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Tag: मंगलेश सोनी

प्राचीन धरोहर “देवरा महादेव”
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प्राचीन धरोहर “देवरा महादेव”

मंगलेश सोनी मनावर जिला धार (मध्यप्रदेश) **********************                                      मध्यप्रदेश में धार जिले के मनावर तहसील में अवलदा से आगे देवरा नामक गांव में एक अत्यंत प्राचीन शिव मंदिर विद्यमान है, जिसका इतिहास १०-११ वीं शताब्दी का माना गया है। यह मंदिर राजा यशोवर्मन द्वारा निर्मित बताया जाता है, यशोवर्मन परमार वंश के राजा हुए जिस परमार वंश ने कई दशकों तक मांडव व मालवा पर राज्य किया। उस समय भी मांडव एक दर्शनीय स्थल के रूप में विकसित किया गया था, जहां शिकार, विश्राम व प्राकृतिक आनंद के लिए राजा महाराजा आया करते थे। देवरा स्थित महादेव मंदिर की भौगोलिक स्थिति की चर्चा करें तो हम देखेंगे कि यह मंदिर एक छोटी सी धारा के पास स्थित है, यह धारा मानव निर्मित है अर्थात इस मंदिर की विशेषता इस बात से सिद्ध होती है कि मंदिर व आस-पास की बसाहट के जीवन यापन हेतु इस जलधारा को निर्म...
जगदगुरु आदि शंकराचार्य जन्म जयंती विशेष
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जगदगुरु आदि शंकराचार्य जन्म जयंती विशेष

मंगलेश सोनी मनावर जिला धार (मध्यप्रदेश) **********************                             भारतवर्ष सदैव से एक अलौकिक राष्ट्र रहा, जहां अपने महापुरुषों का स्मरण करने की परंपरा रही है। अनेक सन्तों, वैज्ञानिक, क्रांतिकारियों की जन्मभूमि होने के कारण भारत विश्व मे आध्यात्म का केंद्र ही नही रहा अपितु अपनी भूमिका को भारत ने विश्वगुरु बनकर सदैव निभाया भी है। आज से लगभग १२३० वर्ष पूर्व एक निर्धन ब्राह्मण परिवार जो केरल के कलाड़ी ग्राम में निवास करता था, शिवगुरु व सुभद्रा दोनों पति पत्नी अनन्य शिव भक्त थे। अपनी संतान न होने के कारण वे अत्यंत व्यथित थे, अपने इष्ट से सदैव ही सन्तान प्राप्ति का आशीष मांगते। एक दिन महादेव ने इस परिवार को आशीष दिया, घर में बालक का जन्म हुआ। महादेव के आशीष से पुत्र प्राप्ति होने के कारण इस बालक का नाम शंकर रखा गया। शंकर बचपन से ही जिज्ञासु, ज्ञान अर्जन को समर्पित र...
गुरु तेगबहादुर, कश्मीर और सेना (२४ नवंबर बलिदान दिवस विशेष)
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गुरु तेगबहादुर, कश्मीर और सेना (२४ नवंबर बलिदान दिवस विशेष)

मंगलेश सोनी मनावर जिला धार (मध्यप्रदेश) **********************                                               सनातन धर्म की रक्षा में गुरुओं के बलिदानों का विशेष स्थान है, उनके पराक्रम व बलिदानों से बहुत हद तक सनातन धर्म की रक्षा सुनिश्चित हुई। औरंगजेब का शासन था, उसके दरबार में एक कश्मीरी पंडित प्रतिदिन उसे गीता के श्लोक सुनाता था, एक बार उसकी तबियत खराब थी, उसने अपने पुत्र को दरबार में श्लोक पढ़ने भेजा। किन्तु वह उसे बताना भूल गया था कि कौनसे श्लोक दरबार में नही पढ़ना। पुत्र ने औरंगजेब को गीता के सारे श्लोक अर्थ सहित पढ़कर सुनाए। गीता के श्लोकों को सुनकर औरंगजेब बोखला गया वह इस्लाम को ही सर्वश्रेष्ठ मानता था गीता के श्लोकों से उसका यह भ्रम टूट गया था और उसे यह आभास हो गया था कि सनातन धर्म मैं ऐसे कई ग्रंथ व धार्मिक साहित्य है जो हिंदुओं को अपने धर्म पर अडिग रहने के लिए प्रेरित करता है। यह ज...
ऐ युवा हिन्दूस्तान सुनों
कविता

