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Tag: मारोती गंगासागरे

पहली बारिश
कहानी

पहली बारिश

मारोती गंगासागरे नांदेड (महाराष्ट्र) ********************                                      जून माह प्रारंभ हो चूँका था, खेत खलियानों की सभी धरा तप-तपकर व्याकुल सी हो गई था। सूरज की अग्नि में जल-जलकर अवस्था विरहणी सी हो गई थी, वह अपने दिलदार का इंतजार कर रही थी, याने की बदल कब आएंगे वर्षा के साथ मिलने और मेरी यह तपन कब मिटाएंगे इसी सोच मे धरा जी रही थी। मृग नक्षत्र भी निकल भी निकल ने वाला भी हैं। ऐसा पता चलते ही सभी किसानों में अपनी खेती भी अच्छी जोतकर रखी थी और कुछ किसानों की बाकी थी। इसी दौर में शहर में पढ़ाई के लिए गया हुआँ राज गाँव लौट आया था। बारिश न होनेक कारण धूप भी हँस-हँस कर चमक रही थी इसी बीच राज खेत मे घूमने गया था। दोपहर का समय ढल चूँका था फिर भी सूरज की ज्वाला कम न हुई थी। इसी बीच हवा ने भी छुटी ली थी। शहर से आया हुआँ राज पसिने से तरबतर हो गया था। मैं कई करूँ यह स...
इंसान बड़ा बन गया हैं
कविता

इंसान बड़ा बन गया हैं

मारोती गंगासागरे नांदेड (महाराष्ट्र) ******************** शोनो-शौकत और पैसों से इंसान सुधर गया है उतना ही वह वह अपने-अपनो से दूर गया है इंसान आज बड़ा बन गया है भूल गया सब रिश्तें-नाते छोड़ दिया उसने देहात जितना वह आगे बड़ा गया है उतना ही इंसानियत में नीचे गिर गया है इंसान आज बड़ा गया है नीति छोड़कर अनीति अपनानी हैसियत से ज्यादा की कमाई माता-पिता को छोड़ दिया है अरे ईसने तो सच्ची दौलत ठुकरायाँ है इसलिए तो आज इंसान बड़ा गया है खुदको छोड़कर मोबाइल निहारता है आज के दौर में इंसान मशीन बन गया है रात -दिन मेहनत करके भूखा सो जाता है इसलिए तो मैं कहता हूँ कि इंसान आज बड़ा बन गया है . परिचय :- मारोती गंगासागरे निवासी - नांदेड महाराष्ट्र आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं,...