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Tag: किरण पोरवाल

घर की रौनक
कविता

घर की रौनक

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** माँ के मन का भाव जो जाने, दिल का हर अरमान वो जाने, खुशी के पल देती वो हर क्षण, कीमत पहचाने वो हर पल, घड़ी समय पल को पहचाने, दुख सुख की परवाह वो करती, आदर्श चरित्र बेटी वो होती। गम को कोसो दूर है रखती, बिन बेटी के आँगन है सुना, बिन बेटी के त्यौहार भी सुना, खुशीयाँ आये आने से द्वार, शुभ मंगल होवे सब काज। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित २. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन से सम्मानित ३. १५००+ कविताओं की रचना व भजनो की रचना रूचि : कविता लेखन, चित्रकला, पॉटरी, मंडला आर्ट एवं संगीत घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित क...
मातृशक्ति
कविता

मातृशक्ति

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** "रोज ही मातृ दिवस मनाओ, झुझती वह हर रोज है, हर पल पग-पग देती परीक्षा, कभी माँ बन कभी सासु वो" कितनी भी रणचंडी बन ले, प्रेम झलकता आंखों में, कभी हाथों में तलवार है उसके, कभी हाथों में बेटा है। कभी घोड़े पर असवार है होती, कभी घोड़ा बन जाती वो, कभी रक्त से तलवार है धोती, कभी कलम चलाती वो। कभी सिंहासन राज है करती, कभी वन वन में डोले वो, कभी बेटे का बलिदान है करती, कभी पन्नाधाय बन जाती वो। एक आंख में आंसू उसके, एक में प्रेम झलकाती वो , एक पल में रोना है उसका, एक पल में हंस जाती वो। कितना त्याग बलिदान है उसका, कभी चण्डी कभी दुर्गा वो, कभी जनक दुलारी सीता बनती, कभी वन देवी बन जाती वो। कभी हल से वह पैदा होती, कभी-कभी अग्नि परीक्षा देती वो, कभी धरती फट समा वह जाती, वह भारत की बेटी जो। ...
इंतजार के पल …
कविता

इंतजार के पल …

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** इंतजार के पल भी बहुत होते हैं कठिन, इंतजार किया माता रुक्मणी ने, प्रभु पति पाये गोपाल नारद के मुख से कहानी सुनी ! कृष्ण चंद्र महाराज, पति रूप स्वीकार किया माता देखो आज, पाती (पत्र) भेजी कृष्ण को ले जाओ दीनानाथ, नहीं तो शिशुपाल दुष्ट आपकी दासी ले जाएगा साथ (आपका हक)। पाती पढ़कर है प्रभु कुंदनपुर में आए, रूखमणि को रथ में बैठा करके, ले जाए प्रभु साथ, इंतजार के पल खत्म हुए वर पाया गोपाल, पटरानी रुक्मणी बनी राजा हे नंदलाल। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित २. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन से सम्मानित ३. ...
दो टूक
कविता

दो टूक

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** अहम को विचारो से भगाना सीखो, जीवन को सादगी से निभाना सीखो, ना जाने कोई पल ऐसा आये, मोती को एक डोर मै पिरोना सीखो, वक्त और धन पर गुरूर कैसा, यह तो समंदर के हिलोरे जैसा, सुख और दुख तो हरदम साथ साथ, कभी दायें तो कभी बायें चलते है साथ साथ, तीखे तीर और तेवर को रखना सम्भाल के, बाली भी भील बनकर आयेगा काल मै, परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित २. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन से सम्मानित ३. १५००+ कविताओं की रचना व भजनो की रचना रूचि : कविता लेखन, चित्रकला, पॉटरी, मंडला आर्ट एवं संगीत घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ...
समर्पित
कविता

समर्पित

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** कभी झाँककर देखा तुमने, मात पिता के जीवन को, ठंडा बासी खाकर के पाला है अपने लालन को। नही महँगे कपडे हे पहने, नही ऐश का जीवन वो, कंधे पर बोझा हे ढोकर, पैदल ही वह चलते जो, पैसो की कीमत वह जाने, बूँद-बूँद वह भरते है, ठंड गर्मी बारिश नही समझे, वह मौसम को सहते है, त्याग और बलिदान समर्पण, हे नींव गहरी जीवन की, शिखर तो जब ही हे चमकता त्याग के आँसू सिंचे वो, (बच्चे) कंचन भी तपकर तभी दमकता, अंगारों पर चलते हे वो, ज्ञान विवेक संस्कार धैर्य को जीवन्त ह्रदय मै रखते जो, कितने काँटे भाटे रोडे आये, पर विचलित नहीं होते हे वो, दृढ़ संकल्प मन मै हे रखकर, मंजिल को छू (पा) जाते हे वो। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस ...
वीणापाणि
कविता

