दर्ज ना हो …
डॉ. अवधेश कुमार "अवध"
भानगढ़, गुवाहाटी, (असम)
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फाड़ दो सब चिट्ठियाँ, कॉपी, किताबें,
दर्ज ना हो देश का अभिमान जिसमें।
काट दो इतिहास से वे पेज सारे,
दर्ज ना हो वीरता - बलिदान जिसमें।
खून के बदले मिला हमको तिरंगा,
मत समझना मुफ़्त की सौगात है ये-
तोड़ दो गद्दार के हर बाजुओं को,
दर्ज ना हो हिंद - हिंदुस्तान जिसमें।।
परिचय :- डॉ. अवधेश कुमार "अवध"
सम्प्रति : अभियंता व साहित्यकार
निवासी : भानगढ़, गुवाहाटी, (असम)
शपथ : मेरे द्वारा यह प्रमाणित किया जाता है कि मेरी यह रचना पूर्णतः मौलिक, स्वरचित और अप्रकाशित हैं।
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