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Tag: शिवम यादव ”आशा”

वियोग की पीड़ा में श्रृंगार
कविता

वियोग की पीड़ा में श्रृंगार

शिवम यादव ''आशा'' ग्राम अन्तापुर (कानपुर) ******************** श्रृंगार का अंदाज था। वियोग का भाव। बिछड़ने का डर था, संयोग का अभाव। मिलन का ख्वाब था, बातों का लोभ था। दृश्य ऐसा अपनाया, मिट गई सुंदर काया। संयोग पर हस्ते, वियोग पर रोते। अस्थाई प्रेम पर वचन सुनाते, वियोग होने पर रोते ही जाते। वियोग और संयोग-संयोग से होता है, वियोग खुद संयोग से रोता है। रोद्र भरे मन से निर्वेद की ओर चले, श्रृंगार ऐसा करें अद्भुत सबको लगे। .परिचय :-  आपका नाम शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह : ...
गंतव्य मेरा
कविता

गंतव्य मेरा

शिवम यादव ''आशा'' ग्राम अन्तापुर (कानपुर) ******************** वो नहीं देख सकते हैं गंतव्य मेरा बना देखकर मुझको हैवानी चेहरा हमारे हुए न तुम्हारे क्या होंगे यही आखिरी था सफ़र साथ मेरा कल वो आप आज हम जाएंगे सालों बाद किसी की जिन्दगी चलाने से नहीं चलती किसी की झोपड़ी जलाने से नहीं जलती आसमान छूने का हौसला होता है पंछियों के अन्दर क्योंकि उड़ाने सिर्फ़ परों से नहीं होती तुम्हें कोई नफ़रत के भावों से देखे उसे प्रेम के गीत तुम अपने दे दो बने प्रीत तेरी या मेरी बने वो हर एक राह पर प्रेम की जीत लिख दो अपने ही हर काम से ही वो खुश हैं ये दुनियां क्या सोचे वो इससे से अलग हैं पड़ी बात जब-जब है मुझको उठानी मेरे साथ से वो अलग हो गए हैं ये नफ़रत की बातें हैं मुझसे न होती चलो आज मिलकरके बातें हैं होती उन्हें क्या था समझा वो क्या हो गए हैं मेरे नाम से उनको आफ़त सी होती कभी द...
सर्द हवाएँ
कविता

सर्द हवाएँ

शिवम यादव ''आशा'' (कानपुर) ******************** यही तो ओस की बूँदे, मुझे अवगत करातीं हैं नमीं कितनी है मौसम में सभी को ये बतातीं हैं कहीं की सर्द हवाएँ सदा मुझसे ही मिलतीं हैं कहें क्या हम उनसे अब वो दुआ रब से करतीं हैं कोई नफ़रत से जीता है कोई खुशियों में पलता है हिफ़ाजत मेरी करती है और मुझको ही डराती है . लेखक परिचय :-  आपका नाम शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन" आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते...
चले जाओ
कविता

चले जाओ

शिवम यादव ''आशा'' (कानपुर) ******************** छोड़ कर चले जाओ मुझे कोई गुरवत नहीं मगर दिल के खातिर एक दुआ दे दो अभी मैं हूँ अकेला अकेला देखना अब तुम्हें है नहीं मैं जिन्दा हूँ या मुर्दा हूँ ये अब न सोचना कभी क्या क्या मुझपे बीता कैसे कैसे हूँ मैं जीता फ़िकर हूँ करता नहीं खुल से मुँह मोड़ता नहीं . लेखक परिचय :-  आपका नाम शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन" आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी ...
चले जाओ
कविता

चले जाओ

शिवम यादव ''आशा'' (कानपुर) ******************** छोड़ कर चले जाओ मुझे कोई गुरवत नहीं मगर दिल के खातिर एक दुआ दे दो अभी मैं हूँ अकेला अकेला देखना अब तुम्हें है नहीं मैं जिन्दा हूँ या मुर्दा हूँ ये अब न सोचना कभी क्या क्या मुझपे बीता कैसे कैसे हूँ मैं जीता फ़िकर हूँ करता नहीं खुल से मुँह मोड़ता नहीं . लेखक परिचय :-  आपका नाम शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन" आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंद...
हिन्दी की कविता का अवतार
मुक्तक

