सूत्र
राजेन्द्र लाहिरी
पामगढ़ (छत्तीसगढ़)
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खबर बनाना और बेचना
खबरचियों और चैनलों का
शानदार और कमाऊ धंधा है,
इस धंधे में प्रॉफिट बहुत है
धंधा बिल्कुल नहीं मंदा है,
पहले की बात और थी पर
आज खबरें बनाये जाते हैं,
झूठ को सच का जामा पहनाये जाते हैं,
पैसे देकर खबरें बनवाये जाते हैं,
वक़्त आने पर उसे भुनाये जाते हैं,
तब पत्रकार बन जाते हैं पत्तलकार,
पत्रकारिता बन जाता है व्यापार,
इनके सूत्र होते हैं मजबूत,
जिसका होता नहीं वास्तविक वजूद,
सूत्रों का नाम ले दिखा जाते हैं चरित्र,
एक ही थैली के चट्टे बट्टे होते हैं सारे मित्र,
कभी कभी सूत्र होते हैं विश्वनीय,
असल में जो होते हैं निंदनीय,
ये खुद को कहते हैं लोकतंत्र का चौथा खंभा,
जिसे ये अपने कर्मों से साबित कर
कमाने लग जाते हैं हरे रंग की अम्मा,
अब बताओ सूत्र फर्जी खबरों का
आधार नहीं हो सकता,
सूत्र...