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बिंदी
लघुकथा

बिंदी

डॉ. पायल त्रिवेदी अहमदाबाद (गुजरात) ******************** "माँ, हम बिंदी क्यों लगाते हैं?" जब पांच साल की छोटी बिंदी ने माँ से यह सवाल किया तो माँ ने उसे हंसकर टाल दिया, तुम अभी छोटी हो, यह बात नहीं समझ पाओगीपर बिंदी जब ज़िद पर उतर आयी तो माँ ने इतना कहकर उसे समझा दिया, बिंदी हम सुहागिनों की निशानी है। सभी औरतें इसे लगाती है और इसे अच्छा शगुन भी माना जाता है इस वजह से सभी लड़कियों के लिए भी बिंदी बहुत ही शुभ मानी जाती है। तभी तो माता रानी को भी यह लगायी जाती है। बिंदी तुरंत उठकर अपनी काकी के पास चली गयी, काकी, तुम क्यों नहीं लगाती बिंदी जब यह तो शुभ मानी जाती है? बिंदी के मुँह से यह प्रश्न सुनकर दादी तुनककर बोली, अचला, इसे समझाओ की बड़ों की सभी बातों में इसे नहीं पड़ना चाहिए। जी माजी कहकर अचला ने बिंदी को अपने पास बुला लिया, बिंदी चलो, तुम अपनी गुड़ियाकी शादी में मुझे नहीं बुलाओगी? तब बिंदी समझ ...