वीणापाणि

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** मां सरस्वती की कृपा हे पाई, उनके मुख से कविता गई। जब भी उनकी वीणा बजती , मुख से कविता है यह बहती। वीणापाणि हे तु शारद, विद्या बुद्धि संगीत की दायक। गीत संगीत तुझसे हम पाते, तेरी वंदना नित्य हम गाते। हाथ में पुस्तक वीणा धारिणी, श्वेत वस्त्र हंस वाहिनी। गौ लोक मे वास तेरा, कृष्ण के अधरों पर तुम रहती। बंसी की हे तान सुरीली, सरस्वती उसमें है बहती। किरण पर आशीर्वाद है तेरा, कविता का हे गान में करती। उनके चरणों में शीश झुकाऊ, तेरा गान हमेशा गावु। तेरी भक्ति नित्य में पाऊं। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित २. अंतर्राष्ट्रीय श...
गरीबी
कविता

गरीबी

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** जीवन में क्या क्या ना कराती गरीबी, झूठन के बर्तन, झाडू और पोछा, ऊपर से चार ताने सुनाती हे ये गरीबी। हथोडा और पावडा, गेती और तगारी, ठंडी हो या हो बारिश, गर्मी मै पसीना बहाती गरीबी। सेठो के बोल सहना थैलो का बोझ सहना, हर वक्त ठेला ढोना, सीखाती हे ये गरीबी। रूखी और सुखी खाना, जीवन को हे चलाना, बच्चों को एक भिखारी बनाती हे ये गरीबी। कोई तो भीख मांगे कोई जेब हाथ मारे, कोई चोरी और डाका डाले, हाथो मै हथकड़ी डलवाती है ये गरीबी। तुम गरीबो को दो सहारा, जीवन को दो किनारा, तुम बाँह उनकी थामो, रोजगार से लगा दो, बन जाये उनका जीवन, धन व्यर्थ ना गँवावो, गरीबी के दिन हे भारी, अमीर की रात न्यारी, जरा सोचकर तो देखो, तुम सूट पेन्ट वालो परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांव...
माँ
कविता

माँ

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** माँ बेटी का नाता महान, समझना पाया कोई जहान। माँ आशा की किरण है जगत मै माँ विश्वास की आस। माँ भाव का दर्पण है, माँ प्रभात की मुस्कान। माँ प्रेम की डोर है, बेटी पतंग समान। धरती जैसा धैर्य हे उसमे सागर जैसी थाह। अम्बर सी स्तब्ध हे रहती, विशाल हृदय स्वभाव। सब उलझनो का सुलझन हैं वो, ममता प्यार दुलार। मनोबल है बच्चों का वह तो, माँ हे उच्च विचार है। माँ जीवन में प्रहरी है तो, दूरद्रष्टा पिता महान। माँ शान्ति की मूरत मेरी, गम सहना हे स्वभाव। सूरज सा माँ तेज है तुझमें, किरण सा हे प्रकाश। माँ पीहर में हे फुलवारी महके जीवन जहान। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां ...
इन्तजार
कविता

इन्तजार

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** राम नाम ही आधार, राम के मिलन का, राम ही तपस्या थी... शबरी के इंतजार का। भाव ही तो राम था, प्रबल भाव राम था, भाव ही तो भक्ति थी.... राम से अनुराग था। बैर मैं ही भेद था , जो राम से मिलान का, बैर ही बहाना था... राम से मिलान का। और सब बहाना था, बहाना भी मिलान का, शबरी के इन्तजार का... बस राम ही इन्तजार था। जीवन मै राम नाम का, इन्तजार ही तो राम था, इन्तजार जब खत्म हुआ...., दर्शन हुआ राम का। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित २. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन से सम्मानित ३. १५००+ कविताओं की रचना व भजनो की रचना ...
चाय
कविता

