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भारत की विरासत
कविता

भारत की विरासत

आशीष प्रवीण पंचोली अमझेरा धार (मध्यप्रदेश) ******************** भारत की विरासत हमें प्यारी है, झलकती जिसमे भारतीय संस्कृति हमारी है! सवेरे उठ माता-पिता के चरण वंदन हम करते है, छोटो को प्यार-मान सम्मान हम देते है! संस्कारो की यह भूमि बतलाती कई कहानी है, झलकती जिसमें भारतीय संस्कृति हमारी है! भारत की विरासत हमें प्यारी है !! वेद पुराणो का यहाँ आचरण किया जाता है, यहाँ नारी को सीता बालक को राम कहा जाता है! बहती नदियो की धारा यहाँ आस्था के दीप जलाती है, झलकती जिसमें भारतीय संस्कृति हमारी है! भारत की विरासत हमें प्यारी है !! उत्तर मे बसा हिमालय नया रूप सजाता है, त्योहारो को यहाँ मिल जुलकर मनाया जाता है! बोली यहाँ प्रेम, स्नेह, मर्यादा की भाषा सिखलाती है, झलकती जिसमें भारतीय संस्कृति हमारी है! भारत की विरासत हमें प्यारी है !! इतिहास हमारा विरासते काई ...