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Tag: विनय मोहन ‘खारवन’

विश्वास
लघुकथा

विश्वास

विनय मोहन 'खारवन' जगाधरी (हरियाणा) ******************** सड़क पर भीड़ जमा थी। वो मदारी तमाशा दिखा कर मजमा लगाए हुए था। मैं भी टाइम पास के लिए वहाँ खड़ा होके तमाशे का व मदारी की मजाकिया लहजे में बात करने के अंदाज का आनंद लेने लगा। मदारी दो पोल के बीच रस्सी बांध कर उस पर बैलैंस बना कर चलने लगा। फिर अचानक रस्सी पर वो अपने छोटे से बच्चे को लेकर भी चलने लगा। सभी सांस रोके इस प्रदर्शन को देख रहे थे। वो जब ठीक ठाक नीचे उतर गया, तब सबकी जान में जान आई। नीचे उतर कर वो बोला की क्या ये सब वो दुबारा भी कर सकता है। सभी बोले बिलकुल कर सकते हो। हमें तुम पर पूरा विश्वास है। मदारी बोला ठीक है दोस्तों, अगर आपको मुझ पर इतना विश्वास है तो कोई भी भाई अपना छोटा बच्चा मुझे दे दे। मैं उसको लेकर रस्सी पर चलूंगा। सभी ने अपने छोटे बच्चों को अपने पीछे छुपाना शुरू कर दिया। कोई आवाज़ नही आई। मदारी बोला अरे दोस्तों आपको त...
भगवान और भिखारी
लघुकथा

भगवान और भिखारी

विनय मोहन 'खारवन' जगाधरी (हरियाणा) ******************** धार्मिक प्रवृत्ति के राम लाल हर रोज साईकल से उस शिव मंदिर में पूजा करने आते थे। मंदिर के सामने ही एक भिखारी बैठता था। जिसे राम लाल रोज एक रुपया देता था। ये नियम सा बन गया था। उस दिन भी रामलाल साईकल से घर से चला, पर मंदिर पहुंचने से पहले ही साईकल में पंचर हो गया। साईकल को पैदल ही लेकर पंचर की दुकान तक पहुंचा। पंचर लग गया। पैसे जेब से निकालने लगे तो पता चला पर्स ही घर रह गया। अब क्या करें। दुकानदार को सारी बात बताई पर दुकानदार नही माना। रामलाल ने इधर उधर देखा, सामने भिखारी पर नज़र पड़ी। भिखारी रामलाल को ही देख रहा था। रामलाल भिखारी के समीप गया। भिखारी ने बिना कुछ बोले, बिना कुछ पूछे रामलाल को दस का नोट थम दिया। रामलाल समझ गया कि ये भिखारी सब देख चुका है। भिखारी नीचे मुँह करके अपना कटोरा खड़काने लगा। रामलाल ने दुकानदार के पैसे दिए व मंन्दिर...