चाय

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** चाय तो है अमृत का प्याला, ठंडी में जीवन का सहारा, भली कहो चाहे बुरी कहो, पर चाय से बनता हर कोई प्यारा, चाय के बिना आतिथ्य नहीं, अतिथि का सत्कार नहीं, चाय के बिना फीका सम्मान, चाय से सब सुस्ती मिटती, गरीबों को फुर्ती है मिलती, चाय के बिना जीवन बेकार, चाय के बिना आलस नहीं जाता, जीवन में सुस्ती है लाता, "किरण" को तो चाय से प्यार, पर स्वास्थ्य के लिए यह हे नुकसान। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित २. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन से सम्मानित ३. १५००+ कविताओं की रचना व भजनो की रचना रूचि : कविता लेखन, चित्रकला, पॉटरी, मंड...
मेरी माँ
कविता

मेरी माँ

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** हर पल जीना हर पल मरना, संघर्ष भरा जीवन है मां का, एक पल में खुशियां है उसके, एक पल गम भरा हे माँ, मन की बातें मन में रखती, चुप चुप कर कोने में रोती, एक आंख में खुशियां उसके, एक आंख में आंसू है मां, संघर्ष भरा जीवन है मां का, कहीं कुआं कही खाई है, फिर भी खुशियां है झोली में, प्यार भरा आंचल हे माँ, नहीं सिलवटे मस्तक पर उसके, आंखों में है नेह भरा, प्यार की प्रतिमा है मां मेरी, आंचल मे हे प्यार भरा, मेहनती विवेकी अदम्य हे साहस, निडर बहादुर सुंदर है मां, पढ़ी-लिखी अनपढ़ कैसी भी, मन को पढ़ लेती है मां, बच्चों का विश्वास मनोबल, मन की बातें समझती मां। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धिया...
मोह माया
कविता

मोह माया

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** अपना बनाते बनाते जीवन गुजर गया, कम और गम खाते खाते जीवन गुजर गया, मान और सम्मान के ख़ातिर, कितनी ठोकरे हे खाई, अपमान और तिरस्कार का घूँट पिते-पिते, क्या करे कमख्खत इन आदतो का, नही तो चेन नहीं आराम जीवन में, बस छूटता तो एक, बस प्रभु नाम जीवन मै, मिलता तो अपयश और अपमान है सहना, बस प्रभु अनुराग के कारण जीवन सार्थक हे तो करना। लगे रहे अच्छे कर्मो मे हम सदा, बस प्रभु ध्यान चरणो मे, नजर सदा उसकी रहे हम पर, यही आशीष हो उनका। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित २. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन से सम्मानित ३. १५००+ कव...
जंजीर
कविता

जंजीर

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** शादी कर जंजीरों में ना बांधे, मुझे जीवन में कुछ करना है, मेरा हक मेरे भविष्य को अभी तो मुझे सँवारना है, स्कूल जाने का समय है मेरा, नहीं ससुराल में जाने का, डॉक्टर वकील प्रोफ़ेसर है बनना, हक ना छिनो मेरा है, घर के जंजीरों से ना जकड़ो, ना बेडी डालो तुम? स्कूल चले स्कूल चले स्कूल चले सब मिलकर हम, सभ्यता संस्कारों की जननी, "स्कूल" मेरे भविष्य का भाग्य विधाता, शिखर छूकर मुझे हे आना, मेरे पैरों मै जंजीरे ना बाँध तुम, आधुनिक भारत का सपना, आत्मनिर्भर भारत का सपना, साकार तभी हो सकता है, "बेटी पढ़ाओ बेटी बढ़ाओ" तभी साकार हो सकता है, "मेरी पढ़ाई मेरा भविष्य" इसको नहीं गँवाना है, उम्र से पढ़ना, एक उम्र में शादी यही जीवन की सफलता है, "हम पढ़ेंगे हम बढ़ेंगे" नहीं शादी की जंजीरों में बाँधो तुम, अपना "भविष...
रूप चौदस श्रृंगार
कविता

