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Tag: शशि चन्दन “निर्झर”

एक वक्त के बाद
कविता

एक वक्त के बाद

शशि चन्दन "निर्झर" इंदौर (मध्य प्रदेश) ******************** किस्से-कहानी बदल जातें हैं एक वक्त के बाद। नन्हें-नन्हें पौधे वृक्ष हो जातें हैं एक वक्त के बाद। तमाम अरमान गुजरते तो हैं आंखों की गलियों से.. फिर मोती से कौरों पे ठहर जाते हैं, एक वक्त के बाद।। सुनो नया-नया सा एहसास पाकर, गैर भी क़रीब आ जाते, तासीर मुताबिक़ अपने पराए हो जाते हैं एक वक्त के बाद।। रहमत खुदा की, अमानत अपने वतन की सहेजे तो सही... पर जानें कैसे अहम के डंके बजने लगते, एक वक्त के बाद।। पंक में खिलते पंकजराज, रंग बिरंगे हाथों में जचती हिना लाल, कि राजा रंक फकीर सबकी, होती एक ही गति, एक वक्त बाद।। सुन "शशि" धरती अम्बर नाप ले जितना नाप सके, कि ये माटी की काया माटी हो जाती एक वक्त के बाद।। परिचय :- इंदौर (मध्य प्रदेश) की निवासी अपने शब्दों की निर्झर बरखा करने वाली शशि ...