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आग लगादो इस जहां को
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आग लगादो इस जहां को

********** दामोदर विरमाल पचोर जिला राजगढ़ आग लगादो इस जहां को जिसने यह गम दिया, देकर सभी को ज्यादा मुझको ही कम दिया ! जो करता हे ईमानदारी उसे बेईमानी खा जाती है ! कलयुग की शर्मशार हरकतों को देख हमे शर्म आ जाती है !! वो तारीफ़-ए-काबिल होगा जिसने यह किस्सा ख़तम किया- आग लगादो इस जहाँ को जिसने यह गम दिया……..! जो प्यार देता सभी को उसे खुद प्यार नहीं मिलता! जो हंसाता रहे सभी को उसे हंसने का अधिकार नहीं मिलता !! खुश रहता हे वही जिसने यह सब हजम किया- आग लगादो इस जहाँ को जिसने यह गम दिया……..!! हमारे देश के नागरिको का हम एक ऐसा उदहारण बताएँगे! जो टी.वी. के रिमोट को जोर से दबाएँगे,ठोकेंगे, पर उसमे नए सेल नहीं डलवाएंगे !! मेरा नमन हे उन माताओं को जिन्होंने ने ऐसों को जनम दिया- आग लगादो इस जहाँ को जिसने यह गम दिया……..!!! अनुभव वो कंघी है जो ज़िन्दगी आपको तब देती है जब आप गंजे हो जाते है? पर अनुभव ...
गम के आंसू पिये जा…
कविता

गम के आंसू पिये जा…

********** दामोदर विरमाल पचोर जिला राजगढ़ ज़िन्दगी बेकार है,गम के आँसू पिये जा ! ज़िन्दगी बेकार है, गम के आँसू पिये जा !! इतनी ज़ेहमत उठानी होगी ज़िन्दगी मे आकर, क्या मिला इन्सान को इतना पैसा कमाकर ! क्या हुआ खुदको शरीफ़ दिखाकर, क्या कर लिया दूसरो पर उंगलियां उठाकर !! अबतो मरने मारने को भी तैयार है बस तु पिये जा……………………!! कंजूसी मे एक ईट पर पर भी घर टिक जाता है, चंद पैसो के लिये आजकल इंसान बिक जाता है ! कोई खरीदना बेचना इन इन्सानो से सीखे, “राज” तो इन जैसो पर ग़ज़ल लिख जाता है !! मुफ़्त का खा पीकर सब लेते डकार है- बस तु तो पिये जा……………………!! रूठी है ज़िन्दगी अब ज़ोर दो मनाने मे, पेहले लोग वक्त बिताते थे सबको हंसाने मे ! अबतो चाहे सारा जहाँ लुट जाये, कोई नही सुनने वाला… ग़रीब वहीं पीछे और अमीरो की वही रफ़्तार है- बस तु तो पिये जा………………….!! इंसानियत कहाँ चली गई कोई समझ नही पाया, लेकिन मेरे दिम...