मॉं कुष्मांडा
संगीता सूर्यप्रकाश मुरसेनिया
भोपाल (मध्यप्रदेश)
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नवरात्र चतुर्थ दिवस,
मॉं कुष्मांडा आती हो,
भक्तों को हर्षाती हो,
जय हो कुष्मांडा।
गंभीर रोगों से
मुक्त कराती हो,
ग्रहों के अशुभ
प्रभाव से बचाती हो,
राग,द्वेष,दुख की देवी हो,
भक्तों को देती हो सहारा।
तेरे दर्शन पाकर,
खुल जाता
किस्मत का ताला,
भय दूर करती हो माता,
सृष्टि की रचना
तुम ही तो करती हो।
मंद मुस्कान से ही की,
समस्त ब्रह्मांड की रचना,
जीवन समृद्ध-सुखी बनाती हो,
भक्त करे मॉं तेरा पूजन अर्जन।
गुड़हल पुष्प अर्पित करें,
मालपुआ का भोग लगावे,
हाथ जोड़ संगीता सूर्यप्रकाश,
शीश झुकावे वंदन,
अभिनंदन प्रणाम करें बारम्बार।
परिचय :- श्रीमती संगीता सूर्यप्रकाश मुरसेनिया
निवासी : भोपाल (मध्यप्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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