (मेरठ)
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तुम मुझे चांद में नजर आए
मेरे जज्बात में नजर आए
तेरे मेरे दरमियां हुई जो मुलाकातें
हर मुलाकात में नजदीकियां नजर आए
जब भी मेरे तुम नजदीक आए
मैंने हर लम्हा अपने आप से चुराए
धड़कन ए रफ्तार पकड़ लेती है तुम्हारे छूने से
तुम्हारा हाथ लगते ही तुम मुझ में समाते नजर आए
कशिश है जो तेरी आंखों में तेरी बातों में
तेरी उन आंखों में डूबती नजर आई
तू मुझे चांद में नजर आए
मेरे जज्बात में नजर आए।।
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परिचय :- सुरेखा "सुनील "दत्त शर्मा
जन्मतिथि : ३१ अगस्त
जन्म स्थान : मथुरा
निवासी : बेगम बाग मेरठ
साहित्य लेखन विधाएं : स्वतंत्र लेखन, कहानी, कविता, शायरी, उपन्यास
प्रकाशित साहित्य : जिनमें कहानी और रचनाएं प्रकाशित हुई है :-
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