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Tag: उषा शर्मा “मन”

एकता का रूप है हिंदी
कविता

एकता का रूप है हिंदी

उषा शर्मा "मन" बाड़ा पदमपुरा (जयपुर) ******************** वंदे मातरम की शान है हिंदी। देश की माला का स्वरूप, भारत मां का मान है हिंदी।। अन्य भाषाओं से बढ़कर है हिंदी। भारत भारतीयों के साथ, संविधान का गौरव है हिंदी।। हिंदुस्तान के नाम में है हिंदी। कड़ी से कड़ी जोड़ने वाली, देश को एक मुठ्ठी में करने वाली है हिंदी।। भारत की आत्मा, चेतना है हिंदी। एकता की नित्य परम्परा, भारत वासियों की पहचान है हिंदी।। अन्य भाषाओं पर विजय पाने वाली है हिंदी। जन-जन की विरासत भाषा, भारत मां की बेटी का रूप है हिंदी।। आदर्शों की मिसाल है हिंदी। हिंदी से ना कोई बढ़कर, वक्ताओं की शक्ति है हिंदी।। कालरूपी अंग्रेजी करती है दबाने को हिंदी। अंग्रेजी को पीछे कर बलवती, दिन-दिन बलवान हो जाती है हिंदी।। फूलों-सी खुशबू महक रही है हिंदी। साहित्य की मन, आत्मा का, जन्मों-जन्मों का साथ है हिंद ।। कवि-लेखकों का मान है ह...
भाई-बहन
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भाई-बहन

उषा शर्मा "मन" बाड़ा पदमपुरा (जयपुर) ******************** भाई-बहन का प्रेम से भरा, ऐसा त्योहार है रक्षाबंधन। रक्षा का सूत्र कलाई पर सजा, ललाट पर लगा ये रोली-चंदन। राखी है एक अद्भुत बंधन, जिसकी ना हो शब्दों में अभिव्यक्ति। भाई-बहन की असीम डोर, बांध रही रक्षा की यह पंक्ति। हर बहन को मिल जाती सारी खुशी, जब भाई की कलाई पर राखी बांधती। साथ ही भगवान से भाई की खुशी संग, लाखों दुआएं व खुशियां मांग लाती। आशीष-उमंग से भरा बहन का, भाई के प्रति ऐसा है प्रेम। जीवन का कैसा भी मोड़ हो, बहन-भाई का रिश्ता ना होगा कभी कम। परिचय :- उषा शर्मा "मन" शिक्षा : एम.ए. व बी.एड़. निवासी : बाड़ा पदमपुरा, तह.चाकसू (जयपुर) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते है...
स्वतंत्रता इस मिट्टी की
कविता

स्वतंत्रता इस मिट्टी की

उषा शर्मा "मन" बाड़ा पदमपुरा (जयपुर) ******************** १५ अगस्त को आता भारत का स्वतंत्रता दिवस। भारतवासी जिसे शान से मनाता हर वर्ष।। इसी दिन उन गोरे लोगों से भारत हुआ स्वतंत्र। ७३ वर्ष पूर्व ना था भारत में लोकतंत्र।। अतः सब भारतवासी लोकतंत्र का अर्थ समझे। पैसे, भाई भतीजावाद के लिए अपना मत ना बेचे।। इसी देश को विदेशों में कहते सोने की चिड़िया। सत्य, अहिंसा की कुंजी जहां की माया।। अनेक जाति हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई। एकता, अखंडता है जिस देश की मूल इकाई।। देश का तिरंगा ही बतलाता जिस धरती को। मोदी, अमित नेता जहाँ, छोड़ो सारी निराशा को।। एकता संबल जहां, टूटे अभिमान वहां। मातृभूमि की गंध जिस मिट्टी में, वह है यहां।। त्यागे सब धर्म, अपनाएं देश भक्ति का धर्म। जन - जन ऐसा जिसमें हो त्याग का कर्म।। ऐसी मिट्टी है हमारी मातृभूमि भारत माता की। परिचय :- उषा शर्मा "मन" शिक्षा : एम.ए. व बी...
उम्र का दौर
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उम्र का दौर

उषा शर्मा "मन" बाड़ा पदमपुरा (जयपुर) ******************** गुजरते देखा आज उम्र को, जब पड़ी स्वयं पर नजर। उम्र खुद को खुद से जुदा कर, चेहरा-चेहरे से बिछुड़ गया किस कदर। बढ़ती उम्र जीवन के साथ ही, बीत चला जीवन का सफर। उम्र का हर इक दौर, धरता चला अपने समय पर। उम्र का नजरिया भी देखो, स्वयं से रुबरु होने में बीत जाती उम्र।   परिचय :- उषा शर्मा "मन" शिक्षा : एम.ए. व बी.एड़. निवासी : बाड़ा पदमपुरा, तह.चाकसू (जयपुर) आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, ले...
आगे बढ़ता चल
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आगे बढ़ता चल