रूप चौदस श्रृंगार

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** मन सुन्दर सा हे बने, आत्मा का श्रृंगार, तन प्रभु की सेवा मै लगे, कंचन काया निखार। चित्त रहे निर्मल सदा, सोच रहे विशाल, विवेक बुद्धि ज्ञान धन, भरा रहे भण्डार। करे भलाई, दान, पुण्य, सेवा और सत्कार, दीनदुखियो की सेवा ही, काया का श्रृंगार। रूप चौदस, नरक चौदस, धन्वन्तरि दे आशीष, स्वस्थ रहे मानव सभी, सुर्य किरण से स्वस्थ। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित २. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन से सम्मानित ३. १५००+ कविताओं की रचना व भजनो की रचना रूचि : कविता लेखन, चित्रकला, पॉटरी, मंडला आर्ट एवं संगीत घोषणा पत्र : मैं य...
चीर
कविता

चीर

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** इस चीर की महिमा भारी इस चीर की शोभा न्यारी। चीर देखो ग्रंथ हे रचता, ब्रह्मा विष्णु महेश हे पलता। "चीर से तो लाज है अपनी, इस चीर से सम्मान है चीर से तो आन जगत में, यह चीर ही तो शान है" चीर में खुशियां झलकती, सब व्यथा इसमे है छुपी। चीर ही इतिहास बनता, द्रोपदी सीता सती। चीर मै गोपियों के आंसू, यमुना का सा नीर था। इतिहास साक्षी है यहां पर, विदुरानी का अंग ढका। चीर में श्री कृष्ण बसते, चीर ही तो कृष्ण था। नानी बाई का भात हे भरने, श्रीकृष्ण ही तो चीर था। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित २. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्ज...
उपहार नवरात्रि का
कविता

उपहार नवरात्रि का

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** त्रेता में सीता हरण हुआ, दशमुख ने रूप छुपाया है, अब कलयुग में कितने सीता हरण हुए ,कितने दुष्टो ने नाम छुपाया है। श्री राम ने रावण मारा है, अब कौन राम पैदा होंगे इन दुष्टों के संहार ने को? इन आतताईयों के मारने को? सीता ने मृग की गलती की, अब तुम कितनी गलती करती हो, अपने दिल से तुम भी पूछो, तुम भी तो गलती करती हो? पैसा सोना सौंदर्य ऐश इसके खातिर तुम बिकती हो। क्यों मां की कोख लजाती हो, क्यों अपने धर्म से विचलित होती हो। धर्म ग्रंथों को पढ़कर देखो, तुम सीता राधा द्रोपति बनो। अपने धर्म का आदर करना, तुम शास्त्र से पढ़कर हे सीखो। अपनी शान से तुम जियो, रोशन कर दो तुम मातृभूमि को, जग में नाम "उज्ज्वल" कर दो। बन जाओ झांसी की रानी अहिल्या रजिया द्रोपति प्रतिभा। छूने ना दो इन दुष्टों को, बन जाओ रणचंडी ...
द्रोपदी
स्तुति

द्रोपदी

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** क्या दोष मेरा था पांडु पुत्र, जो दांव पर मुझे लगाया है, क्या अबला समझकर मुझको तुमने दाँव पेच पर लगवाया है, क्यों मौन बैठे तुम रहते हो, कहा गया गांडीव धनुर्धर? भीम की गदा की शक्ति कहा, तलवार क्यों पडी धरा पर आज। क्यो झुका हुआ हे मस्तक पितामह का? अधर्म की ओर आज झुका हुआ? बंधे राजधर्म की जंजीरो से है, एक लाज द्रोपदी की लगी है आज। पासो मै हारी है द्रोपदी, द्रुत क्रीड़ा की पासे हे वो बनी, दुर्योधन अधर्मी बुद्धि, दुशाशन निर्वस्त्र करो तुम आज दुशाशन साडी तुम खिंचो निर्वस्त्र करो द्रोपदी को तुम, पाँचो पाँडव हारे बैठे, द्रोपदी ने जब सबको पुकारा है, नही गांडीव चला अर्जुन का है, नही गदा चली भीम की है। अधर्म के आगे धर्मराज, आज मौन हुये भीष्म पितामह है, द्रोपदी की लाज पे आच आज दुसाशन खींच रहा साडी, अबला ...
मां कालरात्रि
भजन

