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Tag: सतीश राठी

लघुकथाकार सतीश राठी एवं सूर्यकांत नागर सम्मानित
साहित्यिक

लघुकथाकार सतीश राठी एवं सूर्यकांत नागर सम्मानित

भोपाल। लघुकथा शोध केंद्र, भोपाल के द्वारा आयोजित एक आभासी कार्यक्रम में इंदौर शहर के लघुकथाकार एवं क्षितिज पत्रिका के संपादक सतीश राठी को एवं कथाकार श्री सूर्यकांत नागर को सम्मानित किया गया। इन्हें  पद्मश्री रामनारायण उपाध्याय स्मृति लघुकथा सम्मान वर्ष २०२० एवं वर्ष २०२१ के लिए प्रदान कर सम्मानित किया गया है। इस आभासी कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्य अकादमी के निदेशक श्री विकास दवे के द्वारा की गई तथा प्रमुख अतिथि के रूप में वनमाली सृजन पीठ के निदेशक श्री मुकेश वर्मा उपस्थित रहे। लघुकथा शोध केंद्र भोपाल की निदेशक श्रीमती कांता राय ने बताया कि लघुकथा के उन्नयन के लिए आप दोनों लघुकथाकार पिछले ४० वर्षों से सतत कार्यरत हैं और निरंतर लघुकथा लेखन के द्वारा देश विदेश में अपना स्थान स्थापित किया है। उन्होंने यह भी बताया कि इन दोनों  लघुकथाकारों की लघुकथाओं का विविध भाषाओं में अनुवाद भी हो चुका है। ...
लघुकथा मानव मूल्यों की संकल्पना को सतत तराशने का प्रयास करती है।
साहित्यिक

लघुकथा मानव मूल्यों की संकल्पना को सतत तराशने का प्रयास करती है।

नगर की साहित्यिक संस्था क्षितिज के द्वारा एक आभासी लघुकथा गोष्ठी आयोजित की गई। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार ज्योति जैन ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि, "आज लघुकथा हिंदी की सबसे चर्चित और विवादास्पद साहित्यिक विधा है। चर्चित इसलिए कि वर्तमान समय की सभी पीढ़ियों के लेखक इसे निसंकोच स्वीकार करते हैं। विवादास्पद इसलिए कि जब भी साहित्य में किसी नई विधा ने जन्म लिया और कुछ कदम चलकर अपना आकार बुना तो परंपरागत विधाओं के लेखक उसे हेय दृष्टि से देखने लगे। लघुकथा के साथ भी आरंभ में ऐसा ही हुआ। ऐसा हिंदी में पहली बार नहीं हुआ। आधुनिक हिंदी की विधाओं के उदभव और विकास का इतिहास जिन्होंने पढ़ा है, वह जानते हैं कि जब भी किसी नई विधा को नया रूप देने का प्रयास होता है, उसे कठिन विरोधों का सामना करना पड़ता है। हमें समझना होगा कि नवीनता समाज व साहित्य को गति प्रदान करती है, नई पीढ...
आंगन में उठता अशोक
कविता

आंगन में उठता अशोक

सतीश राठी इंदौर मध्य प्रदेश ********** आंगन में उठता अशोक नहीं कर पाता है जीवन को शोक मुक्त आते रहते हैं सुख और दुख के बादल कभी बरसने के लिए कभी  तपाने के लिए रोप देता है अपने आंगन में जाने कब उम्मीदों के बीज, पिता उगती हुई हरियाली के बीच भागता हुआ पिता लेने लगता है सेवानिवृत्त होने के बाद सुकून की सांस सोती रहती है जब सारी दुनिया जीवन जागता रहता है तब भी और धड़कता है शायद आसपास के पेड़ पौधों में या फुदकती हुई गिलहरी में कभी किसी की आंखों में भी चमकता है जीवन आंखें  मूंदने के बाद किसे याद रहती है चले जाने वाले पिता की सृजन छाया। परिचय :-  सतीश राठी जन्म : २३ फरवरी १९५६ इंदौर शिक्षा : एम काम, एल.एल.बी लेखन : लघुकथा, कविता, हाइकु, तांका, व्यंग्य, कहानी, निबंध आदि विधाओं में समान रूप से निरंतर लेखन। देशभर की विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में सतत प्रकाशन। सम्पादन : क्षितिज संस्था इंदौर के लिए...
माँ
लघुकथा

