भगवान परशुराम
प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे
मंडला, (मध्य प्रदेश)
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भगवान परशुराम का अवतार सत्य से आप्लावित था।
अनीति, अधर्म को ख़त्म करने के संकल्प से प्रेरित था।।
त्याग, तपस्या, संघर्ष उनके जीवन की सुखद कहानी है।
महकती-मुस्कराती हुई एक सुपावन ज़िन्दगानी है।।
हमें सिखाया कि धर्म से ही सदा मनुष्यता का श्रृंगार होता है।
जो अनीति के पथ चलता वह आजीवन सिसकता-रोता है।।
हमें बताया कि शास्त्रों ने ही तो हमें नित जीना सिखाया है।
शिवत्व धारण करने हमको शास्त्रों ने गरल पीना सिखाया है।।
हमें बताया कि शस्त्र उठाकर अन्याय का प्रतिकार करना है।
बनकर परशुराम जैसा ही आततायियों का संहार करना है।।
सनातनी ध्वज लेकर हमको तो सकल विश्व को जगाना है।
जन-जन के हृदय मंगलभाव फिर आज फिर से लाना है।।
हमें, वेद-पुराणों को जगाना, और धनुष-बाण सजाना है।
हमें, कृष्ण बनना और अर्जुन भी ख़ुद को ही बन...