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Tag: कुमुद के.सी.दुबे

पहला अधिकार
लघुकथा

पहला अधिकार

===================== रचयिता : कुमुद दुबे ड्राईंग रुम में फोन की घंटी बजी, बेटी सिया ने झट से फोन उठाया, आशीष का फोन था। सिया ने आवाज लगाई मम्मा  ....मामा का फोन है। अमिता रसोई में थी, फटाफट हाथ धोये और  सिया से रिसिवर लेकर सीधे बोलना शुरु कर दिया भैया कल आ रहे हो ना? आशीष बोला हाँ आ रहा हूँ ! पर, यह बताने के लिये फोन लगाया कि मुझे आते-आते शाम हो जायेगी तुम लोग मेरा खाने पर इन्तजार मत करना। मैं रमा दीदी से राखी बंधवाकर आऊँगा। तुझे तो पता ही है, रमा दीदी खाना खाये बगैर आने नहीं देगी।  क्षणिक  चुप्पी के बाद "ओके भैया'' कहते हुये अमिता ने रिसिवर रखा और रसोई में जाने लगी। पीछे-पीछे सिया आयी और प्रश्न करने लगी; मम्मा, मामा कल आ रहे हैं ना? अमिता ने हामी भरी। सिया बोली- वाह.., फिर तो कल मामा की पसंद की खीर जरूर बनेगी। अमिता बोली- खीर तो तेरे लिये भी बना दूँगी, पर भैया रमा दीदी ...