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Tag: संजय डागा

नई नौकरी
लघुकथा

नई नौकरी

संजय डागा हातोद- इंदौर (मध्य प्रदेश) ******************** सेठजी ! कुछ काम दे दो ना, जिस फेक्ट्री मे काम करने जाता था, लाॅकडाउन की वजह से बंद पड़ी है, हरिया ने बंद शटर के बाहर बैठे सेठ घनश्यामदास से विनती करते हुऐ कहा। अरे ! अभी काहे का काम अभी तो हमारी भी दुकानदारी बंद पड़ी है, देख रहा है, हमारी दुकान भी तो बंद पड़ी है, पर सेठ कुछ भी छोटा-मोटा काम दे दो ताकि पेट भरने लायक कुछ जुगाड़ हो जाऐ, हरिया ने कातर और निराश होकर कहा! मैने एक बार बोल दिया ना अभी कुछ काम नही है, चल जा यहाँ से....! हरिया जाने लगा की सेठ को कुछ याद आया, उसने हरिया को आवाज देकर बुलाया, सुन ! एक काम के लिऐ तुझे रख लेता हूँ, जैसे ही पुलिस की गाड़ी आऐ तु दुकान की शटर गिरा देना और पुलिस की गाड़ी नजर से दूर हो जाने पर वापस शटर उठा दिया करना, हरिया खुश हो गया, उसे आज एक नया जाॅब मिल गया था।। परिचय :- संजय डागा निवास...
काढ़े की महिमा
कविता

काढ़े की महिमा

संजय डागा हातोद- इंदौर (मध्य प्रदेश) ******************** जब से कोरोना ने आकर करी भारत मे घुसपैठ हमारी प्यारी हिन्दी भाषा मे भी अग्रेंजी शब्दों की होने लगी घुसपैठ, माॅस्क और सेनेटाइजर हिन्दी शब्दकोष मे पहले-पहल आ गऐ पिछे क्वारेन्टाइन, होम आइसोलेशन प्लाज्मा और एंटी-बाॅडी भी हिन्दी के जरूरी शब्द हो गऐ फिर आया रेमडेसिविर और आई वैक्सीन की बारी पर हमारा काढ़ा आज भी इन सब पर पड़ता है भारी, भले ही हम इसे पीने मे आज भी नाक-भौ सिकोड़ते है पर काढ़े को हम सब आज भी हिन्दी मे काढ़ा ही तो बोलते है।। परिचय :- संजय डागा निवासी : हातोद जिला इंदौर (मध्य प्रदेश) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकत...