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Tag: पंकज शर्मा “तरुण”

प्यारी भाषा देश की
कविता

प्यारी भाषा देश की

पंकज शर्मा "तरुण" पिपलिया मंडी (मध्य प्रदेश) ******************** प्यारी भाषा देश की, ज्यों सूरज आकाश। जहां उदय होती करे, जड़ से तम का नाश।। हिंदी सी न समृद्ध है, भाषा कोई ओर। सकल जगत में बोलते, हो संध्या या भोर।। शब्दों के पर्याय का, है हिंदी भंडार। इसीलिए तो कर रहा, सकल विश्व स्वीकार।। परिचय :- पंकज शर्मा "तरुण" निवासी : पिपलिया मंडी (मध्य प्रदेश) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के...