उषा शर्मा "मन" बाड़ा पदमपुरा (जयपुर) ******************** राही आगे बढ़ता चल। ना हो परेशान, ना हो हताश, मेहनत संग आगे बढ़ता। राही आगे बढ़ता चल। निराशा दूर कर आस संजोए, विश्वास संग आगे बढ़ता चल। राही आगे बढ़ता चल। उम्मीद की नई किरण जलाए, आत्मविश्वास संग आगे बढ़ता चल। राही आगे बढ़ता चल। मंजिल तेरी राह देख रही, हौसलो संग आगे बढ़ता चल। राही आगे बढ़ता चल। अपने लक्ष्य पर डटे रह, संयम संग आगे बढ़ता चल। राही आगे बढ़ता चल। मुश्किलों को संघर्ष से दबा के, दृढ़ संकल्प संग आगे बढ़ता चल। परिचय :- उषा शर्मा "मन" शिक्षा : एम.ए. व बी.एड़. निवासी : बाड़ा पदमपुरा, तह.चाकसू (जयपुर) आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में...
इक जवान शिक्षा के नाम
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इक जवान शिक्षा के नाम

उषा शर्मा "मन" बाड़ा पदमपुरा (जयपुर) ******************** आरएससी बीकानेर है पुलिस राजस्थान, नाम बताते है अपना ये आशु चौहान। है इसी तीसरी बटालियन का एक जवान।। कोरोना में देश कर्तव्य संग शिक्षा की प्रदान। लाखों बच्चों की शिक्षा जुड़ी संग बटालियन जवान।। निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने की मुहिम बने देश की आन। ईमानदारी से कर्तव्य निभा शिक्षा क्षेत्र में किया अपना नाम।। समाज को शिक्षित बना सके ऐसा है उनका काम। पढ़ाने का ऑनलाइन संसाधन आशु जीके ट्रिक है उसका नाम।। दिए २१००० रू. चूरू की आपणी पाठशाला को दान। आशु चौहान संग पुलिस फोर्स में अश्वनी है उनका नाम।। देश का प्रत्येक व्यक्ति अगर ऐसी सोच अपनाये। अपनी मातृभूमि में कोई भी अशिक्षित नहीं रह पाए।। . परिचय :- उषा शर्मा "मन" शिक्षा : एम.ए. व बी.एड़. निवासी : बाड़ा पदमपुरा, तह.चाकसू (जयपुर) आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक ...
मैं और हम
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मैं और हम

उषा शर्मा "मन" बाड़ा पदमपुरा (जयपुर) ******************** मैं और हम में बस इतना फर्क है, मैं अहम् को अपनाता है और हम अहम् को धिक्कारता है। मैं और हम में बस इतना फर्क है, मैं अपनेपन में जीवन चाहता है और हम अपनापन में जीवन देखता है। मैं और हम में बस इतना फर्क है, मैं संकीर्णता में सोचता है और हम व्यापकता की ओर बढ़ता है। मैं और हम में बस इतना फर्क है, मैं स्वयं के लिए जीना चाहता है और हम अपनों के लिए जीवन मांगता है। मैं और हम में बस इतना फर्क है, मैं को जानने वाला कोई नहीं रहता और हम में पूरा जगत् समा सकता है। मैं और हम में बस इतना फर्क है, मैं स्वयं से बंधे रहना चाहता है और हम सबके संग बसना चाहता है। . परिचय :- उषा शर्मा "मन" शिक्षा : एम.ए. व बी.एड़. निवासी : बाड़ा पदमपुरा, तह.चाकसू (जयपुर) आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्र...
अनेक रूप नारी के
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अनेक रूप नारी के

उषा शर्मा "मन" बाड़ा पदमपुरा (जयपुर) ******************** जगत् की पहचान है नारी, समाज का एहसान है नारी घर की आन-बान है नारी, सबसे बड़ा मां का रूप है नारी। घर का सम्मान होती नारी, घर को स्वर्ग बनाती नारी कांटे जितनी कठोर होती नारी, धर्म-कर्म से बंधी है नारी। अपनों का एहसास है नारी, सबकी परवाह करती है नारी अपनों की खुशी में, सब कुछ त्याग करने वाली है नारी। नारी की है ऐसी सूरत, सब की खुशियों को समेटे है नारी सब का अभिमान है नारी, भारत का गुण- गौरव है नारी। जिसने भारत को ऊंचा उठाया, वह परम वीरांगना है नारी काँटों जितनी कठोर होकर भी, फूल जैसी कोमल है नारी। हर क्षेत्र में अव्वल है नारी, बिन नारी खुशियां सूनी है सारी सब का सौभाग्य है नारी, देश-समाज का वरदान है नारी। परिवार का मान है नारी, समाज की मर्यादा है नारी अपनों के लिए सब कुछ त्याग-बलिदान करती है नारी। . परिचय :- उषा शर्मा "मन...