हिन्दी की कविता का अवतार

शिवम यादव ''आशा'' (कानपुर) ******************** ये तो हिन्दी की कविता का अवतार है दिल के दर्दों का ये तो उपचार है लिखते-लिखते तो हम बन गए हैं कवि प्यार से लोग पढ़ते ये उपकार है ढलते ही शाम के रात आ जाएगी तुम आ जाओगे प्यास बुझ जाएगी ये तो सफ़र हैं कहाँ तक ले जाएंगे जिन्दगी क्या है तब समझ आयेगी ऐसे ताँका झाँका नहीं कीजिए जिन्दगी को खुशी से जी लीजिए आज हैं हम यहाँ कल कहाँ जाएंगे आप खुद से जरा ये सवाल कीजिए . लेखक परिचय :-  आपका नाम शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन" आप भ...
राह कहाँ छोड़ी है
कविता

राह कहाँ छोड़ी है

शिवम यादव ''आशा'' (कानपुर) ******************** आज छोटी उड़ाने गगन चूम लें मिलकरके ऐसा एक संकल्प लें जीत मिलती सदा उन्हीं को यहाँ जो अपने हौंसलों को दृढ़ कर लें लोग कहते हैं कर पाएगा ये क्या अपने जज्बातों को दिखा दो यहाँ भरा है क्या मेरे दिल में जुनूँन सफलता इन्हें भी दिखा दो यहाँ अभी काम व पहचान छोटी है शोहरत की गली थोड़ी छोड़ी है चलते जाएँगे बढ़ने की राह में सफलता की राह कहाँ छोड़ी है . लेखक परिचय :-  आपका नाम शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन" आप भी अपनी कविताएं, ...
अधूरा साथ
कविता

अधूरा साथ

शिवम यादव ''आशा'' (कानपुर) ******************** जिन्दगी ये मेरी कोई शीशा नहीं खेलकर तोड़ दो है खिलौना नहीं वर्षों लगी हैं मुझे सजाने में इसे छोड़कर जाऊँ कोई है मकाँ नहीं बेजह तुम बनें जिन्दगी यूँ रहे साथ मेरे करते खिलवाड़ क्यों रहे हम तो अकेले थे बनें रहने देते अधूरा साथ मुझको देते क्यों रहे . लेखक परिचय :-  आपका नाम शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन" आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक...
वो समुन्दर है
कविता

वो समुन्दर है

शिवम यादव ''आशा'' (कानपुर) ******************** बहुत कुछ खोया है उसने अपने जीवन की दिनचर्या में बहुत कुछ सहना सीखा है महज़ बात को कहने में आज तूफ़ान हिलोरे लेते हैं समाज रूपी कुरीतियों में नहीं डरी हैं मेरी माताएँ उनको आगोश में लेने में एक रुप समुन्दर रुपी उनका मुझे देखने को मिल जाता है बाबुल का घर छोड़ चलीं जब पति का घर मिल जाता है जरा हिचक न दिखती उनमें अनजाने घर में अपना दायित्व निभाने में सच में क्षमता रखती हैं वो सब कुछ अपने में समाने में . लेखक परिचय :-  आपका नाम शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य सं...
सर्दी की बात
कविता

सर्दी की बात

शिवम यादव ''आशा'' (कानपुर) ******************** कट-कट-कट-कट बज़ते दाँत करने न देते हैं बात ये तो है भाई सर्दी की बात अब तो हैं सर्दी के राज़ इनसे लड़ने की न करना बात कहीं मचा न दे ये उत्पात कहीं कोहरा का है बवाल कहीं है जनजीवन बेहाल गाँव-शहर के गलियारों में चलती बस सर्दी की बात ऊनी और मखमली कपड़े देते हैं सर्दी को दाद भैया ये तो है सर्दी की बात . लेखक परिचय :-  आपका नाम शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन" आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिच...
घट गया पौरूख
कविता

