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Tag: राम प्यारा गौड़

आजादी का अमृत महोत्सव
कविता

आजादी का अमृत महोत्सव

राम प्यारा गौड़ वडा, नण्ड सोलन (हिमाचल प्रदेश) ******************** आओ आजादी का अमृत महोत्सव मनाएं नाचे गाऐं खुशियां मनाएं राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ बनाएं। ७५ वर्ष के सफर की कहानी जन-जन तक पहुंचाएं। हर घर की छत पर इस बार तिरंगा लहराऐगा हर बच्चा हर नागरिक कर्तव्य अपना निभाएगा। छोटे बड़े करोड़ों तिरंगे हवा संग जब लहराएंगे जनमानस के हृदय में देश भक्ति जगाऐगें। हमारी आन है तिरंगा देश की शान है तिरंगा तिरंगा है स्वाभिमान। तिरंगे से है अस्तित्व देश का तिरंगा हमारी पहचान। तिरंगा कभी न झुकने देंगे देनी पड़े चाहे जान। आओ सारे आजादी का अमृत महोत्सव मनाऐं नाचे गाऐं खुशियां मनाएं। अपनी पाठशाला से निशुल्क तिरंगा लेकर अपने घर की छत पर श्रद्धा पूर्वक लहराएं। गांव में सब को तिरंगें का महत्व बताएं सबके मन में देशभक्ति का भाव जगाऐं आओ अमृत महोत्सव मनाऐं।। परिचय :-...
सावन मनभावन
कविता

सावन मनभावन

राम प्यारा गौड़ वडा, नण्ड सोलन (हिमाचल प्रदेश) ******************** सावन तेरे संग-संग धरा पे निखरे अनेकों रंग हरितिमा के कालीन पर मेघ शिशु अठखेलियां करते तितलियों संग उड़ते छुपते,करते कभी अट्टहास वर्षा बूंदों से नहाए पल्लव सूरज रश्मियों से पा गरमाहट मंद सुगंध हवा के संग हाथ हिला करते अभिवादन राग मल्हार गाते भंवरे कोकिल गान कानों में पसरे घनघोर शोर लिए मोर हरषे बहुरंगी बादल उमड़े क्षण भर में रुप बदले.. भयानक रूप बना सबको डराए गड़गड़ ध्वनि से सब थर्राए अगले ही क्षण वर्षा की झड़ी लगाए देख कृषक मन ही मन हर्षाए सावन की है महिमा निराली हर जीव जंतु की चाल हो जाए मतवाली नेह संचार हृदय में होता वियोग में प्रेमी युगल छुप कर रोता हर कोई सावन की बाट है जोहता सबसे तेरा नाता है सबको तू भाता है मन में मधु उपजाता है इसीलिये तू मधुमास कहलाता है। सतरंगी इंद्रधन...
बाट और बटोही
कविता

बाट और बटोही

राम प्यारा गौड़ वडा, नण्ड सोलन (हिमाचल प्रदेश) ******************** सब चले हैं, सब चलते हैं, सब चलेंगे... अपनी अपनी बाट। कोई सोचता चलने से पूर्व कोई सोचता ठोकर के बाद। कोई बिछाता कंटक राह में, कोई करता कंटक साफ। राह में रोड़े,पत्थर तमाम मिलेंगे सघन झाड़ियां की उलझाहट विषैली बेलों की लिपटाहत। धूप छांव में अपनी परछाई पहचान खुद से करवाती हुई घने जंगल मे खो जाएगी । उंगली पकड़ सहारा देने वाले सिमटे हुए पीछे रह जाएंगे। कदमों मे गर ताकत होगी, सफर बाट का आसान होगा। इच्छा शक्ति से मन भरा हो तो मंजिल का दरवाजा पास होगा। अपनी बाट, अपनी हो चाल धोखा दे कोई, क्या मजाल? देखा-देखी दूसरों के कहने लगे नशे के गर्त में रहने। झूठी शान,झूठा दिखावा एकमात्र मन का बहकावा। बाट कुसंगति की अति वृथा मानव समाज से होता पृथा। समय, स्थान, स्थिति को जानो तब राह पर पग धरने की...
देखो मेरे समाज में क्या हो रहा है
कविता

