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प्यार का एहसास
कविता

प्यार का एहसास

ओमदीप वर्मा महाजन, बीकानेर, राजस्थान ****************** प्यार का एहसास होते थे घर आज वह मकानों में बदल गए। अपनों से अलग होकर कहते हैं चलो अच्छा है वक्त से संभल गए। सब अपनी पकाते अपनी खाते दो-दो लोगों के परिवार हो गए। रिश्तेदारी का किसी को पता नहीं मौसाजी भी दूर के रिश्तेदार हो गए। मां बाप को निकाला था घर से वहां हार लगी तस्वीर लटकती रहती है। इंसान इंसान क्यों ना रहा 'ओम' दिल में यही पीड़ खटकती रहती है।। . परिचय : ओमदीप वर्मा निवासी : महाजन, बीकानेर, राजस्थान आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८...