मां कालरात्रि

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** माता तेरा रूप निराला, कहीं शांत कहीं आग की ज्वाला। कहीं अंबे कहीं काली माता, कही खड़ग कही खप्पर ज्वाला। सौम्य रूप तुझमें हम पाते, महिषासुर मर्दिनी है तु काली। शिव के ऊँपर चढ़कर तू भागी, चंडी रूप ले रक्तबीज संहारे। नर मुंड की माला धारे, असंख्य रूप में शुंभ निशुंभ संहारे। हाथों में तलवार खड्ग मां, विद्युत की है गले में माला। चक्र त्रिशूल वज्र तुम्ह धारे, चंडी रूप से शिव भी भागे। भक्तो की हे मां यही पुकार, कलयुग में मां तुम्ही पधारे, असंख्य राक्षस आतताई माता। कन्या का अति शोषण करते, कन्या असुरक्षित है यहां माता। आज खड़क ले आओ मां, निशाचरो को मिटाओ मां। दुष्टों का वध कर जाओ मां। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन...
कानुडा थारो कई-कई भेद बताऊ
भजन

कानुडा थारो कई-कई भेद बताऊ

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** कई-कई भेद बताऊ, सांवरिया थारो कई कई भेद बताऊ।। मामा जेल में जनम लियो हैं, यशोमती गोद खेलायो। कन्हैया थारो कई-कई भेद बताऊ।। द्रोपदी को तुने चीर बढायो, साडी़ मै लिपटायो कानुडा थारो कई-कई भेद बताऊ।। मीरा ने जब जहर पियो हे, विष को अमृत बनायो , कानुडा थारो कई-कई भेद बताऊ।। यमुनाजी मै नाग को नाथ्यो फण फण निरत करायो, कानुडा थारो कई-कई भेद बताऊ।। गोवर्धन को तुने नख पर धार्यौ, ब्रज मण्डल को बचायो, गिरिधारी थारो कई-कई भेद बताऊ।। सखा सुदामा को गले से लगाया, प्रेम का भाव जगाया, साँवरिया थारो कई-कई भेद बताऊ।। म्हारे अंगना में कान्हा तुम हो पधारो, गुटवन गुटवन काना चलकर आओ, लाला भाव दर्शाओ । कन्हैया थारो कई-कई भेद बताऊ।। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्...
अयोध्या
गीत

अयोध्या

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** देखो इन्तजार खत्म हुआ, अयोध्या मे मंदिर तैयार हुआ। भव्य मंदिर हे रामलला का, सुन्दर सुशील मनमोहक कला का रामलला अति सुन्दर लगते। सीता भी सयानी लगती। आगया देखो शुभ मुहूर्त आज। "जम्मूद्वीपे भारत खंडे आर्यार्वर्ते भारतवर्षे, एक नगरी है विख्यात अयोध्या नाम की , यह जन्मभूमि है परम पूज्य श्री राम की"। मगन हुये सब संत समाज, रामलला बिराजेगे आज। सुंदर तोरण द्वार सजे है, रांगोली हर घर द्वार सजेगी। पंक्तिबद्ध श्रृंखला दीपों की, जगमग-जगमग अयोध्या नगरी आज। कंचन बरस रहा मेघो से, श्वेत अश्व सुंदर है सजे हैं, घोड़ा बग्गी भी तैयार। चले अयोध्याधाम हे आज। रामलाल का भव्य मंदिर हे तैयार। जय श्री राम जय श्रीराम, जय-जय श्री अयोध्या जी धाम। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य...
गाँधी जी का रूप निराला
कविता

गाँधी जी का रूप निराला

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** गाँधी जी का रूप निराला, गमछा लकडी चश्मा काला। शान्ति से क्रान्ति तुम करते, सविनय, दाण्डी, अग्रेंजो तुम भारत छोड़। राष्ट्र पिता भारत के तुम हो, पक्के देश भक्त भी तुम हो, अग्रेंजो की ठठरी बारी, विदेशी कपडो की होली बारी, पहुँचाया सबको निजधाम, भारत माता की जय-जय कार। कितने जुल्म सहे लोगो ने। कितने अत्याचार सहे लोगो ने, हार ना मानी जीते हे आप। विश्व गुरु फिर बनेगा आप। जय हिंद जय भारत। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स व्यवसाय : बिजनेस वूमेन विशिष्ट उपलब्धियां : १. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित २. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन से सम्मानित ३. १५००+ कविताओं की रचना व भजनो की रचना रूचि : कविता लेखन...
बेटी
कविता

