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रक्षाबंधन का त्योहार
कविता

रक्षाबंधन का त्योहार

डॉ. रश्मि शुक्ला प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) ******************** मंगल करने आया सब का, रक्षाबंधन का त्योहार, पुलकित हो रहे सभी जन, भर अंतस में प्यार। विश्वास का सूत्र बाँधकर, बहन भावना भरती, सुरक्षित हो मेरा जीवन, यही बहना प्रार्थना करती, हम जैसे भी है भैया! तुमने, हमें सदा दुलराया है, सुख-दुःख सब जीवन के भूले, इतना प्यार लुटाया है, स्नेह के इस महत्वपूर्ण पर्व पर, हरियाली विकसाएँ, नष्ट हुई जो प्राकृत सुषमा, उसको पुनः बढ़ाएं, धरती माँ के बन संतान हम, कर दें यह उपकार। मंगल करने आया सबका, रक्षाबंधन का त्योहार।। भैया साथ बिताये थे जो पल, उसका एहसास ह्रदय में, पुलकन यादों की हर क्षण में, अनुभूति अनेकों मन में, सब कुछ बसता भावों में, अनुभव रहता हर क्षण है, रूठना, मनाना, इतराना, कर याद स्वयं पर गर्वित हैं, श्रावण के इस महापर्व पर, आओ करें विचार। मंगल कर...
स्वदेशी मेरा गाँव
कविता

स्वदेशी मेरा गाँव

डॉ. रश्मि शुक्ला प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) ******************** स्वदेशी मेरा गाँव, यहाँ आकर ठंडी-ठंडी मिलती छाँव, झींगुर बोले जैसे नई बहुरिया चले छम-छम बोले पाँव। मेरे आँगन के देखती प्यारी जिसमे अमराई बौराए, कुहू-कुहू के कोमल स्वर में कोयल तान सुन्दर सुनाए। दौड़ गली की ओर बढ़ रही ननुवा की तेज गाईया, रामू काका काधे पर डंडी बन बैठे मल्हार गवईया। हृदय हुए ज्यों हरे-हरे पर्वत अथवा हरे-भरे उपवन, मोर नाच रहे जैसे ताल पर मोरनी का बन नव जीवन। बिना जतन बिना यत्न के मेरे गाँव हरियाली हरियाए, और प्रकृति भी हमें प्यार से सुत समान दुलराए। आँगन में आँवला, नीम, वट,पीपल दिख जाए, गौ संग बछड़े को शीतलता बाँटें उनकी मृदु छायाएँ। हर पंछी को मिलता बसेरा, पशु को दाना-पानी, मौसम भी सुहाना जब पवन चले अपनी मनमानी। द्वारा-द्वार पर सबके तुलसी बिरवे पावनता फैलाएं, पुष्प व...
आभिलाषा
कविता

आभिलाषा

डॉ. रश्मि शुक्ला प्रयागराज उत्तर प्रदेश **************** नया साल में नए निर्माण में सबको नये संकल्प लेना चाहिये। प्रखरता सूर्य, वचन येशू, वर्षा ज्ञान समर्पण पुष्प जैसा चाहिये। समय, श्रम, भाव अर्पण, विश्वास, मन मधुरता, सुविचार चाहिये। भिन्न चाहे इष्ट हो, या भिन्न पुजा-अर्चना मिलजुल कर रहना चाहिये। राष्ट्र-जागरण की धारा लहराकर भाव-भुमि सबल चाहिये। सुप्रभहरीश्रेष्ठ सजगता, शक्ति, प्रबलता से नया संसार रचना चाहिये। नये-सूरज की किरण से क्रूरतम-दु:स्वप्न तम टूटना चाहिये। बहुत ढोया है मनुजता ने, अँधेरे शाप की पीड़ा से छूटना चाहिये। जनशक्ति को जाग्रत कर नव प्रवाह की दिशा में चलना चाहिए। ले मशाले ज्ञान की लोक-मंगल-पथ, सभी को सुझना चाहिये। लोक सेवा के साथ प्राकृतिक की तन-मन-धन से सेवा करनी चाहिए। "रश्मि" कहती परमेश्वर से नव वर्ष मे मास्क, दोगज दुरी सेनेटाईजर से छुटकारा चाहिये। परिचय :- डॉ. रश्म...
मैं बच्चा हूँ
कविता

