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Tag: माधवी तारे

एक वाक्या
हास्य

एक वाक्या

माधवी तारे इंदौर (मध्य प्रदेश) ******************** गंगाराम का बुड्ढा लोगों, यकायक गया और सारे गाँव में एक ही हल्ला हुआ ऐसा कैसे गया कल तो देखा था सिपहिया के डर से लोगों ने फटाफट बाँध-बूँध के शमशान घाट लाया वहाँ एक ने पूछा अरे टोकन लिया कि नहीं जाओ पहले टोकन ले आओ यह अंतिम संस्कार का मामला है ये राशन की दुकान है या वैक्सीन के लिए जैसे लगी लाईन हैं अरे देखो ना कितनी लंबी कतार लगी है आपके नाम की पुकार होगी तो लाश को अंदर ले आना जैसे ही गंगाराम की पुकार हुई उसने लाश अंदर लाई जैसे ही लकड़ी की आँच लगी लाश उठके बैठ गई भूत-भूत कहकर जनता भाग गई किसी की चप्पल निकल गई किसी की धोती काँटों में अटक गई भूत ने है पकड़ी समझ कर वो आदमी वैसे ही गाँव की तरफ आ गया बुड्ढा भी उसके पीछे-पीछे गाँव आ गया दूर एक पेड़ के नीचे बुढिया आँसू बहा रही थी बुड्ढा उसके पास आया बोला अब...
संयममय जीवन
कविता

संयममय जीवन

माधवी तारे इंदौर (मध्य प्रदेश) ******************** संयममय जीवन सुरक्षित वतन करोना तो हैं, बिन बुलाया मेहमान। बड़ा जिद्दी और जानलेवा इसका तूफान।। यमराज का कार्य हैं इसने बढ़ाया। बिन यात्रा दसवे-तेरहवे पहुंच जाता इंसान, सीधे वैकुण्ठधाम।। सम्पूर्ण जगत को चूभ रहा इसका आंतरिक शूल। अच्छे-अच्छे को चटा दी इसने प्राणांतिक धूल।। बिना ढोलबाजे डीजे और बिना पंगत। आ रही लाड़ी घर में लेकर नई रंगत।। जीवन जीने का इसने, बदल दिया दृष्टिकोण। मास्क ग्लव्ज़ सह दूर से ही करो सबका नमन।। जून का खुशनुमा पवन लॉकडाउन का थोड़ा परिवर्तन नित सेनिटाइजेशन, हस्तप्रक्षालन संयमित जीवन सुरक्षित वतन।। .परिचय :- माधवी तारे निवासी : इंदौर (मध्य प्रदेश) आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहान...