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Tag: सुभाष बालकृष्ण सप्रे

गाँधी
गीत

गाँधी

********** सुभाष बालकृष्ण सप्रे भोपाल म.प्र. विधा:-- गीतिका (छँद मापिनी मुक्त) “वो खुद पर भरोसा करते थे, सब को साथ लेकर चलते थे, लोगोँ की माली हालत जानने, दूर दराज़ के गाँवोँ मेँ फिरते थे, ज़ब एक बार ज़ो बात ठान ली, उस इरादे से कभी न डिगते थे, अहिँसा को बनाया,हथियार तो, दुनिया मेँ लोग, उन्हेँ पूजते थे, कथनी,करनी मे न रहा फर्क,कभी, बात से अपनी,कभी न पलटते थे, महात्मा ने किया नाम देश का, काम से,दुनिया को रोशन करते थे.’   लेखक परिचय :-  नाम :- सुभाष बालकृष्ण सप्रे शिक्षा :- एम॰कॉम, सी.ए.आई.आई.बी, पार्ट वन प्रकाशित कृतियां :- लघु कथायें, कहानियां, मुक्तक, कविता, व्यंग लेख, आदि हिन्दी एवं, मराठी दोनों भाषा की पत्रीकाओं में, तथा, फेस बूक के अन्य हिन्दी ग्रूप्स में प्रकाशित, दोहे, मुक्तक लोक की, तन दोहा, मन मुक्तिका (दोहा-मुक्तक संकलन) में प्रकाशित, ३ गीत॰ मुक्तक लोक व्दारा, प्रकाशित पुस...
कभी सोचा न था
गीत

कभी सोचा न था

********** सुभाष बालकृष्ण सप्रे भोपाल म.प्र. “दिन ऐसे भी आयेंगें, ये कभी सोचा न था, झूठी शिकायत पर जेल जायेंगें, ये भी कभी सोचा न था, अब निवाले भी छीने जायेंगे, सपने में भी ये सोचा न था, नोकरी से खदेड़े जायेंगें, ऐसा भी सोचा न था, नोकरी मिल भी गई तो, पदोन्नति में रोके जायेंगें, गजब, ऐसा कभी सोचा न था, प्रारब्ध में क्या लिखा, नहीं पता, ऐसे अच्छे दिनों को देखेंगें, भूलकर भी कभी सोचा न था, गंगा जमुनी तहज़ीब केे देेेश मेँ, जात पांत में ऐसे जकड़ जायेंगें, ये तो कभी भी सोचा न था” लेखक परिचय :-  नाम :- सुभाष बालकृष्ण सप्रे शिक्षा :- एम॰कॉम, सी.ए.आई.आई.बी, पार्ट वन प्रकाशित कृतियां :- लघु कथायें, कहानियां, मुक्तक, कविता, व्यंग लेख, आदि हिन्दी एवं, मराठी दोनों भाषा की पत्रीकाओं में, तथा, फेस बूक के अन्य हिन्दी ग्रूप्स में प्रकाशित, दोहे, मुक्तक लोक की, तन दोहा, मन मुक्तिका (दोहा-मुक्तक संकलन) मे...
जीवन प्रवाह है
गीत

जीवन प्रवाह है

********** सुभाष बालकृष्ण सप्रे भोपाल म.प्र. विधा:-गीतिका समांत:-आर पदांत:--भी ============ "जीवन प्रवाह है,तो मजधार भी. एक सपना जो होता साकार भी. माना कि तूफान भी आएंगे मगर, होसले की चाहिये, पतवार भी, मौसम भी ज़ब आयेंगे खुशनुमा, करेंगेँ हम प्यार का इज़हार भी, जीतने का रहेगा हमारा लक्ष, गले से लगायेंगे हम हार भी, सीमा पर डटे रहेंगे सदा हम, दुश्मन पर करेंगे हम प्रहार भी. लेखक परिचय :-  नाम :- सुभाष बालकृष्ण सप्रे शिक्षा :- एम॰कॉम, सी.ए.आई.आई.बी, पार्ट वन प्रकाशित कृतियां :- लघु कथायें, कहानियां, मुक्तक, कविता, व्यंग लेख, आदि हिन्दी एवं, मराठी दोनों भाषा की पत्रीकाओं में, तथा, फेस बूक के अन्य हिन्दी ग्रूप्स में प्रकाशित, दोहे, मुक्तक लोक की, तन दोहा, मन मुक्तिका (दोहा-मुक्तक संकलन) में प्रकाशित, ३ गीत॰ मुक्तक लोक व्दारा, प्रकाशित पुस्तक गीत सिंदुरी हुये (गीत सँकलन) मेँ प्रकाशित हुये है...