Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

Tag: क्षिप्रा चतुर्वेदी

जीवन
कविता

जीवन

श्रीमती क्षिप्रा चतुर्वेदी लखनऊ (उत्तर प्रदेश) ******************** एक बिन्दु से लेकर अनंत तक असंपूर्णता असंपन्नता से सम्पूर्ण सम्पन्नता तक जीवन संग्राम गाथा है हर घड़ी, हर पल हर दिवा हर रात्रि कष्ट में सुख में, नींद में स्वप्न में मनुज में जीव में, चहुँ ओर प्रकृति में निरन्तरता है जीवन निरंतर ये जीवन कर्म की परिभाषा, चुनौती का पर्याय शतरंज सा है जीवन कहीं रुकाव नहीं कहीं ठहराव नहीं हारे हुए योद्धा पर अनवरत चलता है जीवन कुछ कर गुजरने की तमन्ना, लक्ष्य साध मंजिल पाने की चाह बदलते हुए समीकरण, सब्रता के अपने अपने चरण सहनशीलता से विकास, कहीं उग्रवादिता से विनाश यश अपयश के साथ, रिक्त हो रहे धैर्य व साहस के संग कहीं कशमकश से जूझता, कहीं परिपक्व है जीवन एकाग्र कर्म पथ पर चलने का नाम जीवन जीवन का लक्ष्य केवल अंत है, मगर.... मृत्यु के बाद भी तो है "जीवन...