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Tag: ईन्द्रजीत कुमार यादव

वो शहर कब हमारा था
कविता

वो शहर कब हमारा था

====================== रचयिता : ईन्द्रजीत कुमार यादव वो शहर कब हमारा था, वहाँ तो बस बंजारों की तरह गुजारा था, लाख समंदर था तेरे पास, फिर भी तेरे कूचे से मैं गुजरा प्यासा था, ये गुल गुलिस्तां हो तुझे मुबारक, मुझे तो बस तेरे काँटो का सहारा था। वो शहर कब हमारा था, सड़क पर वो बंगला तुम्हारा था, वो सड़क जो जंगल से होकर गुजरती थी, उसी विराने में एक छोटा सा मकान हमारा था, ये रात,ये चाँद, ये ठंडी हवाएं हो तुझे मुबारक, मुझे तो बस आसमां का चादर और एक खाट का सहारा था, वो शहर कब हमारा था, वो आंधी बेवफ़ाई की जो हर रात आती थी मेरा घर तोड़ने को, उसके पास पता सिर्फ हमारा था, ये महफ़िल, ये नगमे, ये शामे रंगीन हो तुझे मुबारक, मुझे तो बस ये मशान और एक जुगनु की रौशनी का सहारा था। लेखक परिचय :-  नाम : ईन्द्रजीत कुमार यादव निवासी : ग्राम - आदिलपुर जिला - पटना, (बिहार) आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, ले...
उस पार
कविता

उस पार

  ====================== रचयिता : ईन्द्रजीत कुमार यादव एक वादा तो दे देते की लड़ाई इस पार की उस पार न होगा, जो कहानी लिखा है ख़ुदा ने इस पार वो उस पार न होगा, वादा है तुझसे इस जहां से अच्छी कहानी मैं उस जहां में लिखूँगा। कुछ लिखूँगा ,कुछ कहूँगा आवाज सदियों पार भेजनी है, माना आज कुछ बंदिशे हैं जमाने की जिससे बंधे हैं हम दोनों, इतना तो वादा चाहूंगा तुझसे, इन्तेजार तेरा उस पार मेरा ज़ाया न होगा। बात एक रात की होती तो सो भी जाता, अब ये अश्क़ अपना अंजाम पूछता है, जहाँ ठहरना है वो मुकाम पूछता है, अब तू ही बता क्या आशियाना हमारे गमों का उस पार भी होगा? ज़ार-ज़ार होकर रोने को वहाँ क्या तेरा कान्धा होगा? जिसमे लिपट कर ये रूह फ़ना हो जाए, क्या वो दामन तेरा होगा? सड़क बहुत लंबा है इस तरफ का, तू साथ दे उस पार तो हर कदम मेरा तेरे साथ होगा। लेखक परिचय :-  नाम : ईन्द्रजीत कुमार यादव निवासी : ग...
कहानी घर की
कविता

कहानी घर की

============================================ रचयिता : ईन्द्रजीत कुमार यादव कोई बताए कैसे बनेगा घर मेरा ? कुछ मिट्टी और कुछ गिट्टी का इंतेजाम कराना है, लेकिन इससे पहले पेट में लगी आग बुझाना है। कोई बताए कैसे बनेगा घर मेरा ? कुछ ईंट कुछ पत्थर का भी इंतेजाम कराना है, लेकिन उससे पहले कुछ कर्ज भी चुकाना है। कोई बताए कैसे बनेगा घर मेरा ? घर के किसी कोने में रशोईघर भी बनवाना है, लेकिन पहले आज केलिये रशोई का समान भी लाना है। कोई बताए कैसे बनेगा घर मेरा ? एक कमरे में हमे अपने भगवान को बसाना है, मगर मित्रों एक घर बनाने केलिये पहले पैसों को भगवान बनाना है। लेखक परिचय :-  नाम : ईन्द्रजीत कुमार यादव निवासी : ग्राम - आदिलपुर जिला - पटना, (बिहार) आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्र...