देखो मेरे समाज में क्या हो रहा है

राम प्यारा गौड़ वडा, नण्ड सोलन (हिमाचल प्रदेश) ******************** देखो मेरे समाज में ये क्या हो रहा है? इन्सानियत छोड़ आदमी, हैवान हो रहा है, सूख रही है रिश्तों की फसल, चारों ओर अनैतिकता का बोलबाला हो रहा है। प्रेम-करूणा, त्याग को, अधर्म निगल रहा है, उदण्डता-उछृखंलता फैशन बन रहा है। दामन बहु बेटी का तार-तार हो रहा है, देखो ! मेरे समाज में ये क्या हो रहा है? सच्चाई दिखाने वाला खुद शर्मशार हो रहा है, आदमी स्वार्थ के कीचड़ में धंसा जा रहा है, यश लोलुपता में पहचान अपनी खो रहा है, नशे के गर्त में पड़, विवेक अपना खो रहा है। देखो मेरे समाज में ये क्या हो रहा है? बलात्कारियों की दरिंदगी से सिर झुका जा रहा है, न शर्म, न हया इनका हौसला बढ़ता ही जा रहा है, हर रोज की वारदातों से, चिंता में खून सूखता जा रहा है, कैसे भेजें बेटी बाहर, यही भय सता रहा है। नारी की थी जहां ह...
जुल्फों का साया
हास्य

जुल्फों का साया

राम प्यारा गौड़ वडा, नण्ड सोलन (हिमाचल प्रदेश) ******************** आशिक बोला हे प्रिये! मुझे अपनी काली, घुंघराली नागिन सी जुल्फों के साये में क्षण भर रहने दीजिए। थोड़ा विश्राम... तनिक बतियाने दीजिए। दिल बहलाने को मन करता है प्यार भरी दो बातें कीजिए, मधुर आवाज सुनने को मन करता है। तुम्हारी जुल्फों के साये में बैठ सब कुछ भूलने को मन करता है ऊब, खीज, घुटन निराशा छोड़ हर्षित मन हो जाने को दिल करता है। बिखरे सपनों का ताना-बाना बुन, हसीन दुनिया बसाने को मन करता है। सुनकर महबूबा बोली... माफ कीजिये मुझ पर करें एहसान...। फेसबुक हूं चला रही, नेटवर्क की कमी से, पहले से हूं मैं परेशान। जुल्फें बिखेरने का मेरे पास नहीं वक्त, देखते नहीं, ऊपर से जमाना है सख्त। मेरी मानो... किसी वृक्ष तले चले जाओ घनी छाया में बैठ हवा संग खूब बतियाओ। बुझे मन आ...
आजादी
कविता

आजादी

राम प्यारा गौड़ वडा, नण्ड सोलन (हिमाचल प्रदेश) ******************** आजादी गौरव है आजादी है सम्मान आजादी है गरिमा देश की आजादी है शान आजादी ने शिक्षा फैलाई आजादी ने विकास आजादी से एकता बड़ी आजादी से विश्वास आजादी से सभ्यता आई आजादी से संस्कार आजादी से अधिकार मिले आजादी से पहचान आजादी से खुशियां आई आजादी से मुस्कान आजादी से आए नृत्य कला आजादी से लोकगीत और गान आजादी से खेत लहराए आजादी से व्यवसाय आजादी से धर्म में निष्ठा आजादी से ज्ञान की बड़ी प्रतिष्ठा आजादी से सामाजिक उन्नति आजादी से आर्थिक विकास आजादी से राजनीति सुधरी आजादी ही से अध्यात्मबाद आजादी से हुआ परिपक्व विज्ञान आजादी ने रखा स्वास्थ्य ध्यान आजादी लाई रोजगार आजादी है परोपकार आजादी से सुराज आया आजादी ने सब भ्रम मिटाया आजादी शांति की वाहक आजादी आत्मा की खुराक आजादी से ही दुनिया में अपनी धाक ...
सावन मनभावन
कविता