ऐ युवा हिन्दूस्तान सुनों

मंगलेश सोनी मनावर जिला धार (मध्यप्रदेश) ********************** हम ना भूलेंगे देश के वीरों का बलिदान सुनों। उठो, जागो, कमर कसो, ऐ युवा हिन्दूस्तान सुनों।। शत्रु चढ़ आया सरहद पर, देश की आन ना जाने पाए, जान भी जाये पर सम्मान न जाने पाए। डटे रहना, सीना तानें, मेरे वीर जवान सुनों, उठो, जागो, कमर कसो, ऐ युवा हिन्दूस्तान सुनों।। कहां हो देश का दुश्मन हमें ललकार रहा, कभी गलवान, कभी डोकलाम में फुंफकार रहा। देश की सेना के बाहुबल और पुरुषार्थ सुनों, उठो, जागो, कमर कसो, ऐ युवा हिन्दूस्तान सुनों।। विश्व ने माना वीर प्रसूता भारती के फौलादी इरादों को, मौन किया हमने, पराक्रम से, रणभेरी व शंखनादों को। हे अर्जुन के गांडीव और अभिमन्यु के बाण सुनों, उठो, जागो, कमर कसो, ऐ युवा हिन्दूस्तान सुनों।। परिचय :-  मंगलेश सोनी युवा लेखक व स्वतंत्र टिप्पणीकार निवासी : मनावर जिला धार (मध्यप्रदेश) घोषणा पत्र : मैं यह प्...
रक्तदान दिवस
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रक्तदान दिवस

मंगलेश सोनी मनावर जिला धार (मध्यप्रदेश) ********************** दान की महत्ता क्या होती है यह सनातन धर्म से अधिक कौन जानेगा? हमने अपना तन, शरीर, सर्वस्व देकर भी शरणार्थी की रक्षा की है। राजा शिवि ने एक कबूतर की जान बचाने के लिए अपना पूरा शरीर काट काट कर बाज को दान कर दिया। राजा बलि ने संपूर्ण सृष्टि तथा स्वयं को भी भगवान वामन अवतार को दान किया। ऋषि दधीचि ने जीवित ही अपनी रीढ़ की हड्डी का दान किया जिससे वज्र का निर्माण होकर मानव समाज की रक्षा हुई। इसी प्रकार मानव कल्याण के लिए रक्तदान का भी विशेष महत्व है। भारत जैसे बड़े देश में रक्त की उपलब्धता एक बहुत बड़ा विषय है। एक्सीडेंट, चिकित्सा, सर्जरी, आदि हेतु भारत में प्रतिवर्ष एक करोड़ यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है जबकि हम चिकित्सालय व अन्य सभी संस्थाओं के माध्यम से ७५ लाख यूनिट ही एकत्रित कर पाते हैं। कई परिवार रक्त की अल्पता के कारण उजड़ जात...
क्षमा नही करने वाली
कविता

क्षमा नही करने वाली

मंगलेश सोनी मनावर जिला धार (मध्यप्रदेश) ********************** केरल में देखो ऐसा अवसर भी आया है, शिव के पुत्र गजराज ने भी स्वयं को निर्बल पाया है। माँ की ममता,भूख की ज्वाला सबकुछ उसके अंदर थी, मानव से भोजन की आशा, उसके अंतर मन थी। देख कर कुछ युवक भोजन के साथ आये है, क्या पता था उस गज गामिनी को मौत साथ लाये है। स्वादिष्ट फल समझकर उसने जैसे ही मुंह मे दबाया होगा, आभार ईश्वर का करने सूंड को थोड़ा हिलाया होगा। फट पड़ा मुंह में स्वाद अंदर भी ना ले पायी थी। जबड़े टूट गए 3 दिन कुछ नही खा पाई थी। निष्तेज होकर उसने नदी में मुहं चलाया था, जलन, रक्त, घाव धोकर मन को समझाया था। नही था पता भूख का ऐसा दान मिलेगा, थोड़े भोजन के लालच में मौत का सामान मिलेगा। स्वयं तो हंसकर मर जाती, अपने आँचल पर रोइ थी। क्योंकि एक छोटी सी जिंदगी, उसके पेट में सोई थी।। अंतिम स्वास तक भी प्रभु से, यही आशीष लिया होगा। चाह...
हिन्दू साम्राज्य दिनोत्सव
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हिन्दू साम्राज्य दिनोत्सव

मंगलेश सोनी मनावर जिला धार (मध्यप्रदेश) ********************** हिंदू साम्राज्य दिनोत्सवम ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष त्रयोदशी का यह दिन कोई सामान्य दिन नहीं था। मुगलों अफगान तुर्कों के अत्याचार भरे शासन के कई दशक बीत जाने के बाद एक हिंदू सम्राट के राज्याभिषेक का स्वर्णिम अवसर है ऐसा समय जब तुर्कों से युद्ध का विचार भी करना, देश में अपराध माना जाता था। राज्य धन संपदा को समाप्त करने वाला माना जाता था। राज्य के वैभव और यश व कीर्ति से समझौता करना माना जाता था। ऐसे प्रतिकूल समय में छत्रपति शिवाजी का राज्याभिषेक, मुगलों व तुर्कों के शासन के कब्र में अंतिम कील ठोकने के समान था। देश में यह दिन अनन्य उत्साह से मनाया जा रहा था, कई दशकों बाद एक हिंदू राजा अपने स्वाभिमान से एक बड़े भूभाग पर राज्य कर रहा था, उसका क्षेत्र तो महाराष्ट्र आंध्र प्रदेश तक सीमित था किंतु शिवाजी राजे की नजरें दिल्ली पर टिकी थी, कई मर...
कोरोना के बाद की दुनिया
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कोरोना के बाद की दुनिया

