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Tag: कु. हर्षिता राव

संगीत-महिमा
कविता

संगीत-महिमा

कु. हर्षिता राव चंदू खेड़ी भोपाल म.प्र. ******************** जब तुम बजाते हो कोई गीत, मेरे हृदय का बन जाता है वो मधुर संगीत... सरगम के सुर बस जाते मन में, ऐसे सहला जाते हैं तेरे गीत... कभी सुर सितार में बहते हैं, गुनगुनाने लगती है मेरी प्रीत... सुख-दुख के सारे मौसम, तेरे गीतों में सजते हैं... यह साज़ नहीं है तारों में, यह साज़ दिलों से बजते हैं... . परिचय : कु. हर्षिता राव पिता - श्री रमेश राव पेंटर (प्रेरणा स्त्रोत) निवासी - चंदू खेड़ी भोपाल म.प्र. शिक्षा - एम.ए.हिंदी साहित्य में अध्ययनरत, राष्ट्रीय सेवा योजना (एन.एस.एस) की स्वयं सेविका एवं सामाजिक कार्यकर्ता। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में ...
कलयुग
कविता

कलयुग

कु. हर्षिता राव चंदू खेड़ी भोपाल म.प्र. ******************** जब जन्मे थे धरती पर हम, ईश्वर ने यह सिखलाया था, चोरी, बेईमानी और हिंसा, मरते दम तक तुम मत करना, हृदय को जो आघात करे, ऐसा भ्रष्ट आचरण मत करना। युगों-युगों तक भगवन अपना, रूप बदलकर आते गए, इस बिगड़े संसार को सुधारने, वे ज्ञान का दीपक जला गए। पर युग बदले,बदला जीवन, मानव भी तो अब बदल गया, इस कलयुग के माया दानव का, जाल सब पर बिखर गया। आज इस संसार में, लूटपात निरंतर बढ़ रहा, खुद की यह तस्वीर देखकर, मानव फिर भी बिगड़ रहा। भगवान भी यह देखकर, सबके विषय में सोचकर, आज भी परेशान है, भ्रष्टता ही इस जगत की, बन चुकी पहचान है। . परिचय : कु. हर्षिता राव पिता - श्री रमेश राव पेंटर (प्रेरणा स्त्रोत) निवासी - चंदू खेड़ी भोपाल म.प्र. शिक्षा - एम.ए.हिंदी साहित्य में अध्ययनरत, राष्ट्रीय सेवा योजना (एन.एस.एस) की स्वयं सेविका एवं सामाजिक कार्यकर्ता...
स्वप्न सुनहरे
कविता

स्वप्न सुनहरे

कु. हर्षिता राव चंदू खेड़ी भोपाल म.प्र. ******************** हर ढाल बनकर जो खड़े हैं अपनें-परायों से लड़े हैं। विश्वास बनूंगी मैं उनका इतिहास रचूंगी इस युग का।। इक तड़ित सा तेज़ बनकर माता पिता का ओज बनकर। पर्वतों के जैसे तनकर, उनके जैसे ही मैं थमकर।। जाग जाऊं सुबह बनकर शांत हो जाऊं निखरकर। क्रांति लाऊंगी जो अब मैं अपने जीवन के सफ़र में।। रोशन हो जाऊं कहर में जीत जाऊं हर लहर में। रोशन होकर जगमगाऊ, इक नई सुबहो जगाऊं।। . परिचय : कु. हर्षिता राव पिता - श्री रमेश राव पेंटर (प्रेरणा स्त्रोत) निवासी - चंदू खेड़ी भोपाल म.प्र. शिक्षा - एम.ए.हिंदी साहित्य में अध्ययनरत, राष्ट्रीय सेवा योजना (एन.एस.एस) की स्वयं सेविका एवं सामाजिक कार्यकर्ता। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, ल...