सावन मनभावन

राम प्यारा गौड़ वडा, नण्ड सोलन (हिमाचल प्रदेश) ******************** सावन तेरे संग-संग धरा पे निखरे अनेकों रंग हरितिमा के कालीन पर मेघ शिशु अठखेलियां करते तितलियों संग उड़ते छुपते, करते कभी अट्टहास वर्षा बूंदों से नहाए पल्लव सूरज रश्मियों से पा गरमाहट मंद सुगंध हवा के संग हाथ हिला करते अभिवादन राग मल्हार गाते भंवरे कोकिल गान कानों में पसरे घनघोर शोर लिए मोर हरषे बहुरंगी बादल उमड़े क्षण भर में रुप बदले.. भयानक रूप बना सबको डराए गड़गड़ ध्वनि से सब थर्राए अगले ही क्षण वर्षा की झड़ी लगाए देख कृषक मन ही मन हर्षाए सावन की है महिमा निराली हर जीव जंतु की चाल हो जाए मतवाली नेह संचार हृदय में होता वियोग में प्रेमी युगल छुप कर रोता हर कोई सावन की बाट है जोहता सबसे तेरा नाता है सबको तू भाता है मन में मधु उपजाता है इसीलिये तू मधुमास कहलाता है। सतरंगी इंद्रधनुष का हार ...
मज़दूर
कविता

मज़दूर

राम प्यारा गौड़ वडा, नण्ड सोलन (हिमाचल प्रदेश) ******************** हर सृजन से भरपूर होता है मज़दूर, सुख चैन मजे से दूर होता है मज़दूर मानवीय कल्पनाओं को मूर्त रूप देता है मज़दूर। सर्दी मे ठिठुरता. गर्मी में तपता ...... बरसात में भीगे तन काम में लगा रहता है मज़दूर धूल मिट्टी से हर वक्त सना रहता सिर पर साफा बांधे, टोकरी उठाए, मन ही मन गुनगुनाता है मज़दूर। रुखी सूखी रोटी खाकर सपनो का तानाबाना बुनता है मज़दूर बीबी बच्चों को सब कुछ दे पाऊँ दो जून की रोटी के जुगाड़ में सब कुछ सहता है मज़दूर। हर तरक्की हर उन्नति हर विकास में सहयोगी है मज़दूर नवनिर्माण का प्रतीक है मज़दूर आखिर क्यों? कदम कदम पर शोषित होता है मज़दूर। ईश्वर करे, मज़दूर कभी न हो मज़बूर मज़दूर कभी न हो मजबूर।। परिचय :-  राम प्यारा गौड़ निवासी : गांव वडा, नण्ड तह. रामशहर जिला सोलन (सोलन हिमाचल प्रदेश) आ...
सरकारी स्कूल
कविता

सरकारी स्कूल

राम प्यारा गौड़ वडा, नण्ड सोलन (हिमाचल प्रदेश) ******************** सरकारी स्कूलां दी क्या रीस पैअलिया ते आठुंईयां तक बिल्कुल नी लगेया दी फीस। दपेहरें जेबे लगेया दी पुख आदी छुट्टिया री कन्टी बाज्जदेई खाणा देउंई एम,डी, एम री कुक। पैअलिया ते बारुंईयां तक दो-दो बरदियां एकदम मुफत। दो सौ रपईया नाल सलाई हिमाचले दी सरकारे ऐ बड़ी खरी योजना चलाई। दसुंईयां तक कताबां फ्री ऐते करिके बोलदे- सरकारी स्कूलां दी क्या रीस। बेटियां दी नी लगदी ट्युशन फीस सरकार देयादी पांति-पांति रे सकौलरसिप। खरे पढाकुआं जो मिलदे लैपटोप बोरड़ मैरिटा च आणे आलेआं जो रपईया मिलदा दस हजार। ऐते करिके हूंदी सरकारी स्कूलां दी जय-जयकार। हर बच्चे दी सेअत जांच हपते बाअद फॉलिक एसिड गोली साला च दो बार डी वर्मिंग गोली जवान बच्चियां जो सैनेटरी नेपकिन फ्री बस पास री सुबिदा खास। पैअली, तिजी, छेउंई, नउंईं कलास फ्री स्कूल चौअले मिलदे खास। ईकॉ फ...
चुनावी हवा
कविता