घट गया पौरूख

शिवम यादव ''आशा'' (कानपुर) ******************** वो सफ़र था सुहाना जब शरीर में भरपूर चेतना थी हमारे घट गया है पौरुख ये शरीर हुआ अब तुम्हारे हवाले। डर लगता है बुढ़ापे से दबा दबा सा रहता हूँ कहीं बुढ़ापा बिगाड़ न दें ये नए खून के दीवाने। आजकल बुजुर्गों के हाल बद से बदतर हो जा रहे हैं दुतकारते हैं बेटे माँ-बाप को ऐसे परिणामों का डर पल रहा है दिल में हमारे। . लेखक परिचय :-  आपका नाम शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन" आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच प...
मेरे साथी बनो
कविता

मेरे साथी बनो

शिवम यादव ''आशा'' (कानपुर) ******************** साथ तेरा मिला आज मुझको यहाँ अपने सारे ख्वाबों से तुम्हें मिलाऊँगा यहाँ साथ तेरा मिला मुझको कितना प्यारा तूने आकर है सँभाला तू ही है मेरा आसरा यहाँ तुम मेरे साथी बनो हम साथ निभाएँगे तुम मेरी जिंदगी की अब इबादत हो यहाँ . लेखक परिचय :-  आपका नाम शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन" आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहा...
गुणी विज्ञान है
बाल कविताएं

गुणी विज्ञान है

शिवम यादव ''आशा'' (कानपुर) ******************** बाल मन बाल हठ को पहचानना मनोविज्ञान है बाल बच्चों के दिमाग में बस रहा है विज्ञान है बाल मन की बाल उम्मीदें छू रहीं आसमान है इन उम्मीदों से ही आता जमीं पर आसमान है बाल मन की कुछ आदतें कर रहीं हैरान हैं क्या पनपतीं हैं सभ्यताएँ समझ सके जो इसे वही गुणी विज्ञान है . लेखक परिचय :-  आपका नाम शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन" आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सक...
दिल के करीब
कविता

दिल के करीब

शिवम यादव ''आशा'' (कानपुर) ******************** कुछ रिश्ते बहुत अजीब होते हैं जो दिल के बहुत ही करीब होते हैं कभी उनसे दूर नहीं रहा जा सकता साथ रहने वाले खुशनसीब होते हैं जिंदगी हमसफ़र बनकर यूँ ही निकल पड़ती है कोई साथ दे या न दे वो अकेले ही अपने लक्ष्य को भेद सकती है न सफर तय था न मंजिल पता थी वो रिश्तों की डोरी से बँधा था न इसकी खबर थी . लेखक परिचय :-  आपका नाम शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन" आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोट...
हम तो आज़ाद हैं
कविता

हम तो आज़ाद हैं

शिवम यादव ''आशा'' (कानपुर) ******************** हम तो आज़ाद हैं हम तो आज़ाद हैंं...... बंदिशों से सदा उनकी लाचार हैं उनको लगता सदा हम तो बेकार हैं छोड़ दी हमने अब तलवार है बन गई अब कलम मेरी पतवार है हम तो आज़ाद हैं हम तो आज़ाद हैं..... लिखते लिखते नहीं हाथ थकते मेरे देश पर मेरा लिखने का अधिकार है हम तो आज़ाद हैं हम तो आज़ाद हैं..... देखकर लोग कहते हैं आवारा है ये तो आवारा है, ये तो क्वाँरा है धड़कने उनके दिल की हैं बढ़ने लगीं फिर से कहने लगे वो तो बेचारा है वो तो बेचारा है वो तो बेचारा है हम तो आज़ाद हैं हम तो आज़ाद हैं..... . लेखक परिचय :-  नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता ...
एक दीप जलाओ
कविता

