नटखट कान्हा बीच डगर
मीना भट्ट "सिद्धार्थ"
जबलपुर (मध्य प्रदेश)
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नटखट कान्हा बीच डगर,
करता बरजोरी।
डूब रही है श्याम रंग,
ब्रज की भी छोरी।।
शोर मचाती निकली है,
मस्तों की टोली।
कान्हा मारे पिचकारी,
भीग गयी चोली।
रंग की फुहारें चलतीं,
जैसे हो गोली।।
तन मन भी भीगा राधे,
कैसी ये होरी।
प्रेम रंग डालें कान्हा,
छाईं है लाली।
राधे मदहोश रंग में,
मीरा मतवाली।।
चुपके से आती ललिता,
है भोली भाली।
हँसी ठिठोली करतीं सब
ब्रज की तो गोरी।।
मनहर मूरत मोहन की,
जादू है डाला।
चंचल चितवन कान्हा के
गले मणिक माला।।
छैल छबीला रसिया है,
गोकुल का ग्वाला।
मोहित ब्रज की हैं बाला,
पकड़ गई चोरी।
परिचय :- मीना भट्ट "सिद्धार्थ"
निवासी : जबलपुर (मध्य प्रदेश)
पति : पुरुषोत्तम भट्ट
माता : स्व. सुमित्रा पाठक
पिता : स्व. हरि मोहन पाठक
पुत्र : सौरभ भट्ट
पुत्र वधू : डॉ. प्रीत...