चुनावी हवा

राम प्यारा गौड़ वडा, नण्ड सोलन (हिमाचल प्रदेश) ******************** शरद हवा के संग-संग चुनावी हवा ने भी पकड़ा रंग सूरज की धूप सदृश नेताओं के चेहरे पे लाली आने लगी है। घोषणा चुनावों की होते ही, हर गांव, हर गली हर मुहल्ले में रवानगी आने लगी है। भाग्य अपना आजमाने टोली नेताओं की घर-घर जाने लगी है। चिकनी-चूपड़ी बातों से, मतदाताओं को रिझाने लगी है। आश्वासनों की कर बौछार नवीन वायदों से भरमाने लगी है। ठण्डी हवा के संग-संग, चुनावी हवा भी रंग पकड़ने लगी है। लोकतंत्र है देश का आधार ये बात जनता की समझ में आने लगी है। निस्वार्थ, निष्पक्ष, निर्भय शतप्रतिशत मतदान करने की अब जनता में होड़ सी लगी है। मतदाताओं का देख उत्साह नेताओं की हृदय कली खिलने लगी है। परिचय :-  राम प्यारा गौड़ निवासी : गांव वडा, नण्ड तह. रामशहर जिला सोलन (सोलन हिमाचल प्रदेश) आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय ह...
बदली है सोच
कविता

बदली है सोच

राम प्यारा गौड़ वडा, नण्ड सोलन (हिमाचल प्रदेश) ******************** कहां गये वो जंत्र-तंत्र ? कहां गए वो जादू मंत्र ? पाखंडों ने था डाला डेरा, अंधविश्वासों ने था घेरा...। भूत भगाओ ... चुड़ैल छुड़ाओ.... सौतन से निजात पाओ, व्यापार में वृद्धि लाओ। घर में सुख समृद्धि पाओ। बंद हुआ व्यपार ठगों का.... भ्रमित करके लूटा खूब। गई ...अब इनकी लुटिया डूब। बिरला ही कोई झांसे में आएगा जरूर करोना ने नुकसान पहुंचाया। पर सही मायनों में जीना सिखाया। तन -मन -आत्मा की शुद्धि, अब आई जीवन जीने की बुद्धि। आहार-विहार, आचार-विचार, वैदिकता से था जिन का प्रचार.... पुनःहुआ इनका प्रसार... जीवन सिद्धांत जो भुुलाएगा,, कोरोना जैसे राक्षस से मारा जाएगा।।   परिचय :-  राम प्यारा गौड़ निवासी : गांव वडा, नण्ड तह. रामशहर जिला सोलन (सोलन हिमाचल प्रदेश) आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परि...
शब्द करे सलाम
कविता

शब्द करे सलाम

राम प्यारा गौड़ वडा, नण्ड सोलन (हिमाचल प्रदेश) ******************** अन्तर्मन से बहिर्गमन को.... आतुर हैं शब्द.... हर शब्द में है उमंग, झलक रही दिव्य तरंग। दिल से निकला हर शब्द, उन योद्धाओं को करे सलाम.... कोरोना के विरुद्ध जो लड़ रहे लाम। लगा अपनी जान की बाजी.... पीड़ितों की जान बचाई। ईश्वर तुल्य बन गए डाॅक्टर.... देवी स्वरुपा नर्सें कहलाईं.... अविस्मरणीय योगदान पुलिस कर्मियों का.... जिन्होंने सौहार्द पूर्ण सहायता पहुंचाई। समाजसेवियों का देख उत्साह.... हुई प्रशस्त मानवता की राह। जन-जन के सहयोग के आगे, कोरोना भी सरपट भागे अंतर्मन से प्रस्फुटित हर शब्द का.... सबको है संदेश, नर सेवा- नारायण सेवा, मिटे क्लेश, मिले समृद्धि का मेवा। इसीलिए शब्द बारम्बार, कोरोना के विरुद्ध ...., लड़ने वालों को करे सलाम।।   परिचय :-  राम प्यारा गौड़ निवासी : गांव वडा, नण्ड तह. रामशहर जिला सोलन (सोलन हिमाच...
अंगा री हड़ताल
आंचलिक बोली