एक दीप जलाओ

शिवम यादव ''आशा'' (कानपुर) ******************** एक दीप जलाओ ऐसा सारी दुनियाँ में फैले प्रकाश भरत भूमि के दीपों से जगमगा उठे पावन आकाश देश हमारा भारत है सच कहना मेरी आदत है देश में बढ़ते अत्याचारों से योगी जी मुख मोड़ना तुमपे लानत है रचाओ खूब तुम षड्यन्त्र, हम सारे काट जाएंगे ... विरासत की लड़ाई को, सफ़ल हम जीत जाएंगे ... तुम पैतृक भूमि मेरी को, दबाना गर जो चाहोगे... हम खौलते लहू में अपने दफ़न तुमको करायेंगे ... रोशन हो घर साफ़ हो मन निरोग हो तन सद्भाव और शांति के साथ मिलकर इस दीवाली को मनाएँ सब जन . लेखक परिचय :-  नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्व...
प्रेम की रचना
कविता

प्रेम की रचना

शिवम यादव ''आशा'' (कानपुर) ******************** मुझे हल्के में लेने से, तुम्हारा फ़ायदा ही क्या चलता रेत पर हूँ मैं, तुम्हें अन्दाज़ा है इसका क्या शराफ़त से भरी महफ़िल में, रहना शौक है मेरा वरना है दुनियां से, मुझे लेना ही देना क्या किसी के प्यार के आँसू, किसी के पाप के आँसू बहते आँसुओं से है, तुमने जान पाया क्या हमारी याद में जलकर, उसने खुद को राख कर डाला मुझको न पता था कुछ, इसमें दोष मेरा क्या हजारों की सज़ी महफ़िल में, मेरा कोई दुश्मन है न मैंने खोज पाया है, उसमें दोष उसका क्या मेरे दिल की चौखट पर, प्यार ने दस्तक दे डाली मैंने गेट न खोला, इसमें उससे बुराई क्या ... लेखक परिचय :-  नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़ल...
तन्हाई बेबस
कविता

तन्हाई बेबस

शिवम यादव ''आशा'' (कानपुर) ******************** ख्वाबों की दुनियाँ भरी है जिन्दगी गम से भरी है गम भरे हालात में जीकर गुज़ारा कर रहे... जीतना ही जीत जिसको लग रही... क्या बताएं ख्वाब दिल में दिन ब दिन नए उग रहे... हर तरफ़ तन्हाई बेबस लोग चलते जा रहे मैं अधूरा था अभी तक पूरा खुद को कर रहे... देख जालिम ये जमाना बेरहम हर ओर है क्या से क्या सपने गढ़े थे दिख रहे कुछ और हैं... लेखक परिचय :-  नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन" आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक...
आसमां हम हुए
कविता

आसमां हम हुए

********** शिवम यादव ''आशा'' (कानपुर) आसमां हम हुए तुम सितारे हुए हम तुम्हारे हुए तुम हमारे हुए गमों को लिए घूमते हम रहे प्यार को हम तेरे थे सम्हाले हुए चाँद हम बन गए चाँदनी तुम हुए आसमाँ हम हुए तुम सितारे हुए हम तुम्हारे हुए तुम हमारे हुए जिंदगी के तेरे हम सहारे हुए पथिक तुम हुए राही हम बन गए उजङे उपवन मेरे की तुम कलियाँ बनें घोर घनघोर बादल जब हम बनें तुम मेरे प्रेम की ही तो बारिश बनें आज बारिश यहाँ गुनगुनाने लगी बाद सदियों तेरी याद आने लगी आसमाँ हम हुए तुम सितारे हुए हम तुम्हारे हुए तुम हमारे हुए . लेखक परिचय :-  नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी ...
बापू मेरे
कविता

बापू मेरे

********** शिवम यादव ''आशा'' (कानपुर) राष्ट्र पिता थे बापू मेरे राष्ट्र धर्म सिखलाया सत्य अहिंसा के पथ पर चलना भी सिखलाया शान्ति और स्वाभिमान से जीवन जीने की राह दिखाई ऐसे थे महान पुरुष मेरे बापू तब जाकर उन्होंने राष्ट्र पिता की उपाधि पाई . लेखक परिचय :-  नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन" आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु...
वो नहीं आई
लघुकथा

