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Tag: शिव चौहान शिव

जाड़े की लंबी रातें
कविता

जाड़े की लंबी रातें

शिव चौहान शिव रतलाम (मध्यप्रदेश) ******************** जाड़े की लंबी रातें जिस्म पिघलकर रूह में उतरता हाड़ सख्त पहरेदार-सा ठिठुरते पैर घुटनों को मोड़े हाथ कांधों में बगल तलाशें ठिपुरन सिकुड़न को दाबे सांसें मंद आंच में पकती जैसे। परिचय :-  शिव चौहान शिव निवासी : रतलाम (मध्यप्रदेश) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे न...
तू शरद के चांद जैसी
कविता

तू शरद के चांद जैसी

शिव चौहान शिव रतलाम (मध्यप्रदेश) ******************** तू नदी की अविरल धारा मैं उथला-सा पोखर हूं तू प्रेम की क्लिष्ट भाषा मैं सरल-सी बोली हूं तू नयन में सपने बुनती मैं हकीक़त दर्पण हूं तू गगन में उड़ती रहती मैं पगडंडी विचरण हूं तू शरद के चांद जैसी मैं ग्रह में मंगल हूं तू प्रेम गंध महके जैसे मैं पसीने तर-तर हूं तू अनुराग है गीत भ्रमर-सी मैं कबीर की वाणी हूं। परिचय :-  शिव चौहान शिव निवासी : रतलाम (मध्यप्रदेश) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कव...
ऐ मेरी कलम
कविता

ऐ मेरी कलम

शिव चौहान शिव रतलाम (मध्यप्रदेश) ******************** ऐ मेरी कलम, तू क्रांति लिख धरा की शोणित माटी लिख वीरों की आन-बान-शान लिख विप्लव गान लिख शौर्य का गुणगान लिख हिंद की शक्ति/पहचान लिख कुछ नहीं तू बस इतना लिख जो दे गए अपनी जाने-वतन उनकी कुर्बानी लिख जिंदगानी की अमर कहानी लिख बेवाओ के माथे का सिंदूर/अंगार लिख बहिनों की राखी का डोर लिख माँ के दूध का कर्ज़ लिख बाप के अरमां/फर्ज़ लिख बेटी का रूदन पुकार लिख बेटे के अश्रु की धार लिख भाई का मनोबल लिख परिवार का संबल लिख पुष्प की अभिलाषा लिख शहिदों की परिभाषा लिख ऐ मेरी कलम तू क्रांति लिख...... परिचय :-  शिव चौहान शिव निवासी : रतलाम (मध्यप्रदेश) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आद...
मित्र
कविता

मित्र

शिव चौहान शिव रतलाम (मध्यप्रदेश) ******************** मित्र चेहरे की मुस्कान हैं जिंदगी की उलझनों का निदान हैं विपदाओं में पहचान है दिल की खुली किताब हैं रोशनी का आफ़ताब हैं गम को हरले वो शादाब हैं के अपमान को सह नहीं पाता वो दुर्योधन-सा साथ हैं कृष्ण-सुदामा के मिलन-सा हाथ हैं मित्र चेहरे की मुस्कान हैं! परिचय :-  शिव चौहान शिव निवासी : रतलाम (मध्यप्रदेश) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gm...
गाँव/प्रकृति
कविता

गाँव/प्रकृति

शिव चौहान शिव रतलाम (मध्यप्रदेश) ******************** उसरी भूमि में भी फल से लद जाती है ये खजूर भी बिन बोये उग जाती है घर-आंगन में नीम जेठ-मास में छांव का मूल्य बताता है बड़ पर बंधे झुले सावन के गीत गाते है पीपल शांतचित्त में प्राणवायु का दाता है गांव प्रकृति संग झुमता रहता है शहर मुहँ ताकता नजर आता है! परिचय :-  शिव चौहान शिव निवासी : रतलाम (मध्यप्रदेश) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.c...