अंगा री हड़ताल

राम प्यारा गौड़ वडा, नण्ड सोलन (हिमाचल प्रदेश) ******************** एक्क दिन सबीं अंगा ने बैठक बुलाई... सोचि बचारी के, गल्ल गलाई। ऐ पेट नहीं करदा, काम्म ना कार,,,,, जेब देखो, खाई के रोटी, मारुंआं डकार। सारा दिन हांए, मरदे-खपदे।। थकि के हुई जाउंआं बुरा हाल। पैरा ने आपणी तौंस जमाई, हांए, हांडि फिरि के करुंए कमाई। हाथ्थां ने भी दुखड़ा सुणाया... खाणे-पिणे रियां चिजां ल्याओ, तेब ऐस पापी पेटो तिकर पहुंचाओ, पर बसर्म पेटो ने कदि जस नी गाया। नाक, कान्न, जीब बी तुनके, आकड़ि के बोले,,,,, आलसी पेटो जो देयो दो-चार छुनके। दान्दा ने भी दांद द्खाए... ऐ-पेट, खसमां जो खाए।। करि के हड़ताल...बोले.. मोटा पेट हाए-हाए। चंउं दिन्ना बाद, अंगा री अक्ल ठकाणे आई।। पैर अकड़े, हाथ्थ सुकड़े, कान्ने सुणणा बंद। हाखिं री बी हालत माड़ि, जीब सुकिगी सारी। सिर चकराया, कांदा नाल टकराया।। पंजुए दिन्...
परिमार्जित व्यवहार
कविता

परिमार्जित व्यवहार

राम प्यारा गौड़ वडा, नण्ड सोलन (हिमाचल प्रदेश) ******************** कोविड - १९ के प्रभाव से, हैंं सभी हैरान, घर में बैठे कर रहें, इष्ट देव का ध्यान। प्रकृति से जुड़ा है नाता, श्रद्धा वश झुक रहा माथा। आपा-धापी, भागम-भाग....... क्षीण हुआ जल्दबाजी का राग। अस्तित्व बोध हुआ है भारी, दूर होगी मिलकर महामारी। डॉक्टर नर्सें, पुलिस कर्मचारी ...... समस्त प्रशंसा के अधिकारी। सेवा भाव जिन्होंने दर्शाया, जीवन में पुण्य प्रचुर कमाया। एकता, सौहार्द का स्वभाव, अनुशासन संयम और सद्भाव, क्षीण करेगा कोरोना प्रभाव। मानव का परिमार्जित व्यवहार,,,, करेगा महामारी पर प्रहार।।   परिचय :-  राम प्यारा गौड़ निवासी : गांव वडा, नण्ड तह. रामशहर जिला सोलन (सोलन हिमाचल प्रदेश) आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविता...
स्याणे री पिलसण
आंचलिक बोली

स्याणे री पिलसण

राम प्यारा गौड़ वडा, नण्ड सोलन (हिमाचल प्रदेश) ******************** देखि के न्याणेयां शोर मचाया, बोले ! डाकिया आया-डाकिया आया। स्याणे सोचेया .... जरूर मेरी पिलसण ल्याया, डाकिये चिट्ठी हाथ्थो थमाई, स्याणे रे पोपल़े मुंए रौणक आई। बोल्या, सुकर आ, मेरी पिलसण आई, डाकिये ने समज्याया....बाबा ! चिट्ठी बंको री.... आज्जां तेरी पिलसल नी आई। सुणि के स्याणी,बऊ, पाऊ, स्याणे रे बक्खो गए आई। बऊए चिट्ठी पड़ी के सुणाई.... बोली --बंको ते करिसी कारड, तिन्न लख लौन आ लऊरा। ना मूल़ ना ब्याज ...चार साल ते एक्क बी पैसा नींयां टाउरा। ऐते करिके लीगल नोटस आ आउरा, सुणि के स्याणे रा सिर चकराया, बोल्या--देखो लोको ! ल्वादा री करतूत, सारे पैसे नसेयां च फुक्कै, तेबेई करजे रा सिरो परो चड़ेया पूत। लाम्बा साअ लेई स्याणा ग्लाया,,,,, मैं सोचेया बुढ़ापा पिलसण आई, पर ये थी नलैक पाऊए री कमाई।। परिचय :-...
जननी जन्मभूमि
कविता

