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प्रदूषण हमने फैलाई
कविता

प्रदूषण हमने फैलाई

श्रीमती राखी टी सिंह मुंबई (महाराष्ट्र) ******************** कहीं पे कचरा फेंका कही पे वृक्षों की की अंधाधुन्द कटाई हे मानव तूने कहें ये मौत का है खेल रचाई आस-पास जीवन के अपने तूने क्यो इतनी बिमारी है फैलाई सौ बीमारी के इस कारण को तूने है प्रदूषण के अंश से जन्माई एक बार कभी तुमने सोचा इससे क्या तूने पाया है माल क्यों ना सोचा मौत का अपने तूने ही रचा ये सब है जाल पर्यावरण का जीवन में तू बोल कैसे करेगा भरपाई तेरे कारण तेरे बच्चों के कल पर कही ना शामत है आजाई सोच जरा क्या बचा है तेरे पास धरनी कहती क्या जीवन में तेरे हाथ तेरे बैल का बैल तो गया हाथ नौ हाथ पगहा तूने गवाया उसीके साथ परिचय :-श्रीमती राखी टी सिंह निवासी : मुंबई महाराष्ट्र आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानिय...