चुप्पी तोड़नी होगी
शिवदत्त डोंगरे
पुनासा जिला खंडवा (मध्य प्रदेश)
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हमें चुप्पी तोड़नी होगी
उन लोगों के लिए
जो झोंक दिए जाते हैं
सांप्रदायिकता की आग में,
जिन्हें धर्म के नाम पर
तो कभी भाषा के नाम पर
कभी क्षेत्र के नाम पर
लड़ाया जाता है .
जो लगातार उपेक्षित हैं
विकास की दौड़ में
जो कैद है अंधविश्वास
की जंजीरों में
जिनकी आंखों में बंधी है
अज्ञानता की पट्टियां
जिनकी आंखों में
गुम हो रहे हैं सपने
जिनकी स्वपनहीन आंखों में
भर दी गई है नफरतें
हमें चुप्पी तोड़नी होगी
उन लोगों की
जो दबंगों के आगे चुप है
उंची नीच की दीवारों में बंद है
हमें चुप्पी तोड़नी होगी
उन कन्या भ्रूण के लिए
जो मार दी जाती हैं गर्भ में
उन बेटियों बहू और
माताओं के लिए
जो हो रही है शिकार
मानसिक-शारीरिक प्रताड़नाओं
और अपने परायों से बलात्कार की
हमें चुप्पी तोड़नी होगी
सभ्यता संस्कृति ...