मैं बच्चा हूँ

डॉ. रश्मि शुक्ला प्रयागराज उत्तर प्रदेश **************** आज कल बहुत मजा आ रहा है, बहुत आनन्द ही आनन्द आ रहा है । दिन भर खुब शोर मचाया जाता है , मौज मस्ती से दिन बिताया जाता है । दादीदादा पापामम्मी दीदी चाचाचाची, सम्पूर्ण भारतबन्द घर में हुड़दंग मची। न स्कुल, बस्ते का बोझ न उठाएगें, सुहावन प्यारे दिन हम भुल न पायेगें । होली से दीपावली मैंने छुट्टी मनाई है, आप बड़ो ने यह खुशियाँ नहीँ पाई है। करोना सेअब सबकी नहीं मजबूरी, सेनेटाईजर, साबुन, मास्क, दो गज दुरी। परिचय :- डॉ. रश्मि शुक्ला निवासी - प्रयागराज उत्तर प्रदेश आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak1...
चाइना अब होश में आओ
कविता

चाइना अब होश में आओ

डॉ. रश्मि शुक्ला प्रयागराज उत्तर प्रदेश **************** आज संकल्प के साथ हमें जीना हैं। चाइना धोखेबाज का नाश करना है। चाइना को चैन से नहीं जीने देना है। अब चीन को औकात दिखाना है। हमको समान चीन का नहीँ लेना है। चीन का वहिष्कार सबको करना है। धोखे से किये वार को बदला लेना है। सपूतों को सच्ची श्रद्धांजलि देना है। अर्थिक सहयोग को बन्द करना है। चाइना का सामान अब नहीँ लेना है। चाइना दिये क्षति को नहीं भूलना है। देश की आन बान शान को बनाना है भारतीय जन जन ने यह ठाना है चाइना को आइना दिखाना है। . परिचय :- डॉ. रश्मि शुक्ला निवासी - प्रयागराज उत्तर प्रदेश आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में ...
जीवन अनमोल
कविता

जीवन अनमोल

डॉ. रश्मि शुक्ला प्रयागराज उत्तर प्रदेश ******************** सर्वभवन्तु सुखिन:सर्व सन्तु निरामया: काम काज को अब शुरू करना है, हम सबको घर से निकालना है। सबको ये वादा निभाना है, कोरोना को दूर भागना है। ये आपदा को मिलकर हारना है, पूरे भारत को निरोग रखना है। जन जन को राष्ट्रीय धर्म निभाना है, देश के विकास में आगे आना है। घर-घर ये अलख जगाना है, पूरे भारत को विश्व गुरु बनाना है। वायरस ये बड़ा दुशमन है हमारा, गोली बारूद से नही मरने वाला। समाजिक दुरी से इसको भगाना है, संक्रमण की चेन बनने नही देना है। अफवाहो को नहीं फेलाना है, पूरे भारत को स्वस्थ रखना है। जीवन बड़ा अनमोल हमारा है, जान बूझ कर ना सबको गवाना है। अंध विश्वासों से सबको बचना है, महामारी से देश को उबरना है। मास्क पहनकर बाहर निकलना है, गाईड लाईन का पालन करना है। सबको विजय को प्राप्त करना है, मानवता को अब साथ लेना है। . परि...
लेखक की कलम
कविता

लेखक की कलम

डॉ. रश्मि शुक्ला प्रयागराज उत्तर प्रदेश ******************** बहुत खुशियाँ और गम बाटा कलम ने बहुत मित्रऔर दुशमन बनाएँ कलम ने जीना और मरना सीखाया कलम ने शिक्षा का पाठ पढाया कलम ने व्यक्तित्व बनाया कलम ने मान सम्मान दिलाया कलम ने कवि कविता से मिलया कलम ने रिश्ते बनाये और चलाये कलम ने आजादी दिलाई कलम ने रोना और हँसना सीखाया कलम ने वतन पर मिटना सीखाया कलम ने रस में रंगना सीखाया कलम ने पर्व मनाना सीखाया कलम ने छल कपट धोखा से बचाया कलम ने मीलों का सफ़र तय किया कलम ने जीवन सफर पर साथ दिया कलम ने मातृ को नमन करनासीखाया कलमने देश विदेश को मिलाया कलम ने अनपढ़ से पढ़ा लिखा बनाया कलमने संवेदना को सजोना सीखाया कलम ने शक्ति भक्ति को सीखाया कलम ने सभी कवी सम्मेलन किया कलम ने रश्मि को जीवन दिया कलम ने . परिचय :- डॉ. रश्मि शुक्ला निवासी - प्रयागराज उत्तर प्रदेश आप भी अपनी कविताएं, कहानिय...