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रावण है दुष्कृत्य
कविता

रावण है दुष्कृत्य

प्रकाश सिंह लखनऊ (उत्तर प्रदेश) ******************** दशहरा का तात्पर्य, सदा सत्य की जीत। गढ़ टूटेगा झूठ का, करें सत्य से प्रीत।। सच्चाई की राह पर, लाख बिछे हों शूल। बिना रुके चलते रहें, शूल बनेंगे फूल।। राम चिरंतन चेतना, राम सनातन सत्य। रावण वैर-विकार है, रावण है दुष्कृत्य।। परिचय :-  प्रकाश सिंह निवासी : लखनऊ (उत्तर प्रदेश) सम्प्रति : संयुक्त निर्देशक मैटेरियल्स मैनेजमेंट संजय गाँधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज लखनऊ घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कह...