माँ

सतीश राठी इंदौर मध्य प्रदेश ********** बच्चा सुबह विद्यालय के लिए निकला और पढ़ाई के बाद खेल के पीरियड में ऐसा रमा कि दोपहर के तीन बज गए। मां डाटेगी डरता- डरता घर आया। मां चौके में बैठी थी। उसके लिए खाना लेकर। देरी पर नाराजगी जताई पर तुरंत थाली लगा कर भोजन कराया। भूखा बच्चा जब पेट भर भोजन कर तृप्त हो गया तो मां ने अपने लिए भी दो रोटी और सब्जी उसी थाली में लगा ली। "यह क्या माँ तू भूखी थी अब तक !" "तो क्या तेरे पहले ही खा लेती तेरी राह तकते तो बैठी थी।" अपराध बोध से ग्रस्त बच्चे ने पहली बार जाना कि माँ सबसे आखरी में ही भोजन करती है। . परिचय :-  सतीश राठी जन्म : २३ फरवरी १९५६ इंदौर शिक्षा : एम काम, एल.एल.बी लेखन : लघुकथा, कविता, हाइकु, तांका, व्यंग्य, कहानी, निबंध आदि विधाओं में समान रूप से निरंतर लेखन। देशभर की विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में सतत प्रकाशन। सम्पादन : क्षितिज संस्था इंदौर के लिए ...
अखिल भारतीय लघुकथा सम्मेलन दिनांक २४ नवंबर २०१९ रविवार को
साहित्यिक

अखिल भारतीय लघुकथा सम्मेलन दिनांक २४ नवंबर २०१९ रविवार को

इंदौर : नगर की साहित्यिक संस्था क्षितिज के अध्यक्ष सतीश राठी के द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि, गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी संस्था के द्वारा अखिल भारतीय लघुकथा सम्मेलन दिनांक २४ नवंबर २०१९ रविवार को किया जा रहा है। श्री मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति के सभागार में आयोजित किए जा रहे इस सम्मेलन में क्षितिज लघुकथा शिखर सम्मान २०१९ बरेली के लघुकथाकार श्री सुकेश साहनी को दिया जाएगा। क्षितिज लघुकथा समालोचना सम्मान २०१९ नाथद्वारा के लघुकथाकार और समालोचक श्री माधव नागदा को दिया जाएगा। क्षितिज लघुकथा नवलेखन सम्मान २०१९ अंबाला के उदीयमान लघुकथाकार कुणाल शर्मा को दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त कोटकपूरा, पंजाब से पधार रहे वरिष्ठ लघुकथाकार श्री श्यामसुंदर अग्रवाल को उनके जीवन पर्यंत लघुकथा विधा में योगदान एवं पंजाबी भाषा के लघुकथा साहित्य वह हिंदी भाषा के लघुकथा साहित्य में सेतु निर्माण के लिए क...
बारिश लगातार
कविता

बारिश लगातार

********** रचयिता : सतीश राठी बारिश लगातार रेशम के धागे सी तार तार कभी भेड़ाघाट सी धुआंधार बारिश लगातार मौसम घर आंगन में छा गया बादल समूचा कमरे में आ गया प्राणों तक हो गई गीली दीवार बारिश लगातार हरियाली छा गई पोर पोर मनवा में नाच उठे कई मोर देह में सुलगे आग बार-बार बारिश लगातार . लेखक परिचय :-  सतीश राठी जन्म : २३ फरवरी १९५६ इंदौर शिक्षा : एम काम, एल.एल.बी लेखन : लघुकथा, कविता, हाइकु, तांका, व्यंग्य, कहानी, निबंध आदि विधाओं में समान रूप से निरंतर लेखन। देशभर की विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में सतत प्रकाशन। सम्पादन : क्षितिज संस्था इंदौर के लिए लघुकथा वार्षिकी 'क्षितिज' का वर्ष १९८३ से निरंतर संपादन। इसके अतिरिक्त बैंक कर्मियों के साहित्यिक संगठन प्राची के लिए 'सरोकार' एवं 'लकीर' पत्रिका का        संपादन। प्रकाशन : पुस्तकें शब्द साक्षी हैं (निजी लघुकथा संग्रह), पिघलती आंखों का सच (निजी कवित...
मोड़ आया तो
कविता

मोड़ आया तो

=================== रचयिता : सतीश राठी मोड़ आया तो जुदा होने का मौका आया सीप से मोती विदा होने का मौका आया वह कली खिल गई और फूल बनी तो उसकी खुशबू में नहाने का है मौका आया जो जगह वह पा न सका फकीर बन कर बना इंसान तो खुदा होने का मौका आया गलतियों के खिलाफ जब उठेंगे हाथ सभी यह समझ लेना गदा होने का मौका आया पीठ पर धूप को लादे हुए जाएं कब तक झुकी है शाम तो विदा होने का मौका आया   लेखक परिचय :-  नाम : सतीश राठी जन्म : २३ फरवरी १९५६ इंदौर शिक्षा : एम काम, एल.एल.बी लेखन : लघुकथा, कविता, हाइकु, तांका, व्यंग्य, कहानी, निबंध आदि विधाओं में समान रूप से निरंतर लेखन। देशभर की विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में सतत प्रकाशन। सम्पादन : क्षितिज संस्था इंदौर के लिए लघुकथा वार्षिकी 'क्षितिज' का वर्ष १९८३ से निरंतर संपादन। इसके अतिरिक्त बैंक कर्मियों के साहित्यिक संगठन प्राची के लिए 'सरोकार' एवं 'लकीर' पत्...