औकात की बात
डॉ. मुकेश ‘असीमित’
गंगापुर सिटी, (राजस्थान)
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आज फिर उनकी औकात उन्हें दिखने लगी है। दुखी हैं बहुत। एक बार हो जाए, दो बार हो जाए, लेकिन बार-बार कोई औकात दिखा दे तो भला किसे बर्दाश्त होगा? इस बार तो हद ही कर दी। संस्था वाले भी पीछे ही पड़े हैं... क्या यार, इस बार तो मात्र दस रुपये की माला को मोहरा बना दिया, औकात दिखाने के लिए! उन्हें पता चला कि सम्मान करने के लिए जो माला उनके गले में डाली गई थी, उसकी बाजार कीमत दस रुपये
थी, और संस्था द्वारा थोक में मंगवाने के कारण वह महज आठ रुपये में पड़ी थी। बस, तभी से अपसेट हैं। कार्यक्रम संस्था द्वारा उनकी शादी की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित था। संस्था वालों ने उनकी वर्षगांठ पर उन्हें दस रुपये की माला पहनाकर उनकी औकात दिखा दी! पिछली बार भी एक कार्यक्रम हुआ था। तब इसी संस्था के एक अन्य सदस्य को...