शिक्षा और चेतना
राजेन्द्र लाहिरी
पामगढ़ (छत्तीसगढ़)
********************
लोग इस धरा पर आते गए,
अपनी पहचान खातिर
कुछ न कुछ बनाते गए,
पर बुद्धि और विज्ञान के अनुयायी
अपने किये कराये पर धरे रह गए,
कैसे भयंकर बदलाव सह गए,
आर्यों का हुजूम इस धरती पर आया,
अपने लिए मंदिर बनाया,
मुगल लोग आये,
अनेकों मस्जिद बनाये,
गोरे भी आये,
साथ में चर्च भी लाये,
पर शोषितों, वंचितों के जीवन में
ज्योतिबा आया,
ज्योति पुंज लाया,
मां सावित्री आई,
स्त्री शिक्षा लाई,
बाद भीमरावआया,
संघर्षों से तपकर संविधान लाया,
इंडिया इज भारत बताया,
जिनके कारण हम ऊंचा सर करते हैं,
हाथों में किताबें और
तन में कपड़े धरते हैं,
और फिर कांशी आया,
सत्ता से दूर बैठे सहमें अभागों में
राजनीतिक चेतना जगाया।
परिचय :- राजेन्द्र लाहिरी
निवासी : पामगढ़ (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि ...