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Tag: रशीद अहमद शेख ‘रशीद’

मैं पत्थर हूँ
कविता

मैं पत्थर हूँ

रशीद अहमद शेख 'रशीद' इंदौर म.प्र. ******************** सृजन-सेवाओं में संलग्न हूँ, वर्षों से भू पर हूँ! कोई आंके न कम, मानव-हितैषी हूँ मैं पत्धर हूँ! मैं कंकर हूँ, मैं पाहन हूँ, मैं ही चट्टान भूधर की! शिला हूँ, फर्श हूँ, स्तंभ हूँ, दीवार हूँ घर की! लगा हूँ द्वार पर, दहलीज़ पर, भवनों की चौखट पर! नदी के घाट पर, पुष्कर के तट पर, कूप-पनघट पर! कहीं हूँ नींव में तो मैं कहीं ऊँचे शिखर पर हूँ ! कोई आंके न कम, मानव-हितैषी हूँ मैं पत्थर हूँ! खिलौनों में ढलूं तो मोह लेता हूँ करोड़ों मन! रत्न के रूप में करता हूँ श्रृंगारित मनुज का तन! मेरी हर जाति के पाषाण का आकार है अद्भूत ! विविध गुणधर्म आधारित है जो विस्तार है अद्भुत! वन-उपवन, ग्राम-नगरी, महानगरों की डगर पर हूँ! कोई आंके न कम, मानव-हितैषी हूँ मैं पत्थर हूँ! टूट जाता हूँ जब-जब बिखर जाता है मेरा तन! शिल्पकारों के कर से निखर जाता है मेरा तन! मे...
प्यारी हिन्दी
कविता

प्यारी हिन्दी

********** रचयिता : रशीद अहमद शेख 'रशीद' शब्दों की फुलवारी हिन्दी भावों की भण्डारी हिन्दी विश्व-ज्ञान को करे प्रकाशित सूरज सी उजियारी हिन्दी हिन्द देश की प्यारी हिन्दी प्रथम ज़बाने हिन्दवी आई हुई हिन्दवी हिन्दुस्तानी बनी आर्य भाषा, रेख्ता भी फिर हिन्दी की संज्ञा पाई अगणित संज्ञाधारी हिन्दी हिन्द देश की प्यारी हिन्दी अभिव्यक्ति का प्रबल माध्यम सरल वर्ण हैं लिपि भी उत्तम कोई ॠतु हो कोई मौसम धड़कन सी रहती है हरदम सदियों से है जारी हिन्दी हिन्द देश की प्यारी हिन्दी पद्य-पद्य हैं इसके गौरव अखिल विश्व में इसकी सौरव इसकी विविध विधाओं में नित सतत् सृजन होता है नव-नव सुन्दर राजकुमारी हिन्दी हिन्द देश की प्यारी हिन्दी इसके कवि चन्द बरदाई उन्हें वीर गाथाएँ भाई खुसरो ने भी गीत सुनाए आदिकाल में हिन्दी छाई सबकी राजदुलारी हिन्दी हिन्द देश की प्यारी हिन्दी तुलसीदास जी, संत कबीरा सूरदास, रैदास ...
शिक्षक पर मुक्तक
मुक्तक

शिक्षक पर मुक्तक

******************************* रचयिता : रशीद अहमद शेख 'रशीद' सृष्टि के सारे उत्सव शिक्षक होते हैं! प्रकृति के विस्तृत वैभव शिक्षक होते हैं! जीवन शाला में अनंत शिक्षक हैं किन्तु, कभी-कभी अपने अनुभव शिक्षक होते हैं! युगों-युगों से करता है वह ज्ञान-दान जग में अविराम! चरण कोई छूता है उसके कोई करता उसे सलाम! धर्म-जाति, भूगोल से परे उसका शुभ इतिहास, गुरूदेव,शिक्षक,अध्यापक,व्याख्याता उसके उपनाम। हितकारी अपरिमित गुणों का सुखदाई भंडार है शिक्षक! ज्ञान दीप है, सकारात्मक अनुभव का संसार है शिक्षक! प्रमुख परामर्श दाता, पंडित, पारंगत, निज विषय प्रवीण, राष्ट्ररूपी उच्चतम दुर्ग का अविचल दृढ़ आधार है शिक्षक! लेखक परिचय :-  नाम ~ रशीद अहमद शेख साहित्यिक उपनाम ~ ‘रशीद’ जन्मतिथि~ ०१/०४/१९५१ जन्म स्थान ~ महू ज़िला इन्दौर (म•प्र•) भाषा ज्ञान ~ हिन्दी, अंग्रेज़ी, उर्दू, संस्कृत शिक्षा ~ एम• ए• (हिन्दी और अ...
मुरलीधर पर मुक्तक
मुक्तक

मुरलीधर पर मुक्तक

=========================== रचयिता : रशीद अहमद शेख 'रशीद' ब्रज, बाबा, बलराम, यशोदा मैया की। राधा, गोपी, ग्वाल, बाँसुरी, गैया की। याद आती है वृन्दावन की, यमुना की, चर्चा जब चलती है कृष्ण-कन्हैया की। कन्हैया मीरा के प्रियतम हो गए। मोह सारे जगत के कम हो गए। पराजित कठिनाइयाँ सब हो गईं, विषम पथ संसार के सम हो गए। वर पाया जब मनमोहन यदुवंशी से। हुए प्रसारित स्वर सुन्दर तब वंशी से। खड़ा रह गया साश्चर्य कानन में बांस, प्रकट हुई जब सरगम उसके अंशी से। ग्राम, क़स्बा, नगर, पुर अथवा पुरी। सर्वकालिक सतत् वह स्वर माधुरी। क्यों न हो संसार में उसका महत्व, मुरलीधर की मुँह लगी है बांसुरी।   लेखक परिचय :-  नाम ~ रशीद अहमद शेख साहित्यिक उपनाम ~ ‘रशीद’ जन्मतिथि~ ०१/०४/१९५१ जन्म स्थान ~ महू ज़िला इन्दौर (म•प्र•) भाषा ज्ञान ~ हिन्दी, अंग्रेज़ी, उर्दू, संस्कृत शिक्षा ~ एम• ए• (हिन्दी और अंग्रेज़ी साहित्...