मंगलेश सोनी मनावर जिला धार (मध्यप्रदेश) ********************** कोरोना, यह शब्द कुछ माह से मन को झकझोर जाता है, इसने मानव सभ्यता की वर्तमान व भविष्य की योजनाओं को उथल पुथल कर के रख दिया। इस संक्रमण के बाद के जन जीवन पर इसका बहुत प्रभाव रहने वाला है, आने वाले कई वर्षों तक हमें संक्रमण से सावधान रहना होगा, प्रदूषण को रोकना और प्रकृति के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करना होगा। विश्व की महाशक्तियों को युद्धक जैविक हथियारों की होड़ को समाप्त करने के विषय में महत्वपूर्ण व कठोर निर्णय लेना होंगे। क्योंकि संदेह यह है कि चीन के वुहान प्रान्त की रासायनिक लैब से फैला यह कोरोना वायरस वैज्ञानिकों द्वारा युद्ध में जैविक हमले के लिए बनाया जा रहा था, इस संदेह को चीन का डब्लूएचओ अधिकारियों को चीन में जांच न करने देना बल देता है। मास्क, सेनेटाइजर, हाथ धोना, दूर रहकर व्यवहार करना ये आम जन जीवन का अंग बन जाएंगे। ...
पलायन का दर्द
कविता

पलायन का दर्द

मंगलेश सोनी मनावर जिला धार (मध्यप्रदेश) ********************** पलायन का दर्द बड़ा दुखदायी होता है, कहर बरपाता है आसमान, रोम रोम रोता है। आंसू पसीने के रूप में बह निकलते है, छाले पैरों के फुटकर ये कह निकलते है।। लॉक डाऊन अच्छा है निर्णय देश के लिए, भूख मजबूरी है, किन्तु काफी नही विद्वेष के लिए।। लेकर बच्चों, बोझा निकल पड़े राहों पर, नही इल्जाम किसी नेता, बंदोबस्त, सरकारों पर।। नही तोड़ा कोई कानून, न कोई कांच तोड़ा है, ना ही पत्थरों से डॉक्टरों पुलिस का सर फोड़ा है।। मजबूरी है, लाचार है, पर देश के लिए जीते है, ये देश के बेटे है साहब, हर संकट हंसकर झेलते है।। सुनी पुकार जो जनसेवकों ने तो बसें चलने लगी, ट्रेन महानगरो से बीहड़ों की और दौड़ने लगी। राजनीति हो रही इस बेबसी पर भी, कोई मौका भेड़िए छोड़ना नही चाहते है। कोरोना फैलाने वालों को संरक्षण, बस सत्ता को कोसना चाहते है।। गरीब के आंसुओं का मोल किया, य...
संघर्ष
कविता

संघर्ष

मंगलेश सोनी मनावर जिला धार (मध्यप्रदेश) ********************** कोरोना से युद्ध हुआ, संघर्ष में कई दिन बीत गए। घर में बैठे हार गए, और रोजे वाले जीत गए।। हमने अपना विश्वास रखा, लॉक डाऊन और कर्फ्यू पर, खुला बाजार, लगी भीड़, गली, नगर चौराहों पर। तुष्टिकरण की राजनीति में सारा हर्ष समाप्त किया, रमजान की शुभकामनाएं मिली, माँ दुर्गा और भगवान को बिसरा दिया।। मजदूर, श्रमिकों, किसान की खातिर, लॉक डाऊन पर विचार होना ही था। ३ मई को निश्चित हुआ, संकल्प को दृढ़ तोलना ही था।। सौंपकर कमान प्रदेशों को मनमर्जी का रास्ता खोल दिया, देशभक्ति के ह्रदय में खंजर सस्ती राजनीति ने घोंप दिया। योद्धाओं के बलिदानों का थोड़े दिन और मान रखा होता, खुलना ही था लॉक डाऊन, सभ्य समाज का ध्यान रखा होता।। नही हटेंगे प्रतिबंध, संदिग्ध गलियों और चौबारों से, फिर भी कितना पालन होगा देकर छूट त्यौहारों में। त्यौहार ही मनाना हो तो घर में...