बेटी

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** तप है बेटी त्याग है बेटी राधा और सीता है बेटी। ध्यान है बेटी योग है बेटी, गवरा और गायत्री है बेटी। भक्ति बेटी संस्कार है बेटी, "मीरा" भक्ति का वरदान है बेटी। साहस बेटी शक्ति है बेटी, रणचण्डी "लक्ष्मी" है बेटी। क्षमा और शील बेटी हे, देवी अहिल्या सी पावन और पवित्र है बेटी। माधुर्य ममता रक्षा है बेटी, ज्योति पुँज आयु है बेटी। आँगन की तुलसी है बेटी, पायल की झंकार है बेटी। मान सम्मान और स्वाभिमान है बेटी। संयम प्रतीज्ञा और परिक्षा है बेटी, राम की प्रतिक्षा "अहिल्या" है बेटी। माता का अभिमान है बेटी, पिता का स्वाभिमान है बेटी। किरण-विजय के लबो पर रहती, प्यारी सी मुस्कान है बेटी। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ...
बेटी
कविता

बेटी

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** मेरे जीवन की प्रथम कविता १६.०४.२०२० बेटा और बेटी तराजू के दो पलड़े हैं, बेटी प्रकृति का वरदान है, बेटी प्रभात की किरण की मुस्कान है, बेटी ना होती तो दुर्गा पूजा कहां होती, बेटी तू दुर्गा है बेटी वृषभान दुलारी है, बेटी जनक नंदिनी है, बेटी मीरा भक्ति का वरदान है, बेटी कृष्ण की कर्मा है, बेटी लक्ष्मीबाई तलवार की धार है। बेटी तो प्रतिभा की खान है, बेटी इंदिरा है बेटी विलियम हे, बेटी शक्ति है बेटी साहस हे, बेटी ममता ललिता और रमन है। बेटी तो मां की आत्मा और पिता के दिल का टुकड़ा है, बेटी बिन जग अधूरा है। बेटी ज्योति है बेटी दाऊ है बेटी ममता की छांव है, बेटी आँगन मे पायल की झंकार है, बेटी लाल चुनरी में दीपक का प्रकाश है, बेटी आयु है बेटी निधि है, बेटी तो आंगन में तुलसी सी बहार है। बेटी किरण की मुस्कान है,...
मां अंजनी के लाल
भजन

मां अंजनी के लाल

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** मां अंजनी के लाल है, पवन पुत्र हनुमान है, राम जी के दास है, रुद्र काअवतार है। तेजपुंज हनुमान है, महावीर बलवान है। राम काज में सदा है तत्पर, ऐसे संकट मोचन हनुमान है। बाल्यकाल में सूर्य को निगले, पृथ्वी पर हाहाकार है, सौ योजन समुंद्र को लागे, पवन पुत्र हनुमान है। लंका दहन किया है तुमने, मां सीता का पता लगाया है। राम की मुद्रिका सीता को दिनी, चूड़ामणि राम को लाए विश्वास के तुम सागर हैं। द्रोणागिरी पर्वत को लाए, बूटी घोट पिलाई है। लक्ष्मण के तो प्राण बचाए, ऐसे रक्षक बलशाली है। रावण जिससे डरा हमेशा, ऐसे मर्कट हनुमंत लाल है। राक्षसों का नाश कर आये, राम सिया का मिलन कराया, रामचरण अनुराग है। ह्रदय में सीताराम है, राम जी के दास है। आज्ञाकारी सेवक देखो, मां अंजनी का लाल है। परिचय :...
वादियां बुला रही है
कविता

वादियां बुला रही है

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** वादियां बुला रही है मन को लुभा रही है, देख नजारे वादियों के आंखों में समा रहे हैं, ऊंचे पर्वत गगन विशाल, मेघों के झुंड का प्रेम मिलाप , प्रकृति में बहार फूलों की छाई, गगन चूमते वृक्ष अपार, इंद्रदेव भी तत्पर रहते , हर क्षण वर्षा करते अपार, कल-कल करती नदियां हे देखो, शोर मचा कर गिरती पहाड़, पवित्र करें पावन हे धरा को, हे कठिन राह दुर्लभ है पहाड़, देख नजारा प्रकृति का, जिस प्रकृति को उसने हे रचा? वह कितना सुंदर कोमल, जिस प्रकृति को उसने है रचा, उगते सूरज की पहली है किरण, कंचन सी साड़ी ओढ़े पर्वत, देख नजारा प्रकृति का, वादियां बुला रही हरदम परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी...