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Tag: रोहिणी नन्दन मिश्र

माँ
कविता

माँ

रोहिणी नन्दन मिश्र गजाधरपुर गोण्डा, (उत्तर प्रदेश) ******************** नौ दस माह लिये कुक्षि में जिसने सब भोग विलास बिसारा जाकर रूप अनूप दिखा सबसे पहले जब नैन उघारा पाँव उठा पहला जिसने तब हाथ बढ़ा कर अंक पसारा होंठ हिले पहले तब 'नंदन' माँ बस माँ यह शब्द उचारा जाकर पावन गोद सुहावन शीतल पीपल छाँव सरीखा पीकर दूध सनींद शिशू सुख देख लगे अमरावति फीका 'नंदन' हूक उठे उर माँ सिर देख बुखार खरोंच तनी सा वैद बुलाकर दीठि झराकर माँ भर माथ लगावय टीका आतप झेल सहे चुपचाप कहे न कभी सब भेद छुपावे माँ उपवास करे दिन रैन परन्तु हमे भरपेट खिलावे झूर पलंग हमें पउढ़ाकर सीलन में खुद रात बितावे माँ सम 'नंदन' को जग में अपना सुख देकर दुःख बुलावे अम्बर सागर बादल माँ अरु पर्वत नागरबेल विताना माँ अमरी शबरी जसुदा गिरिजेश सुता सिय वेद पुराना दान दया ममता बलिदान सनेह तपस्या अलौकिक ना...