बदल दिया है साल
किशनू झा “तूफान”
ग्राम बानौली, (दतिया)
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अहंकार था वर्षों को वह,
दिन से बहुत बड़े हैं।
सोच नहीं सकते थे,
पल पल के बल साल खड़े है।
टूटा अहंकार टुकड़ों में,
कर डाला बेहाल।
पल-पल दिन महीनों ने मिलकर,
बदल दिया है साल।
बहुत लाड़ली बनी जनवरी,
सबसे मिली बधाई।
और फरवरी प्यार भरी थी,
दिल से दिल मिलवायी।
मार्च और अप्रैल तो निकली,
होली के रंग डाल।
पल पल दिन महीनों ने मिलकर,
बदल दिया है साल।
बहुत क्रोध में मई जून थी,
गर्म हवा ले आयी।
रिमझिम बारिश लेकर आई,
सबसे मधुर जुलाई।
खेतों खलिहानों में पानी भर,
अगस्त किया बेहाल।
पल पल दिन महीनों ने मिलकर,
बदल दिया है साल।
अम्बर स्वच्छ सितंबर करके,
शीत हवा ले आया।
अक्टूबर और नवंबर ने,
दीवाली दीप जलाया।
कटा दिसंबर इंतजार में,
कब आये नया साल।
पल पल दिन महीनों ने मिलकर,
बदल दिया है साल।
परिचय : किशनू झा "तूफ...