वो नहीं आई

********** शिवम यादव ''आशा'' (कानपुर) उस दिन अनु बिल्कुल निढाल सा हो गया था जबकि इतनी खूबसूरत शाम का सुहाना सा मौसम था जिसे देखकर किसी का भी मन मोह जाता और खुद को वहाँ रोके बिना नहीं जा पा रहा था लेकिन अनु अब भी एक टक उसी राह पर अपनी नजरें गढाए हुए बैठा था, जिस तरफ कोमल सिसकती हुई तेज कदमों से चली गई थी, हल्की हल्की बूँदें फ़ुहार नुमा आसमान से गिर रहीं थी जो बूँदें अब पानी बनकर अनु के बालों से खेलती हुई उसके रेगिस्तान की तरह सूखे और लालमा से भरे हुए गालों पर दस्तक देने ही वाली थी कि अनु ने एकदम से हाथ से पानी को हटाया और नदी के पानी की तरफ़ देखकर फ़िर से पिछली मुद्रा में लीन हो गया,क्योंकि अनु को भरोसा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास था कि कोमल मुझे छोड़कर नहीं जा सकती और फ़िर इस स्थिति में तो बिल्कुल भी नहीं कि जब मैं उससे कह चुका हूँ, कि कोमल तुम्हारे बिना मेरी जिंदगी पूर...
मुझे इतनी दूर
कविता

मुझे इतनी दूर

********** शिवम यादव ''आशा'' (कानपुर) चले जाओ तुम छोड़कर      मुझे इतनी दूर तुम्हें छूने वाली हवा भी          न लगे मुझे मैं रह लूँगी,मैं सह लूँगी ये बद्तर तन्हाई के दिन   तू छोड़ दे बीच राह में       मुझे इतनी दूर मुझे होने लगे तुमसे नफ़रत      ऐसा वाकया कुछ मेरे साथ कर जाओ तुम   मैं रह नहीं सकती बिन तेरे ऐसा प्यार क्यों    जन्मा मेरे दिल में भूल जाऊँ मैं प्यार को इस प्यार से कर दो तुम   मुझे इतनी दूर . लेखक परिचय :-  नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन" आप भी अपनी कविताए...
मैं गया नहीं
कविता

मैं गया नहीं

********** शिवम यादव ''आशा'' (कानपुर) मैं गया नहीं वो बुलाते रहे मैं गया नहीं वो तड़पते रहे मैं गया नहीं वो तरसते रहे मैं गया नहीं वो लड़ते रहे मैं गया नहीं वो देखते रहे मैं गया नहीं वो रोते रहे मैं गया नहीं वो बिगड़ते रहे मैं गया नहीं वो गरज़ते रहे मैं गया नहीं वो बरसते रहे मैं गया नहीं भीगते रहे मैं गया वो सूखते रहे मैं नहीं वो लरज़ते रहे  मैं गया नहीं इसकी थी    सिर्फ़ वज़ह यही उनको कुछ पता नहीं हम समस्याओं से जूझते रहे . लेखक परिचय :-  नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन" आप ...
बरसे बदरा
कविता

बरसे बदरा

शिवम यादव ''आशा'' (कानपुर) आज बरसे बदरा मुझको मौसम सुहाना लागे  खेत हो रहे हरे भरे खलिहान लाॅन सी लागे बरसे बदरा... मन भर गया उमंगो से दूर कोश कोश तक भागे सिर पर लाखों बोझ रखे थे वो भी हल्के हल्के लागे बरसे बदरा... मन भी झूमा तन भी झूमा अंग अंग खिली बहारें मन मस्त जमीं पर घूूम रहा है रंगीला रंगीला लागे बरसे बदरा... . लेखक परिचय :-  नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन" आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिं...
बावरा है
कविता

बावरा है

शिवम यादव ''आशा'' (कानपुर) गुमसुम क्यों रहता है      मन बावरा देखे किसी को भी न बुलाए बावरा चल साथ तेरे हम   रहते हैं रोज़   मेरे यारा गुमसुम क्यों रहता है     मन बावरा है अब हँसता नहीं    मेरा लाडला चल रहा है आख़िर किससे मुकाबला न हँसता न बोले   ये मन बावरा   क्या प्यासा है   क्यों उदासा है     ये बावरा . लेखक परिचय :-  नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन" आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर...