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Tag: गुरुदीन वर्मा “आज़ाद”

उस वक़्त
कविता

उस वक़्त

गुरुदीन वर्मा "आज़ाद" बारां (राजस्थान) ******************** उस वक़्त तुम्हें फिर कैसा लगेगा। जब वक़्त तुम्हारे संग नहीं चलेगा।। नहीं साथ देगी, जब किस्मत तुम्हारी। दगा कर कोई जब, तुमसे करेगा।। उस वक़्त तुम्हें ...।। औरों पे हँसना, तुम छोड़ दो। खुद पे घमण्ड यह, तुम छोड़ दो।। बिगड़ेगा जब कोई, खेल तुम्हारा। चेहरा यह नकली, जब तुम्हारा हटेगा।। उस वक़्त तुम्हें ...।। किसी की राह में, मत कांटें बिछाओ। किसी की मुसीबत, नहीं ज्यादा बढ़ाओ।। पड़ेगी कभी तुमको, इनकी भी जरूरत। मगर जब मदद तेरी, कोई नहीं करेगा।। उस वक़्त तुम्हें ...।। अपनी बुराई को, पहले मिटाओ। आत्मा अपनी पवित्र, पहले बनाओ।। गलत काम किसने, यहाँ नहीं किया है। तुम्हारा भी सच जब, मालूम चलेगा।। उस वक़्त तुम्हें ...।। परिचय :- गुरुदीन वर्मा "आज़ाद" निवासी : बारां (राजस्थान) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वा...
स्वर कोकिला
कविता

स्वर कोकिला

गुरुदीन वर्मा "आज़ाद" बारां (राजस्थान) ******************** ऐ स्वर कोकिला, लता मंगेशकर। दुनिया से तुम्हारे विदा होने पर।। हर आँख नम है, हर चेहरा मायूस। बेसुर हो गए, तेरे बिना स्वर।। ऐ स्वर कोकिला ....।। स्वरों की तू सरस्वती थी। अधूरी थी सरगम तेरे बिना।। नई पहचान संगीत को दी तुमने। नहीं ज्योति थी गीतों में तेरे बिना।। बेदम हो गए गीत संगीत सब। यह जमीं छोड़ तेरे जाने पर।। ऐ स्वर कोकिला ....।। इस धरा पर वह सूरज थी तू। जिसने रोशन किया, देश के नाम को।। तेरे गीतों में था जादू। जिसने जगमग जिंदा किया शाम को।। नहीं रही अब वह रोशनी, आवाज। वीणा के तारों में, तेरे जाने पर ।। ऐ स्वर कोकिला ....।। रहेगा अमर तेरा नाम जमीं पर। हर दिल में जिंदा तू, हमेशा रहेगी।। तू प्रेरणा और सूरज रहेगी सबकी। गीत-संगीत में जिंदा तू हमेशा रहेगी।। हो गई पूरी दुनिया, बेरौनक अब। यह संसार तेरे छो...
ओ मेरी लाड़ली
कविता

ओ मेरी लाड़ली

गुरुदीन वर्मा "आज़ाद" बारां (राजस्थान) ******************** ओ मेरी लाड़ली, नन्ही सी मेरी गुड़िया। तुमको सुनाऊँ मैं लौरी, ओ मेरी प्यारी बिटिया।। ओ मेरी लाड़ली ....।। एक था राजा और रानी, उनकी सुनाऊँ तुमको कहानी। उनके थी एक राजकुमारी, तेरी तरह मेरी गुड़िया रानी।। बहुत ही सुंदर थी वह, करती थी प्यार उसको दुनिया। ओ मेरी लाड़ली ....।। आयेगा तेरा चंदा मामा, लाल परी तुमसे मिलने। नाचेगा तेरा बंदर मामा, लायेंगे तेरे लिए खिलौने।। फूलों सी है सूरत तेरी, महकी है तुमसे मेरी बगिया। ओ मेरी लाड़ली ....।। चंदा- तारे सो गये, दोस्त तेरे सभी सो गये। देख रहे हैं सोकर सपनें, फूल-पंछी भी सो गये।। सो जा मेरी राज दुलारी, सो जा मेरी प्यारी मुनिया। ओ मेरी लाड़ली ....।। परिचय :- गुरुदीन वर्मा "आज़ाद" निवासी : बारां (राजस्थान) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्ष...
हे माँ तु शारदे
कविता

हे माँ तु शारदे

गुरुदीन वर्मा "आज़ाद" बारां (राजस्थान) ******************** हे माँ, ओ माँ, हे मॉं तु शारदे। जीवन का मिटा तु अंधेरा। दे दे हमको नया तु सवेरा।। तुमसे करते हैं विनती यह हम। कर दे हम पर तू यह उपकार।। हे मॉं, ओ माँ, हे मॉं शारदे ...।। सुषिर स्वर मुखरित वीणा से, सुमधुर हो जीवन संगीत। शोभित निर्मल नीरज की सुरभि से, जीवन हो महकित।। तेरी पूजा करें हम रोज, दे दे जीने का हमको आधार। हे माँ, ओ माँ, हे मॉं शारदे ...।। दृग रश्मि आलोक से हो, जीवन में सुप्रभात। नव आशा से सुपथ पर, यह जीवन हो सुफलित।। करें अर्पण सुमन तुझ पर, दे दे हमको तु ऐसा संसार। हे माँ, ओ माँ, हे माँ शारदे ...।। प्राचीन स्वर्ण सुसज्जित वसुंधरा, नव भारत में मण्डित हो। सुसभ्य सुभाषित नव कृति से, सुसंस्कृत जीवन निर्मित हो।। तुझसे करें यही मनुहार, दे दे हमको तु ऐसे अधिकार। हे माँ, ओ माँ, हे माँ शारदे ...।।...