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Tag: श्याम सिंह बेवजह

मजदूर की मजबूरी
कविता

मजदूर की मजबूरी

श्याम सिंह बेवजह नयावास (दौसा) राजस्थान ******************** मजदूर देखों कितने मजबूर हो गए सपने थे दो रोटी के वो भी खो गए हैरां परेशान विवशता देखों उनकी थके थे इतने की वो पटरी पे सो गए मुश्किलें देख ह्रदय व्याकुल हो गया ऐसी स्थिति देखकर मेरा मन रो गया भूखे प्यासे राह नापते बैलों से निकले देख धूप एक बैल आसमां में खो गया बनते बैल अब बारी बारी से आते है कहि घोर घटा तो कहि काली राते है कैसी विपदा ये मालिक दी आज तूने कई रातों से ना नहाते है न ही खाते है यहाँ कोई सुनता नही तू ही सहारा है मार या जिंदा रख अब तू ही हमारा है तेरा आखिर तुझको ही अर्पित हे नाथ ये मतलबी दुनिया ये जग सब तुम्हारा है सरकार अमीजादों को घर पहुँचाया है सदैव तत्पर आपके लिए गुनगुनाया है गरीब मजदूरों की अब कोई सुनता नही हाल बेहाल "श्याम"तुमने आखिर गाया है   परिचय :-  श्याम सिंह बेवजह निवासी : नयावास (दौसा) राजस्थान...
कल का शख्स
कविता

कल का शख्स

श्याम सिंह बेवजह नयावास (दौसा) राजस्थान ******************** देख कर मैं आर्श्चयचकित रह गया जब कल का शख्स अपना कह गया ता उम्र सिंचा जिस व्रक्ष को अपने लिए बांध कर रखा जिस ड़ोर से वह घह गया हालात बदत्तर होते देख अश्क़ झलक गए लफ़्ज न निकला एक आज चुपचाप सह गया घूटन होने लगी आज उसी आशियाँ में जो पुरखों का सपना था मगर ढ़ह गया देख़ ऐ ताक़त उस जोरू की सिर गर्माया है लग़ने लगा है ग़लत उगाया व्रक्ष जो बह गया हर सपना अधूरा सा नज़र आने लगा है सब तेरी वज़ह से ये अपनी मां से कह गया ज़माना बदलने की हद्द शिकायतें दर्ज बहुत उठीं कलम "श्याम सिंह" लिखा जो चह गया   परिचय :-  श्याम सिंह बेवजह निवासी : नयावास (दौसा) राजस्थान आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेत...
इश्क़ ऐ राह
कविता

इश्क़ ऐ राह

श्याम सिंह बेवजह नयावास (दौसा) राजस्थान ******************** इश्क़ ऐ राह इश्क के राह में मंज़र हजार देखे हर चीज दौलत में बिकते बाजार देखे संभल ऐ खुदगर्ज़ इंसां यू शिकायत ना कर माशूका के साथ बदलते यार देखे लुटा दिया था जग सारा जिस हँसी पे गुफ्तगूं करते ऐसे संसार देखे बदलाव की आँधी ने हमे बहुत कुछ दिया यूँ हँसी वादियाँ हमने नदियों के पार देखे पढ़ी है कहानियां हज़ार उसने हम ने तो सिर्फ उनके सार देखे मर मिटे जिस शख्स पे हुस्न ऐ तारीफ काबिल ना कभी इस दुनिया मे ऐसे दिलदार देखे तमन्ना ऐ दिल मिल जा एक बार नैना तरस गए वो सच्चा प्यार देखे नुमाइश ऐ खुदा सलामत रख उस शख्स को "श्याम सिंह बैरवा" ने ख्वाब में जो हार देखे   परिचय :-  श्याम सिंह बेवजह निवासी : नयावास (दौसा) राजस्थान आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, ह...