दिया जरूर जलाना है
डॉ. प्रभा जैन "श्री"
देहरादून
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की मनमानी हर क्षण
अब तो संभल जाओ
सताया जीवों को बहुत
पेट को कब्रिस्तान बनाया।
आज छाया घोर अंधेरा
मुश्किल हो गया साँस लेना,
घर के अन्दर सब बन्द है
पशु-पक्षी ख़ुश है।
हटाओ, फैला जो अंधेरा
हवन यज्ञ पूजा दान,
कुछ अच्छा कर जाओ
आज दिया जरूर जलाना है।
प्राण वायु को करो शुद्ध
शुद्ध जल का करो सेवन
ज़िंदगी के तम को हरना हैं
दिया जरूर जलाना है।
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परिचय :- डॉ. प्रभा जैन "श्री" (देहरादून)
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