जननी जन्मभूमि

राम प्यारा गौड़ वडा, नण्ड सोलन (हिमाचल प्रदेश) ******************** मैं तुम्हारी मातृभूमि, प्रिय वत्स! तुम मेरे हो स्नेह सिक्त स्पर्श लुटाया, ममता का आंचल ओढ़ाया, वात्सल्य से सींचा तुमको, गोद में अपनी पाला-पोसा... मृदु फलाहार कराया। पुष्पों की सुगंध से... जीवन तुम्हारा महकाया। गंगा के अमृत जल में अवगाहन करा, जीवन पुनीत बनाया। मैं तुम्हारी मातृ भूमि... प्रिय वत्स तुम मेरे हो। मैंने तुमको, वेदों का ज्ञान कराया, उपनिषदों का पाठ पढ़ाया। ऋषि मुनियों की तपश्चार्य से, जीवन तुम्हारा चमकाया। यहा 'धर्म' आधार जीवन का विचारों का संस्कारों का। मुझे छोड़ तू गया विदेश, मैं ताकती रही निर्निमेष। आज बर्बर देशों ने, असभ्यता के अवशेषों ने... विकट संकट में तुम्हें त्याग दिया, छोड़ सम्बल, तुमसे किनारा किया। यह देख मेरे हृदय पर कुठाराघात हुआ... जिजीविषा को देख तुम्हारी, परिजनों में भी दिखी लाचारी।। अन्न-धन अपा...
रिश्ते
कविता

रिश्ते

राम प्यारा गौड़ वडा, नण्ड सोलन (हिमाचल प्रदेश) ******************** समाज की जड़ हैं रिश्ते, रसातल से गहरे है रिश्ते, गगन की ऊंचाई को छूते रिश्ते, हवा के झोंकों में तैरते रिश्ते, पुष्पों सी सुगंध बिखेरते रिश्ते, सलिल सदृश् प्यास बुझाते रिश्ते, स्नेह सिक्त एहसास कराते रिश्ते, मृदा से जोड़ते रिश्ते, प्रकृति की गोद में बसे रिश्ते,, इंसान को इंसान से जोड़ते रिश्ते, अलौकिकता का एहसास कराते रिश्ते, जीवन भर साथ देते रिश्ते, जीवन पर्यंत स्मरण होते रिश्ते, हमारी आन और शान हैं रिश्ते, हमारा गौरव हैं रिश्ते, विश्वास स्तंभ पर टिके हैं रिश्ते, व्यक्तित्व की पहचान हैं रिश्ते, श्रद्धा के पुंज हैं रिश्ते ....   परिचय :-  राम प्यारा गौड़ निवासी : गांव वडा, नण्ड तह. रामशहर जिला सोलन (सोलन हिमाचल प्रदेश) आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित ...
मोबाइल की दीवानी
कविता

मोबाइल की दीवानी

राम प्यारा गौड़ वडा, नण्ड सोलन (हिमाचल प्रदेश) ******************** दीवानी है दुनिया, मोबाइल की-----। रोबोट सदृश्य चलती है। न दया रही न धर्म रहा, कमी प्यार की खलती है। दिल में भरा घमंड... अकड़-अकड़ कर चलती है। न गालों पे लार्ली, न होठों पे स्माइल, हर वक्त हाथों में पकड़े, रखती हो मोबाइल। कमर झुक गई सारी... बात ना करने की लगी बीमारी। फेयर एंड लवली से, फेस चमका लिया,,, शरीर से फूलों की महक आए, कोबरा सेंट छिड़का लिया। फेसबुक और व्हाट्सएप में, ध्यान है तुम्हारा । मैंने किया प्रपोज तूने डिलीट मारा... जिओ था जीने का सहारा... उसने भी पीछे से धक्का मारा, गौड़ अब तू ही बता... मैं क्या करूं बेचारा ???   परिचय :-  राम प्यारा गौड़ निवासी : गांव वडा, नण्ड तह. रामशहर जिला सोलन (सोलन हिमाचल प्रदेश) आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित क...